भारतीय वायु सेना में पहली बार शामिल किए गए देसी कुत्ते, जानिए इस नस्ल के बारे में

0
भारतीय वायु सेना ने पहली बार, रनवे से खाड़ी में उड़ान रहित पक्षियों और जानवरों को रखने के लिए मुधोल हाउंड को शामिल करने का फैसला किया है जिससे उड़ानों के दौरान इस तरह के पशु दुर्घटनाओं का जोखिम कम हो सके। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री गोविंद एम करजोल ने शुक्रवार को बागलकोट जिले में कैनाइन रिसर्च एंड इंफॉर्मेशन सेंटर (CRIC) के माध्यम से दो नर और दो मादा मुधोल पिल्लों को IAF को सौंपा है। यह कर्नाटक पशु चिकित्सा, पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, बीदर (केवीएएफएसयू) की एक यूनिट है, जहां रविवार को पिल्लों को आगरा एयरबेस में उतारा गया था।
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब मुधोल हाउंड भारतीय सुरक्षा बलों के साथ काम कर रहे हैं। साल 2017 में भारतीय सेना की लिस्ट में सबसे पहले हाउंड नस्ल की ही शुरुआत की गई थी। एक साल से अधिक समय तक मेरठ में सेना के रिमाउंट एंड वेटरनरी कोर सेंटर (RVC) में कठोर प्रशिक्षण के बाद, KVAFSU द्वारा सेना को छह मुधोल हाउंड सौपें गए थे।कैनाइन रिसर्च एंड इंफॉर्मेशन सेंटर के निदेशक महेश डोडमानी ने इस नस्ल को लेकर कहा कि, “यह राष्ट्र की सेवा करने वाली पहली भारतीय नस्ल होगी, इससे पहले सशस्त्र बलों ने बेल्जियम शेफर्ड,लैब्राडोर जैसे नस्ल को अपने साथ शामिल किया था।

 

 

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने अपनी मन की बात में भी देसी कुत्तों को पालने की अपील की थी। देसी कुत्तों को पालने पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने मुधोल हाउंड, हिमाचली हाउंड, राजपालयम, कन्नी, चिप्पीपराई और कंबाई जैसी भारतीय नस्लों को पालने की बात की थी और कहा था कि इनको पालने में कम रखरखाव लगता है और साथ ही यह कुत्ते काफी वफादार होते है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया था कि कैसे भारतीय सुरक्षा बलों ने इन कुत्तों को अपने डॉग स्क्वॉड में शामिल किया है और प्रशिक्षित किया है। बता दें कि ये कुत्ते कर्नाटक और महाराष्ट्र की सीमा से लगे क्षेत्र से आते हैं।
आकाश भगत

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed