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  • जयपुर से 1 गिरफ्तार, मशीन की तलाश

कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन के दौरान शातिर बदमाशों ने जयपुर में किराए का कमरा लेकर नकली नोट छापने की मशीन ही लगा ली। करीब 15 लाख रुपए भी छाप लिए लेकिन नोटों को खपाने के दौरान पुलिस की नजरों में आ गए। पुलिस ने जांच करते हुए तीन साथी तो गिरफ्तार कर लिए थे, लेकिन जिसके पास नोट छापने की मशीन थी वह पुलिस को तीन म​हीने तक गच्चा देता रहा। आखिरकार जयपुर के चौमूं सर्किल से सीकर की सदर थाना पुलिस ने उसे ​दबोच लिया।

 

मामला गंभीर इसलिए है कि नकली नोट की खेप पुलिस को मिली है उसके आधार पर 15 लाख रुपए छापना मान रही है। जबकि कितने नोट खपा चुके है। इसका पुलिस को फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। पकड़ा गया शातिर मुबारिक खान (26) झुुंझुनूं जिले के टाई गांव का रहने वाला है।

 

  • ऐसे हुआ था खुलासा गिरोह का

मामला जून 2020 का है। शहर के दादिया थाना इलाके में एक टैक्सी में जाने वाले तीन लोगों की जांच की तो उनके पास दस लाख रुपए की नकदी मिली। पुलिस ने नकदी के बारे में पूछताछ की और जांचा तो सभी नोट नकली मिले। इनमें झुंझुनू के टाई गांव का रहने वाला असलम, रफीक पुत्र आमिर खान और मंडावा का रहने वाला रफीक था। शुरुआती पूछताछ में सामने आया कि असलम का एक भाई सउदी अरब में रहता है और उसी ने यह रकम भेजी है। आरोपियों ने पूछताछ में यह पैसा हवाला से मिलने वाला बताया है। ये लोग पैसा असली बता रहे थे, लेकिन पुलिस की जांच में नोट नकली पाए गए। बरामद किए गए सभी नोट दो हजार रुपये के हैं।

 

इसके बाद उनकी निशानदेही पर पुलिस गिरोह​ से जुड़े तीन लोग आसिफ, मेजर खां और भीलवाड़ा निवासी अभिषेक को गिरफ्तार ​कर लिया। उनके पास से पुलिस ने तीन लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए। लेकिन उनका एक साथी पुलिस को छकाने में कामयाब हो गया।

पूछताछ में सामने आया कि नोट छापने की मशीन फरार हुए साथी मुबारिक की थी। इसने जयपुर में किराए के कमरे में लगाकर लॉकडाउन के दौरान छापे थे। उन नोटों को खपाने के लिए जरुरतमंदों पर नजर थी। लेकिन पकड़ में आ गए।

 

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आकाश भगत

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