टिकैत के आंसुओं ने पलटी बाजी या बहिष्कार के दबाव और दारू के प्रभाव से बदला माहौल, जानें सच!
नई दिल्ली : दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटे हैं। वहीं राकेश टिकैत के आंसुओं ने इस आंदोलन को फिर से रफ्तार दे दी जैसे तमाम दावे भी विभिन्न मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से किए जा रहे हैं। लेकिन तमाम दावों के बीच कुछ ऐसी भी खबरें सामने आ रही है जो अलग ही कहानी बयां कर रही हैं। खबरों की मानें तो कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन में शामिल होने के लिए लोगों पर दबाव डाला जा रहा है।
इसके साथ ही जुर्माने और सामाजिक बहिष्कार की धमकी देकर लोगों पर दबाव भी बनाया जा रहा है। वहीं एक ऑडियो भी दिल्ली बीजेपी की प्रवक्ता नीतू डबास की ओर से ट्वीट किया गया है जिसमें आंदोलन में शामिल होने के लिए पैसे और शराब मिलने की बात करते व्यक्ति सुनाई पड़ रहा है।
हालांकि हम इसके सत्यता की पुष्टि नहीं करते लेकिन बीजेपी नेता की ओर से ट्वीट किए ऑडियो को आपसे साझा करते हैं, जिसमें प्रदर्शनकारी यह कहते हुए सुने जा रहे हैं कि य़हां खाने-पीने की पूरी व्यवस्था है। रात को दारू मिलते हैं और दिन में पैसे भी मिलते हैं। हमारे तो बड़े मजे हैं। जब पैसे मिल रहे हैं तो फायदा तो उठाएंगे ही। दिन के दो-चीन हजार रुपये मिल जाते हैं। मजे आ रहा है बहुत। दारु का खर्चा आराम से निकल रहे हैं। हमारे यहां तो योगी जी बैठे हैं बढिया काम कर रहे हैं। पर मजे में कोई कमी नहीं आ रही, मजा ले रहे हैं पूरा।
दिन में पैसे मिल जाते हैं, रात में दारू का बढ़िया इंतजाम।
@गाजीपुर बॉर्डर pic.twitter.com/jd1yPPw6tE— Neetu Dabas,(नीतू डबास)🇮🇳 (@INeetuDabas) January 29, 2021
Punjab: Virk Khurd gram panchayat in Bathinda decides to send at least one member of each family to farmers’ protest at Delhi borders for a week
“Those who won’t go to protest will be fined Rs 1,500 & those not paying fine will be boycotted,” says Sarpanch Manjit Kaur. (29.01) pic.twitter.com/XZ1n0az38B
— ANI (@ANI) January 30, 2021