संविधान को जानें: केंद्र और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों की सूची

0

भारत आगामी मंगलवार को अपना 72वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। इसी दिन 1950 में सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर देश का संविधान लागू हुआ था। इसके छह मिनट बाद 10:24 मिनट पर राजेंद्र प्रसाद ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। आइए जानते हैं संविधान के बारे में कुछ खास बातें। भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। मूल संविधान में कुल 395 अनुच्छेद थे। बाद में 444 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हो गई। डाॅ. राजेंद्र प्रसाद के अनुसार राज्य के नीति निदेशक तत्वों का उद्देश्य जनता के कल्याण को प्रोत्साहित करने वाली सामाजिक व्यवस्था का निर्माण करना है।

 

 

 राज्यों की शक्तियां

 

संविधान के भाग-XI में अनुच्छेद 245 से 255 तक केंद्र और राज्य विधायी संबंधों की चर्चा की गई है। इसके अलावा कुछ और अनुच्छेद भी इससे संबंधित हैं। संविधान के अनुच्छेद 245 के अनुसार संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए संसद भारत के संपूर्ण राज्य क्षेत्र व उसके किसी भाग के लिए विधि बना सकेगी।

 

 

भारतीय संविधान में केंद्र व राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के रूप में सातवीं अनुसूची में तीन प्रकार की सूचियां हैं :-

  • संघ सूची में महत्वपूर्ण विषयों का जिक्र है और रक्षा, संचार, विदेश नीति आदि शामिल हैं, जहां केंद्र के कानून प्रभावी हैं।
  • सूची में राज्य सरकार के पास कानून बनाने की शक्ति है, लेकिन मतभेद की स्थिति में राज्य कानून के ऊपर केंद्रीय कानून को वरीयता दी जाएगी।
  • समवर्ती सूची के अनुसार केंद्र व राज्य के कानूनों में विरोध नहीं होना चाहिए, अन्यथा केंद्र के कानून प्रभावी होंगे। वर्तमान में इससे 52 विषय (मूलत:47) हैं। जैसे अपराधिक कानून प्रक्रिया, सिविल प्रक्रिया, विवाह और तलाक, श्रम कल्याण, बिजली आदि।
आकाश भगत

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed