जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का हुआ आयोजन
झारखण्ड/पाकुड़ : सूचना भवन के सभागार में आज बुधवार को जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इसमें जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र की आवश्यकताओं, इसका पंजीकरण करने की अवधि, संबंधित पदाधिकारी, अपीलीय पदाधिकारी की कार्य शक्तियां एवं दायित्व इत्यादि महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए इसे अत्यावश्यक दस्तावेज के रूप में अपनाने पर बल दिया गया।
- जन्म प्रमाण-पत्र की उपयोगिता :
जन्म की तारीख का प्रमाणित दस्तावेज
स्कूल में दाखिला के लिए उपयोगी
राशन कार्ड बनाने में उपयोगी
वोटर कार्ड बनाने में उपयोगी
पासपोर्ट इत्यादि बनाने में आसानी
- मृत्यु प्रमाण पत्र की उपयोगिता :
मृत्यु की तारीख का प्रमाणित दस्तावेज
पैतृक संपति के दावे के निराकरण में उपयोगी
जीवन बीमा के लिए तथा बैंक खातों में उपयोगी
कार्यशाला में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि जन्म और मृत्यु की घटनाओं के 21 दिन के अंदर पंजीकरण कराकर नि:शुल्क प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है। 21 दिन के पश्चात विलंबित पंजीकरण का भी प्रावधान है।
जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र संबंधित आंगनबाड़ी केन्द्र पर, पंचायत कार्यालय में, नगर परिषद मे, सदर अस्पताल में, रेफरल अस्पताल में, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है। यह प्रमाणपत्र देश के बाहर, ट्रेन, हवाई जहाज पर, पानी जहाज में घटी जन्म-मृत्यु की घटनाओं के निबंधन के लिए अलग प्रावधान है।
सामान्य मृत्यु पर निबंधन देश के बहार हुए घटनाओं को छोड़कर भी जन्म निबंधन की भांति कराया जाता है एवं तत्संबंधित जन्म-मृत्यु निबंधन केन्द्र से प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है। जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम के तहत ही प्रत्येक जन्म-मृत्यु की घटनाओं को सीआरएस पोर्टल पर ऑनलाईन पंजीकरण कराया जाना अनिवार्य हो गया है। निबंधन जन्म-मृत्यु की भी समय सीमा निर्धारित कर दी गई है।
प्रशिक्षण में बताया गया कि जिला स्तर पर प्रथम अपीलीय पदाधिकारी के रूप में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सह अपर जिला रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु हैं। उसी प्रकार द्वितीय अपीलीय पदाधिकारी जिला पदाधिकारी सह जिला रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु हैं।
आज के प्रशिक्षण में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी अनूप कुजुर, कनीय सहायक सुभाष दास, सहायक नाजिर प्रवीण कुमार, क्षेत्र अन्वेषक प्रेम सुजीत तिग्गा, कंप्यूटर ऑपरेटर रोहित सिंह एवं अनुसेवक मिथुन दे मौजूद थे।