दूसरी लहर अभी ख़त्म हुआ नहीं और झारखण्ड में मिले कोरोना के 7 खतरनाक वेरिएंट

Delta वैरिएंट 60% ज्यादा खतरनाक, वैक्सीन के प्रभाव को कर देता है कम
  • सबसे अधिक डेल्टा वेरिएंट से संक्रमण

झारखण्ड/राँची : देशभर में कोरोना के बाद ब्लैक और व्हाइट फंगस से खतरा टला भी नहीं की कोरोना के नए वेरिएंट का ख़तरा मँडराने लगा हैं।

 

 

झारखण्ड में सोमवार को कोरोना के 7 नए वेरिएंट मिले है। ये सभी वेरिएंट खतरनाक माने जाते हैं। इन्हें वेरिएंट ऑफ कंसर्न (वीओसी) कहा गया है। हालांकि राज्य में जो वेरिएंट मिले हैं, उनमें कप्पा, अल्फा और अन्य वेरिएंट हैं।

 

सरकार द्वारा अप्रैल से लेकर नौ जून तक के 364 सैंपल
जीनोम सिक्वेसिंग के लिए आइएलएस लैब भुवनेश्वर भेजे गये थे। ये सैंपल रांची, जमशेदपुर, पलामू, हजारीबाग, धनबाद शहरों के हैं। भुवनेश्वर में कराये गये जीनोम सिक्वेसिंग में 328 में वायरस के वेरिएंट पाये गये। इनमें अलग-अलग प्रकार के वेरिएंट हैं।

 

 

स्वास्थ्य विभाग के आइसी के नोडल पदाधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने प्रेस कांफ्रेस में बताया कि पांच जिलों से 364 में 328 सैंपल में वैरिएंट ऑफ कंसर्न म्यूटेंट पाया गया है। ये ज्यादा खतरनाक होता है। इस म्यूटेंट से लोगों की मौत ज्यादा होती है। साथ ही फेफड़ों में संक्रमण और ऑक्सीजन के लेवल में भी कमी आती है।

 

 

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