स्वरूप बदलने में माहिर है कोरोना, यह बहुरूपिया और धूर्त भी है

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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस को ‘‘बहुरूपिया और धूर्त’’ करार देते हुए कहा कि यह अपना स्वरूप बदलने में माहिर है जो बच्चों और युवाओं को प्रभावित करने वाला है। इससे निपटने के लिए उन्होंने नयी रणनीति और नये समाधान की आवश्यकता पर बल देते हुए आगाह किया जब तक यह छोटे स्तर भी विद्यमान है, चुनौती खत्म नहीं होगी।

 

 

 

प्रधानमंत्री वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से छत्‍तीसगढ़, हरियाणा, केरल, महाराष्‍ट्र, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्‍थान, उत्‍तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश के जिला अधिकारियों और जमीनी स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों से संवाद कर रहे थे। इससे पहले मंगलवार को भी उन्होंने कुछ अन्य राज्यों के जिला अधिकारियों और जमीनी स्तर पर काम करने वाले क्षेत्रीय अधिकारियों से संवाद किया था।

 

 

 

 

ज्ञात हो कि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्‍यों में कोविड-19 मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अधिकारियों से संवाद करते हुए मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच वायरस का बदलता रूप वयस्कों और बच्चों के लिए चुनौती बना हुआ है। उन्होंने राज्यों के प्रशासन और जिलाधिकारियों से अपने-अपने जिलों में इस संक्रामक रोग की गंभीरता से संबंधित आंकड़े जुटाने को कहा है ताकि भविष्य में काम आ सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि टीकाकरण की रणनीति को लेकर केंद्र सरकार, राज्यों से मिले सभी सुझावों को आगे बढ़ा रही है और इसे ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों को अगले 15 दिनों की, टीकों की खुराक की सूचना उपलब्ध करा रहा है।

 

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में टीकों की आपूर्ति आसान होगी और इससे टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया को भी आसान बनाने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पिछली महामारियां हों या कोरोना वायरस से पैदा हुई ताजा स्थिति, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है। उन्होंने कहा, ‘‘महामारी से लड़ाई के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर नवोन्मेष बहुत ज़रूरी है। ये वायरस अपना स्वरूप बदलने में माहिर है। या कहें कि यह बहुरूपिया तो है ही, धूर्त भी है। वायरस म्यूटेशन युवाओं और बच्चों को प्रभावित करने वाला है। इसलिए इससे निपटने के हमारे तरीके और हमारी रणनीति भी विशेष होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नयी चुनौतियों के बीच नयी रणनीतियों और नये समाधान की आवश्यकता है। पिछले कुछ दिनों में देश में सक्रिय मामलों में कमी आनी शुरु हो गई है। लेकिन चुनौतियां तब तक हैं जब तक छोटे रूप में भी यह संक्रमण बना रहता है।’’

 

 

 

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी से बचाव संबंधी नियमों का पालन करना ही इस बीमारी से बचने का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा लोगों को आगाह किया कि जब आंकड़े कम होने लगते हैं तो लोग सोचते हैं कि अब घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद हर जरूरी सावधानी बरतनी ही होगी।प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जिस तरह से वह जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं, इससे इस चिंता को गंभीर होने से रोकने में मदद मिली है लेकिन इसके बावजूद सभी को आगे के लिए तैयार रहना ही होगा। उन्होंने कहा, ‘‘जीवन बचाने के साथ-साथ हमारी प्राथमिकता जीवन को आसान बनाए रखने की भी है। गरीबों के लिए मुफ्त राशन की सुविधा हो, दूसरी आवश्यक आपूर्ति हो, कालाबाज़ारी पर रोक हो, ये सब इस लड़ाई को जीतने के लिए भी जरूरी हैं, और आगे बढ़ने के लिए भी आवश्यक है।’’

आकाश भगत

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