DSGMC ने विदेश मंत्री को लिखा पत्र, करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का प्रबंधन पाकिस्तान के फैसले पर जताई आपत्ति

0
नयी दिल्ली। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) ने बृहस्पतिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर पाकिस्तान के उस फैसले पर आपत्ति जताई है जिसमें करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का प्रबंधन पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) से लेकर एक गैर-सिख निकाय को सौंपा गया है। कमेटी ने अपने पत्र में इस फैसले को गुरुद्वारा मामलों में एक सीधा हस्तक्षेप बताया और केन्द्रीय मंत्री से इसे तुरंत पाकिस्तान सरकार के समक्ष उठाने का आग्रह किया है। इसके अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर संयुक्त सचिव (एमईए) जे पी सिंह से भी मुलाकात की। कमेटी ने कहा कि गुरुद्वारा करतारपुर साहिब एक ऐतिहासिक स्थल है जहां गुरु नानक देव जी ने अंतिम सांस ली थी।
दुनियाभर के सिख समुदाय की भावनाएं इससे जुड़ी हुई है। पाकिस्तान सरकार ने करतारपुर साहिब का प्रबंधन और रखरखाव का काम पीएसजीपीसी से लेकर एक गैर-सिख निकाय ‘इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ (ईटीपीबी) के तहत एक परियोजना प्रबंधन इकाई को स्थानांतरित कर दिया है। भारत ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के प्रबंधन को एक अलग ट्रस्ट को सौंपे जाने के पाकिस्तान के फैसले को ‘‘अत्यधिक निंदनीय’’ करार देते हुए कहा कि यह सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि सिख समुदाय ने भारत को दिए प्रतिवेदन में पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से गुरुद्वारा प्रबंधन एवं रखरखाव का काम एक गैर-सिख निकाय, ‘इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ को सौंपने को लेकर चिंता व्यक्त की है। दोनों देशों ने पिछले साल नवम्बर में पाकिस्तान में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब से भारत के गुरदासपुर में डेरा बाबा साहिब तक एक गलियारा खोल कर लोगों को जोड़ने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया था।
आकाश भगत

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed