• योजनाबद्ध तरीक़े से सुनिश्चित की जा रही ऑक्सीजन सप्लाई
ग्वालियर : कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने समूचे देश को अपनी चपेट में ले रखा है। इस बार संक्रमण की रफ़्तार भी तेज है व इसका असर भी संक्रमित व्यक्ति के स्वास्थ्य पर ज़्यादा है। परिणामस्वरूप पिछले वर्ष के अनुपात में इस वर्ष अधिक रोगी अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं व उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है। इस बढ़ी डिमाण्ड की पूर्ति एक बड़ी चुनौती है तथा इसे सुनिश्चित करने हेतु स्मार्ट सिटी द्वारा व्यापक कार्ययोजना बनाई गई है।
इस प्रक्रिया में ज़िला प्रशासन की टीम से समन्वय स्थापित कर ऑक्सीजन सिलेंडर 70 से ज़्यादा अस्पतालों तक आँकलन के अनुसार पहुँचाये जा रहे हैं।

 

 

  • जानिये कैसे काम कर रहा है यह सिस्टम
ऑक्सीजन आपूर्ति हेतु एक टास्क फ़ोर्स का गठन किया गया है जिसमें 30 पटवारी, 1 नायब तहसीलदार व 1 एसडीएम को शामिल किया गया है। पटवारियों को अस्पताल निर्धारित किये गए हैं जहां की रियल टाइम स्थिति से कमांड सेंटर की टीम को अवगत कराया जाता है। यह टीम 24X7 कार्यरत रहती है।
ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ने पर कमांड सेंटर द्वारा इमर्जेन्सी स्टॉक अथवा रीफ़िल स्टेशन से त्वरित कार्यवाही कर सिलेंडर वितरण सुनिश्चित किया जाता है। इस पूरे क्रम पर स्मार्ट सिटी सीईओ श्रीमती जयति सिंह निरन्तर नज़र बनाये रहती हैं तथा रियल टाइम रेस्पॉन्स सुनिश्चित करती हैं। जानकारी देते हुये श्रीमती सिंह ने बताया की ग्वालियर स्मार्ट सिटी तथा ज़िला प्रशासन के समन्वय से ऑक्सीजन वितरण को एक योजनाबद्ध तरीक़े से किया जा रहा है।

 

 

 

 

पिछले हफ्ते जब ऑक्सीजन की कमी के चलते पैनिक कॉल आने शुरू हुये तो स्मार्ट सिटी ने सभी अस्पतालों व वहाँ भर्ती मरीज़ों के डेटा को कम्पाइल कर माँग का आँकलन किया और चरणबद्ध योजना बनाई। हर दो घंटे में सभी 70 अस्पताल की माँग व आपूर्ति का पुनः आँकलन किया जाता है तथा इसके अनुसार ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पतालों तक पहुँचाये जा रहे हैं। ग्वालियर स्मार्ट सिटी की टीम संक्रमित के परिजनों, अस्पताल, फ़िलिंग स्टेशन-तीनों के बीच तालमेल बैठा मदद पहुँचा रही है तथा इस समन्वय से रियल टाइम में ऐक्शन सम्भव होता है। आज की परिस्थिति में समय रहते सहायता पहुँचाना अहम है तथा विलम्ब का विकल्प मौजूद नहीं है। इसीलिए स्मार्ट सिटी की भूमिका और भी अहम हो जाती है।

 

 

  • आपात स्थिति के लिए बनाया बफ़र स्टॉक
ऑक्सीजन की कमी होते ही संक्रमितों के परिजन कमांड सेंटर पर कॉल करते हैं तथा ऑक्सीजन अथवा शिफ़्टिंग करने का आग्रह करते हैं। इस स्थिति को देखते हुये स्मार्ट सिटी ने ज़िला प्रशासन व पुलिस के साथ एक बफ़र स्टॉक का प्रावधान किया है जिससे आपात स्थिति से तत्काल निपटा जा सकेगा।
आकाश भगत

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