बाबूलाल मरांडी ने कहा- झारखण्ड पुलिस की भूमिका संदिग्ध

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  • मामले को कवर अप की कोशिश में जुटी पुलिस

झारखण्ड/राँची : भाजपा विधायक दल के नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने साहिबगंज की घटना में पुलिस की भूमिका संदिग्ध बताते हुए झारखण्ड सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा है कि पूरे मामले में झारखण्ड पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। स्थानीय साहेबगंज पुलिस मामले को कवर अप करने की कोशिश में जुटी हुई है।

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि साहिबगंज जिले के लखीमपुर में एक 13 साल की आदिवासी नाबालिग बच्ची की हत्या की घटना में झारखंड पुलिस की भूमिका संदिग्ध है और मैं इसकी की तीव्र निंदा करता हूं। हत्या के साथ गैंगरेप की भी बात सामने आ रही है और साहेबगंज की पुलिस इस मामले को कवर अप करने की कोशिश में लगी है। उन्होंने कहा कि पीड़िता की मां ने थाने जाकर इस पूरे मामले की शिकायत की थी। लेकिन रंगा थाने के थानेदार ने उन्हें इस मामले को गांव में ही सलटाने की बात कहकर लौटा दिया था। उसके बाद निराश परिजनों ने पीड़िता को दफना दिया।

उन्होंने कहा कि पीड़िता की मां का कहना है कि वह थाने गई थी और थानेदार ने मामले को लेने से इनकार किया था। ऐसे में पुलिस की भूमिका बहुत निंदनीय हो जाती है। जिस तरीके से एक नाबालिग की हत्या के बाद न्याय मांगने थाना गई मां को पुलिस ने भगा दिया यह पूरे सिस्टम की वास्तविकता को दिखाता है। हेमंत सरकार में बेटियां सुरक्षित नहीं: बाबूलाल मरांडी बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखण्ड सरकार, पुलिस अविलम्ब उन दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित करके पूरे घटना की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराए। क्योंकि वहां की पुलिस खुद इस मामले में कार्रवाई न करने को लेकर कठघरे में है।

  • हेमंत की राज में सुरक्षित नहीं बेटियां

हेमंत सोरेन की सरकार के कार्यकाल में बेटियां बिल्कुल सुरक्षित नहीं हैं और इस सरकार के कार्यकाल में बलात्कार की रिकॉर्ड संख्या में घटनाएं हुई हैं। यह घटना मुख्यमंत्री के विधानसभा इलाके में हुई है। जब मुख्यमंत्री के विधानसभा इलाके में यह स्थिति है तो पूरे प्रदेश की स्थिति का आकलन किया जा सकता है।

आकाश भगत

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