क्या राहुल गांधी दोबारा नहीं बनना चाहते हैं कांग्रेस अध्यक्ष ?
- इटली दौरे के बाद स्पष्ट होगा मामला
नई दिल्ली : नए साल की शुरुआत हो चुकी है। लेकिन कांग्रेस को अभी तक अपना अध्यक्ष नहीं मिल पाया है। लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को मिली करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने बतौर कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और कांग्रेस कार्यसमिति के समक्ष यह भी स्पष्ट कर दिया था कि उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा भी अध्यक्ष नहीं बनेगी। जिसका मतलब साफ था कि कांग्रेस को अब गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष तलाशना होगा।
गांधी परिवार के बाहर के सदस्य का मतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की तैयारियां कराई जाएं। केंद्रीय चुनाव समिति पिछले काफी समय से राज्यों के करीब एक हजार मतदाताओं की सूची को तैयार अंतिम रूप देने में जुटी हुई है जो नए अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। लेकिन चुनाव समिति को इस बात की जानकारी नहीं है कि अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कब होंगे। हालांकि, कहा यह जा रहा है कि जब राहुल गांधी विदेश दौरे से वापस आ जाएंगे तभी यह स्पष्ट हो पाएगा कि चुनाव होगा भी या नहीं।
कहां हैं राहुल गांधी ?
कांग्रेस के 136वें स्थापना दिवस के एक दिन पहले रविवार को राहुल गांधी इटली के लिए रवाना हो गए। बताया जा रहा है कि वह अपनी नानी से मिलने के लिए गए हैं। राहुल गांधी का यह दौरा ऐसे समय में हुआ जब किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर एकजुट हैं।
जानकार बताते हैं कि राहुल गांधी का पार्टी के स्थापना दिवस के एक दिन पहले छुट्टी पर जाना यह दर्शा है कि उन्हें अध्यक्ष पद में कोई दिलचस्पी नहीं है और उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर यह सिद्ध भी किया था।
वहीं, पार्टी नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी ही कांग्रेस को मजबूती प्रदान कर सकते हैं और सूत्रों ने यह जानकारी भी दी कि राहुल गांधी इटली दौरे के बाद अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने बताया कि वह राहुल गांधी को अपना नेता मानते हैं और वह जो भी फैसला लेंगे वह मान्य होगा। हालांकि, आगे उन्होंने यह भी कहा कि पहले बताया जा चुका है कि पार्टी में चुनाव होगा। लेकिन किस स्थिति में और कैसे होगा इसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी।
प्लान-बी भी है तैयार
अंग्रेजी समाचार पत्रों में छपी रिपोर्ट के मुताबिक राहुल गांधी यदि कांग्रेस अध्यक्ष पद स्वीकार नहीं करते हैं तो पार्टी के पास प्लान-बी भी उपलब्ध है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगस्त में जब पार्टी को पत्र भेजा गया था उसमें एक सुझाव भी था। वह सुझाव था कि पार्टी को सामूहिक नेतृत्व प्रणाली को अपनाना चाहिए। रिपोर्ट में आगे सूत्रों के हवाले से प्लान-बी को भी समझाया गया। प्लान-बी के मुताबिक सोनिया गांधी के नेतृत्व में काम करने के लिए चार उपाध्यक्ष होंगे। सोनिया गांधी की उपस्थिति नाम मात्र के लिए होगी और कोई भी व्यक्ति उनके विरोध में खड़ा नहीं होगा लेकिन असल निर्णय चारों उपाध्यक्ष सामूहिक रूप से लेंगे।