4 जनवरी से सशर्त खुलेंगे स्कूल और कोचिंग, सभी को कोविड प्रोटोकॉल का करना होगा पालन, निचली कक्षाओं पर निर्णय अगली बैठक में
9वीं से 12वीं तक के स्कूल-कॉलेज और कोचिंग संस्थान 4 जनवरी से खुल जाएंगे। CMG ( क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ) की बैठक में शिक्षण संस्थानों को लेकर अहम निर्णय लिये गए हैं। कोरोना के जोखिम को देखते हुए राज्य में सभी शिक्षण संस्थान 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ ही खुलेंगे। 50 फीसदी बच्चों को अगले दिन बुलाना है। यही रोटेशन जारी रखना है। शिक्षण संस्थानों को गृह मंत्रालय भारत सरकार के तय मानकों का पूरी तरह से अनुपालन करना है। शिक्षा विभाग कोविड की रोकथाम के लिए सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण भी देगा।
निचली कक्षाओं को शुरू करने का निर्णय अगली बैठक में लिया जाएगा। उसमें पहले वर्तमान वस्तुस्थिति की समीक्षा की जाएगी, इसके बाद यह तय किया जाएगा कि निचली कक्षाओं को अभी शुरू किया जाए या नहीं।
कोचिंग संस्थानों को पहले कोविड की रोकथाम के लिए उनके स्तर से अपनाए जाने वाले प्रोटोकॉल के बारे में पूरी जानकारी DM को देनी होगी, इसके बाद वे कोचिंग में पढ़ाई शुरू कर सकते हैं। छात्रावास खोलने के लिए भी कोविड प्रोटोकॉल के तहत सारे एहतियाती उपायों की जानकारी देनी होगी।
ये होंगे मानक
- 50 फीसदी उपस्थिति के अलावा पालियों की अवधि भी कम की जा सकती है
- सरकारी विद्यालयों के छात्रों को जीविका की तरफ से मिलेंगे दो-दो मास्क
- शिक्षण संस्थानों में उपयोग की सामग्रियों का सैनिटाजेशन और स्वच्छता पर पूरा ध्यान देना होगा
- हाथों को साफ रखने की प्रक्रिया निरंतर जारी रखना है
- डिजिटल थर्मामीटर, सैनिटाइजर और साबुन की व्यवस्था रखनी होगी
- परिवहन व्यवस्था शुरू करने से पहले सैनिटाइजेशन सुनिश्चित करना
शिक्षण संस्थानों में ऐसे करनी है बैठने की व्यवस्था
- विद्यार्थियों के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था हो। अगर एक बेंच-डेस्क पर बैठाने की व्यवस्था है तो अगले बेंच-डेस्क को 6 फीट पर रखना है।
- शिक्षकों और स्टाफ के बीच भी बैठने के लिए 6 फीट की दूरी सुनिश्चित हो
- शिक्षण संस्थानों की दीवारों और नोटिस बोर्ड पर सामाजिक दूरी का पालन, मास्क लगाने, सैनिटाइजेशन, हाथों की सफाई और यत्र-तत्र न थूकने के बारे में लिखे हुए संदेश का पोस्टर लगाना है।