9 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है भारतीय प्रवासी दिवस?

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प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने के लिए हर साल 9 जनवरी को मनाया जाता है।
इस दिन साल 1915 में, महात्मा गांधी, सबसे महान प्रवासी भारतीय, दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया और भारतीयों के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया। इसलिए, इस अवसर को मनाने के लिए 9 जनवरी का दिन चुना गया।
इस आयोजन की शुरूआत सबसे पहले 7 से 9 जनवरी साल 2003 में किया गया था जिसके बाद से हर साल PBD सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। ये आयोजन विदेशी भारतीय समुदाय के लिए एक मंच के रूप में सरकार और पुरखों के लोगों के साथ जुड़ने का काम करते हैं। ये सम्मेलन दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए नेटवर्किंग का एक साधन हैं, जिससे उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में अपने अनुभव साझा करने की अनुमति मिलती है।

इस साल, प्रवासी भारतीय दिवस का थीम “आत्मानिर्भर भारत में योगदान” है। कोरोना वायरस महामारी के बीच प्रवासी भारतीय दिवस समारोह का आयोजन किया गया। प्रवासी भारतीय दिवस 2021 सम्मेलन में तीन खंड शामिल किए गए और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रवासी भारतीय दिवस के समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर गरीबों को सशक्त करने के भारत के प्रयासों पर पूरी दुनिया चर्चा कर रही है।
मोदी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र पर एक वक्त संदेह प्रकट किया गया था, लेकिन आज भारत ही वह स्थान है जहां लोकतंत्र सबसे अधिक मजबूत है और सबसे जीवंत है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया के कोने-कोने से हमें भले इंटरनेट से जोड़ा गया है। लेकिन हम सबका मन हमेशा से मां भारतीय से जुड़ा है, एक दूसरे के प्रति अपनत्व से जुड़ा है। दुनियाभर से हजारों साथियों ने भारत को जानिए क्विज कॉम्पीटिशन में हिस्सा लिया है। ये संख्या बताती है कि जड़ से भले दूर हो जाएं, लेकिन नई पीढ़ी का जुड़ाव उतना ही बढ़ रहा है।

पीबीडी 2020 का आयोजन
पीबीडी 2020 का आयोजन 9 जनवरी 2020 को नई दिल्ली में किया गया था जिसमें विदेश मंत्री (ईएएम) ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आठ देशों में प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत की थी। यह कार्यक्रम विदेशों में सभी भारतीय मिशनों और पोस्टों के लिए लाइव वेबकास्ट था।
आकाश भगत

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