सरकारी हो या निजी अस्पताल तीन कमरों की व्यवस्था होने पर ही बनेगा वैक्सीनेशन सेंटर

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सरकारी हो या निजी अस्पताल तीन कमरों की व्यवस्था होने पर ही बनेगा वैक्सीनेशन सेंटर

 

कोविड-19 वैक्सीनेशन के आने के बाद किसी तरह की देरी न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी तैयारियों के लिए अलर्ट रहने को कह दिया है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग इसके लिए प्रशासन की सहायता से अंतिम तैयारियों में जुट गया है। वोटिंग बूथ की तरह ही वैक्सीनेशन बूथ बनाकर उसमें वैक्सिनेशन किया जाएगा। इसके लिए सरकारी हो या निजी अस्पताल तीन कमरें होने पर ही वैक्सीनेशन सेंटर बनाए जाएंगे।

 

सीएमएचओ डॉ. अजय चौधरी ने बताया कि तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है। जिला, ब्लाॅक, सीएचसी और पीएचसी स्तर पर तैयारियां की जा रही है। वैक्सीनेशन सेंटर तीन कमरों का होगा। इसमें पहला कमरा वेटिंग रूम होगा। दूसरे रूम में वैक्सीनेशन किया जाएगा और तीसरा रूम वैक्सीनेशन के बाद पर्यवेक्षण रूम होगा। सभी रूम में प्रत्येक व्यक्ति के बीच में छह फीट की दूरी को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था की जाएगी।

 

इसके लिए हैल्थ वर्कर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी और आइसोलेशन सेंटर, माॅडल सेशन साइट बनाने के साथ जिला व ब्लाॅक स्तर पर संचालित कंट्रोल रूम से वैक्सीनेशन की माॅनिटरिंग भी होगी। वैक्सीनेशन की प्रत्येक साइट पर वैक्सीनेशन टीम में एक वेक्सीनेटर, एक सुरक्षा गार्ड, रिकार्ड की जांच करने वाला एक कार्मिक, एक मोबिलाइजर, निगरानीकर्ता के रूप में एक कर्मचारी होगा।

 

विभाग की ओर से टीकाकरण सत्र स्थल की स्थापना एवं संचालन, वैक्सीन तथा उसके कोल्ड चैन प्रबंधन, सुरक्षित इंजेक्शन तथा अपशिष्ट प्रबंधन, कोविड-19 वैक्सीन के क्रियान्वयन के लिए एईएफआई सर्विलेंस, मोनिटरिंग एवं सुपरविजन तथा स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की क्षमतावर्धन जैसी तैयारियां की जा रही हैं।

 

वैक्सीनेशन में पहले डाॅक्टर, आयुर्वेद चिकित्सक, एएनएम, आशा सहयोगिनी, नर्स, कम्पाउंडर, मेडिकल आफिसर्स, पैरामेडिकल स्टाॅफ, सुपरवाइजर, निजी अस्पतालों के डाॅक्टर्स व नर्सिग स्टाॅफ होगा। इनके साथ ही मेडिकल छात्र, सपोर्टिंग स्टाॅफ व मंत्रालयिक कर्मचारी भी शामिल होंगे।

 

इसके बाद दूसरे ग्रुप में एसडीएम, बीडीओ, पुलिसकर्मी, पटवारी, नगर परिषद के कर्मचारी व अन्य फ्रंटलाइन के कर्मचारी व अधिकारियों को वैक्सीन लगेगी। तीसरे नंबर पर 50 साल से ज्यादा आयु के लोग शामिल होंगे। चौथे नंबर पर 50 साल से नीचे के लोग जो अन्य गंभीर बीमारियों से पीडित हो उनको भी शामिल किया गया है।

 

जिले में 87 वैक्सीन डिपो तथा जिला मुख्यालय पर एक डीवीएस है। चिकित्सा विभाग ने गांव के स्तर तक वैक्सीन को पहुंचाने की तैयारी कर ली है।

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आकाश भगत

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