गुड्डू पंडित और कलीन भैया की टक्कर रही कमजोर

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पिछले दो सालों से मिर्जापुर का सोशल मीडिया पर भौकाल मचा हुआ है। मिर्जापुर के फैंस सीरीज के दूसरे सीजन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। ये इंतजार 23 अक्टूबर 2020 को जाकर खत्म हुआ। अमेजन प्राइम पर मिर्जापुर 2 को रिलीज किया गया। जैसा की उम्मीद थी पहले ही दिन लोगों ने रातों को जागकर 10 एपिसोड वाली इस सीरीज को पूरा किया क्योंकि मिर्जापुर का लोगों में एक अलग लेवल का क्रेज था। मिर्जापुर के दूसरे सीजन की बात करें तो वह पहले सीजन की तरह भौकाल नहीं मचा पाया। मिर्जापुर 2 की कहानी को भी अधूरा रखा गया तीसरे सीजन के लिए।
कहानी 
पिछली बार झोपड़ी वाले चाचा के डांस के बाद मुन्ना भैया ने गौरखपुर की शादी में गुड्डू भैया के परिवार का डी एंड कर दिया था। मुन्ना ने गुड्डू के भाई बबलू, पत्नी स्वीटी और होने वाले जूनियर गुड्डू को धरती पर आने से पहले ही निपटा दिया था। गौरखपुर कांड में गुड्डू भैया, उनकी बहन डींपी और स्वीटी की बहन गोलू गुप्ता बच गयी थी। दूसरे सीजन में पैर में गोली लगने के बाद लंगड़े हो चुके गुड्डू भैया,  गोलू गुप्ता अपने परिवार की मौत का मुन्ना और कालीन भैया से बदला लेने की तैयारी कर रहे हैं। दूसरी तरफ कालीन भैया की पत्नी बीना के साथ बाउ जी ने जो किया उसका बदला बीना मीठी छूरी बन कर ले रही हैं। दद्दा त्यागी, शरद शुक्ला, माधुरी माधवी, रोबीन, बाबर जैसे नये किरदारों की कहानी को भी जोड़ा गया है। कहानी के सार का बात करें तो इस बार पूरी कहानी गुड्डू पंडित- गोलू का बदला, मिर्ज़ापुर की गद्दी के लिए मुन्ना त्रिपाठी की तड़प और कालीन भैया की राजनीतिक महत्वाकांक्षा, बीना के पेट में किसका बच्चा है, के सस्पेंस पर टकी हुई है।
 
मिर्जापुर 2 रिव्यू
कम शब्दों में अगर मिर्जापुर के दूसके सीजन की व्याख्या की जाए तो मिर्जापुर 2 बदले की कहानी हैं, जिस में इस बार महिलाओं के किरदार पर जोर दिया गया। मिर्जापुर में इस बार महिलाओं का भौकाल रहा है। मिर्जापुर 2 में पुराने किरदारों के साथ साथ कई नये किरदारों की कहानी भी जोड़ी गयी हैं जिनकी सीरीज में जरूरत नहीं दिखाई पड़ी। नये किरदारों के चक्कर में कई पुराने किरदार कमजोर हो गये हैं। कई जगह कहानी भी काफी कमजोर हो गयी हैं। इन बारीक कमजोरियों को अगर नजर अंदाज कर दिया जाए तो मिर्जापुर 2 धमाल मचा रही हैं।
किरदार की व्याख्या 
गोलू गुप्ता
मिर्जापुर 2 में गोलू गुप्ता का किरदार निखर कर सामने आया है। गोलू के किरदार में श्वेता त्रिपाठी ने काफी दमदार एक्टिंग की हैं। उनके चेहरे पर बहन और बॉयफ्रेंड की मौत से होने वाली तकलीफ और बदले की आग को देखा जा सकता है। गंभीर रोल के अलावा गोली अपने जीजा गुड्डू के करीब आ रही डिंपी की सहेली से जलन वाली भावना को भी पर्दे पर बखूबी दिखाया है। गोलू का शानदार एक्शन भी काफी तारीफ बटौर रहा हैं।
गुड्डू पंडित
इस बार पिछले सीजन की शान रहे गुड्डू पंडित यानी अली फजल कमजोर लग रहे हैं। उनका किरदार काफी कमजोर लगा है। गुड्डू का टूटा पैर उनके किरदार को कमजोर कर रहा था। एक दर्शक में अनुसार आखिरी में गुड्डू को दमदार अवतार में देखने की उम्मीद थे लेकिन 4-5 एपिसोड के बाद गुड्डू की लंगड़ी टांग आंखों को खटकने लगती हैं।
कालीन भैया
पिछले सीजन की तरह कालीन भैया यानी की पंकज त्रिपाठी मिर्जापुर 2 की भी शान रहे हैं। इस बार कालीन भैया राजनेताओं को सपोर्ट करके राजनीतिक पहुंच बनने के जुगाड़ में नजर आये हैं। उन्होंने राजनीतिक पहुंच के लिए अपने बेटे की शादी मुख्यमंत्री की बेटी माधुरी माधव के साथ भी करवा दी।
मुन्ना त्रिपाठी
मुन्ना सीरीज के विलेन है लेकिव पहली बार एक विलेन को दर्शक हीरो मान रहे हैं।दिव्येंदु शर्मा ने मुन्ना के किरदार को स्क्रीन पर जिया हैं। प्यार का पंचनामा के लिक्विड से दिव्येंदु शर्मा अब मिर्जापुर के मुन्ना त्रिपाठी के नाम से मशहूर हो गये हैं। दिव्येंदु शर्मा ने अपने किरदार के लिए जितनी मेहनत की है उसे आप स्क्रिन पर देख सकते हैं।
बीना त्रिपाठी
रसिका दुग्गल ने मिर्जापुर में कलीन भैया की पत्नी बीना का किरदार निभाया है। रसिका दुग्गल एक शानदार एक्ट्रेस हैं ये बात उन्होंने कई वेब सीरीज में अपने काम से जाहिर कर दी है। बीना का बागी किरदार भी उन्होंने बखूबी निभाया।
कलाकार– पंकज त्रिपाठी, अली फ़ज़ल, दिव्येंदु, रसिका दुग्गल, ईशा तलवार, श्वेता त्रिपाठी, कुलभूषण खरबंदा, राजेश तैलंग, विजय वर्मा, हर्षिता गौड़ आदि।
निर्देशक– गुरमीत सिंह और मिहिर देसाई
निर्माता- फरहान अख़्तर और रितेश सिधवानी
रेटिंग-  (तीन स्टार)
आकाश भगत

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