यौन शोषण : ‘लड़की की फ्रेंड रिक्वेस्ट यौन संबंधों के लिए सहमति नहीं’

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शिमला  : यदि लड़की किसी लड़के को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह यौन संबंध बनाना चाहती है। हिमाचल हाईकोर्ट ने एक फैसले में यह बात कही। कोर्ट ने 13 वर्षीय लड़की से होटल में शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी 19 साल के युवक को जमानत देने से इनकार कर दिया।

 

 

वकील के जरिए आरोपी ने कोर्ट में कहा कि लड़की ने अपने नाम से फेसबुक अकाउंट बनाया था, इसलिए वह मानकर चल रहा था कि उसकी उम्र 18 साल है। जस्टिस अनूप चिटकारा ने इस दलील को खारिज कर दिया। कोर्ट ने पाया कि फेसबुक अकाउंट बनाने के लिए न्यूनतम उम्र 13 साल है। कोर्ट ने कहा कि पब्लिक प्लेटफॉर्म पर लोग अपनी पहचान का पूरा खुलासा नहीं करते, यह अमान्य नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जब आरोपी ने पीडि़ता को देखा तो वह समझ गया होगा कि उसकी उम्र कम है। चूंकि लड़की नाबालिग थी, इसलिए उसकी सहमति मायने नहीं रखती। यह कतई नहीं समझा जाना चाहिए कि फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर लड़की ने अपनी स्वतंत्रता और अधिकार युवक के हवाले कर दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं है कि आजकल जो बच्चे सोशल मीडिया अकाउंट बनाते हैं, वे यौन संबंध की खोज के लिए अथवा इस तरह के निमंत्रण प्राप्त करने के इरादे से ऐसा करते हैं।

 

 

  • उत्पीडऩ के लिए नहीं सोशल मीडिया 

कोर्ट ने कहा कि लोग जासूसी करवाने या यौन और मानसिक उत्पीडऩ सहने के लिए नहीं, बल्कि मनोरंजन, एक-दूसरे से जुडऩे तथा जानकारी जुटाने के लिए सोशल मीडिया पर आते हैं। वर्तमान में सोशल मीडिया से जुड़ाव की प्रवृत्ति है।

आकाश भगत

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