• गंदगी में रहने को मजबूर हैं स्थानीय निवासी

झारखण्ड/पाकुड़ , अमड़ापाड़ा (संवाददाता) : अमड़ापाड़ा प्रखंड के स्थानीय बाजार की सफ़ाई व्यवस्था पर पूर्ण ग्रहण लग गया है। ऐसा लगता है कि किसी की बुरी नज़र से व्यवस्था चौपट हो गई है।

स्वच्छ भारत अभियान का शोर थम सा गया है। अब स्वच्छता व्यवस्था ठंडे बस्ते में चली गई है। न तो प्रशासन, न जनप्रतिनिधि और न ही स्थानीय लोगों की अब इसमें रुचि है।

आलम यह है कि क्षेत्रों में हर तरफ फैली गंदगी से सभी परेशानियों का सामना कर रहे है। इसके चलते मतदाताओं में काफ़ी आक्रोश पनप रहा है। मतदाताओं का तर्क है कि जनप्रतिनिधियों द्वारा हर बार स्वच्छता व्यवस्था को माकूल किए जाने को लेकर कई प्रकार के वादे किए जाते है, लेकिन चुनाव बीतने के बाद सारे वादे धरे के धरे रह जाते है।

कहाँ है ज्यादा परेशानी :

इलाके के बस स्टैंड, हटिया पाड़ा, पुराना स्टेट बैंक तथा अन्य जगहों के आसपास सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है जिससे आम जनमानस को काफ़ी परेशानी झेलनी पड़ रही हैं।

गंदगी बढ़ने से मच्छरों की संख्या बढ़ने से भी सभी त्रस्त है इससे बीमारी फैलने की आशंका है।डेंगू, कालाजार, टाइफाइड, मलेरिया, बुखार आदि बीमारियाँ फैलने का डर है।

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