नई दिल्ली : कृषि कानून पर संसद में चर्चा होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से अपील की थी कि वे आंदोलन खत्म कर बातचीत के जरिए समस्याओं को सुलझाएं। हालांकि इस अपील का असर किसानों पर होता नहीं दिख रहा। किसान संगठन फिलहाल अपने आंदोलन का दायरा बढ़ाने की योजना में लगे हुए है।

 

 

 

अब किसान संगठनों ने ऐलान कर दिया है कि 18 फरवरी को 4 घंटे के लिए ट्रेन रोको अभियान चलाया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से डॉ दर्शन पाल ने इस संबंध में ब्योरा जारी किया। किसानों ने 14 फरवरी को पुलवामा शहीदों की याद में मोमबत्ती मार्च निकालने का भी फैसला लिया है।

 

 

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बयान में यह भी घोषणा की कि अपनी एक सप्ताह लंबी विरोध रणनीति के तहत राजस्थान में 12 फरवरी से टोल संग्रह नहीं करने दिया जायेगा। तीन कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर इस महीने के शुरू में उन्होंने तीन घंटे के लिए सड़कों को अवरुद्ध किया था। गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा कि आंदोलनकारी किसान केंद्र में कोई सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं।

आकाश भगत

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