हिंदुओं को रिझाने में जुटीं प्रियंका, क्या बनेंगी योगी के लिए चुनौती?

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नैनी स्थित अरैल घाट पर मौनी अमावस्या के अवसर पर गंगा में डुबकी लगाई और स्नान के बाद पूजा अर्चना की। इसके अलावा उन्होंने द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया।

 

 

इस दौरान प्रियंका ने स्वयं चप्पू चलाकर नाव को अरैल घाट तक लेकर आयीं और इस दौरान उनके साथ मौजूद स्थानीय कांग्रेस नेता हसीब अहमद ने उनके साथ सेल्फी लेने का आग्रह किया जिस पर प्रियंका ने नाविक कुलदीप निषाद को भी सेल्फी में शामिल करने के लिये कहा। लेकिन प्रियंका की इस यात्रा के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।

 

 

 

याद करें 2017 का वो दौर जब गुजरात चुनाव का वक्त था और राहुल गांधी मंदिर-मंदिर घूम रहे थे। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राहुल गांधी ने साॅफ्ट हिन्दुत्व की राह पकड़ी थी। उत्तर प्रदेश में चुनाव होने में एक वर्ष का समय शेष रह गया है और साल 2022 में यूपी चुनाव होने हैं। जाहिर है मौके की नजाकत को भांपते हुए कांग्रेस पार्टी को नये कलेवर में ढालने की कवायद हो रही है।

 

 

 

ये जाहिर सी बात है कि कलेवर बदलना है तो तेवर भी बदलेंगे और इसी बदले हुए तेवर के साथ यूपी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मौनी अमावस्या पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज के द्वार पर दस्तक दी।

 

 

गौर हो कि बीते कुछ वक्त से जिस तरह से भाजपा ने हिंदुत्व की राजनीति को धार देकर कांग्रेस पर हिन्दू हितों की सदैव अनदेखी करने का आरोप लगाती रही है। ऐसे में साल 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर प्रियंका गांधी राज्य की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। जहां पार्टी के मुकाबिल गोरक्ष पीठाधीश्वर और प्रखर हिंदुत्ववादी योगी आदित्यनाथ है।

इसी सब को ध्यान में रखते हुए प्रियंका गांघी ने कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोग कृष्णम को आगे किया है। जिसके जरिये ये संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस उतनी ही हिंदू हैं जितने कि भाजपा के लोग या फिर अन्य कोई भी।

 

मौनी अमावस्या थी और मान्यताओं के मुताबिक़ गंगा में स्नान का इस दिन का काफ़ी महत्व है। मौनी अमावस्या माघ मेले का सबसे प्रमुख स्नान पर्व है और मेला प्रशासन का दावा है कि इस मौके पर यहां गंगा, यमुना और संगम में शाम छह बजे तक लगभग 30 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया।

आकाश भगत

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