सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में दो जनवरी को होगा कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन

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नई दिल्ली : केंद्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि दो जनवरी को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) किया जाएगा जिससे कि अभियान में आने वाली चुनौतियों की पहचान की जा सके और योजना तथा क्रियान्यवन के बीच की कड़ियों को परखा जा सके। इस कवायद को सभी राज्यों की राजधानियों में कम से कम तीन सत्र स्थलों पर अंजाम दिए जाने का प्रस्ताव है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कुछ राज्यों में इस कवायद को ऐसे जिलों में भी अंजाम दिया जाएगा जहां पहुंच आसान नहीं है तथा जहां साजो-सामान संबंधी सुविधाओं की अच्छी व्यवस्था नहीं है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास वास्तविक माहौल में को-विन एप्लीकेशन के इस्तेमाल की अभियानगत संभावना का आकलन करने, योजना और क्रियान्वयन के बीच की कड़ियों को परखने और चुनौतियों की पहचान करने तथा वास्तविक टीकाकरण से पहले मार्ग प्रशस्त करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।’’ केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास शुरू करने की प्रभावी तैयारियां शुरू करने को भी कहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बृहस्पतिवार को सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के प्रधान स्वास्थ्य सचिवों और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की तथा कोविड-19 टीकाकरण के लिए सत्र स्थलों पर तैयारियों की समीक्षा की। टीकाकरण शुरू करने की योजना केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 20 दिसंबर को जारी अभियानगत दिशा-निर्देशों के अनुरूप होगी। आगामी पूर्वाभ्यास के लिए तीन सत्र स्थलों में से प्रत्येक के लिए प्रभारी चिकित्सा अधिकारी 25 लाभार्थियों (स्वास्थ्यकर्मियों) की पहचान करेंगे जिन्हें डमी टीका लगाया जाएगा।

 

मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने को भी कहा गया है कि इन लाभार्थियों का ब्योरा ‘को-विन’ ऐप पर अपलोड हो। ये लाभार्थी पूर्वभ्यास के लिए सत्र स्थलों पर उपलब्ध भी रहेंगे। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने को भी कहा गया है कि पर्याप्त स्थान, साजो-सामान संबंधी प्रबंध, इंटरनेट कनेक्टिविटी, बिजली, सुरक्षा, इत्यादि के लिहाज से सभी प्रस्तावित स्थलों का भौतिक सत्यापन किया जाए। उनसे यह सुनिश्चित करने को भी कहा गया है कि संबंधित स्थलों पर ‘तीन कमरे के ढांचे’ में अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार हों। इसमें जागरूकता संबंधी जानकारी दिखाने और इन स्थलों पर सभी आईईसी सामग्री प्रदर्शित करने के लिए बाहर की तरफ पर्याप्त जगह हो। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से टीकाकरण टीमों की पहचान करने और हर तरह से उन्हें प्रशिक्षित करने सहित चिह्नित स्थलों पर सभी मानक संचालन प्रक्रियाओं तथा प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।

मंत्रालय ने कहा कि पूर्वाभ्यास राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन को प्रशीतन श्रृंखला प्रबंधन सहित टीका आपूर्ति के प्रबंधन, भंडारण और साजो-सामान में भी समर्थ करेगा। इस उद्देश्य के लिए टीका लगाने के कार्य से जुड़े लगभग 96,000 कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। कुल 2,360 भागीदारों को राष्ट्रीय प्रशिक्षक प्रशिक्षण में प्रशिक्षित किया गया है, वहीं 719 जिलों में 57,000 से अधिक भागीदारों को जिला स्तर का प्रशिक्षण दिया गया है। टीका/सॉफ्टवेयर संबंधी किसी भी जानकारी के लिए राज्य हेल्पलाइन 104 भी (1075 के अतिरिक्त) इस्तेमाल की जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि पूर्वाभ्यास का महत्वपूर्ण उद्देश्य टीकाकरण के बाद किसी भी संभावित प्रतिकूल घटनाक्रम के प्रबंधन का भी होगा।

 

इसने कहा कि इस कवायद में खंड एवं जिला स्तर पर निगरानी भी की जाएगी तथा राज्य कार्यबल फीडबैक की समीक्षा करेगा और इसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ साझा करेगा। पहले चरण का पूर्वाभ्यास 28-29 दिसंबर को आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात और पंजाब के दो-दो जिलों में किया गया था। मंत्रालय ने कहा कि इस दौरान कोई बड़ा मुद्दा सामने नहीं आया और सभी राज्यों ने व्यापक स्तर पर कार्यक्रम क्रियान्वयन के लिए अभियानगत दिशा-निर्देशों तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंच पर विश्वास व्यक्त किया।

आकाश भगत

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