Basant Panchami पर सरस्वती पूजा से होती है सौभाग्य वृद्धि

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आज बसंत पंचमी है, बसंत पंचमी का त्योहार मां सरस्वती को समर्पित है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने के साथ उनके मंत्रों का जाप करना भी बेहद फलदायी माना गया है, तो आइए हम आपको बसंत पंचमी का महत्व एवं पूजा विधि के बारे में बताते हैं। 
जानें बसंत पंचमी के बारे में 
ज्ञान, बुद्धि, विवेक और संगीत की देवी माता सरस्वती के पूजन का दिवस जिसे बसंत पंचमी या सरस्वती पूजन कहा जाता है, प्रत्येक वर्ष माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है। इस साल ये पर्व 2 फरवरी को रविवार के दिन पड़ेगा। इस दिन के उत्सव के मुख्यतः दो कारण हैं, पहला माता सरस्वती का जन्म दिवस और दूसरा बसंत ऋतु की शुरुआत। इस दिन मुख्य रूप से माता सरस्वती की पूजा की जाती है। श्रद्धालु उपवास रखते हैं और पूजा के समय बसंत पंचमी की कथा भी जरूर सुनते हैं। बसंत पंचमी का पर्व हिंदुओं के बीच बहुत महत्व रखता है। यह दिन पूरे देश में बड़ी धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जाता है। इसे बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन ज्ञान की देवी को समर्पित है।पंडितों के अनुसार इस दिन देवी सरस्वती की विधि-विधान से पूजा करने से बुद्धि ज्ञान के साथ ही सौभाग्य, तरक्की व धन धान्य की प्राप्ति होती है।

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बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरूआत 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 3 फरवरी को सुबह 6 बजकर 52 पर होगा। उदयातिथि पड़ने के कारण बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी। 
बंसत पंचमी का स्नान-दान मुहूर्त 
वसंत पंचमी पर स्नान-दान के लिए कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जो अपने आप में दुर्लभ है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 09 बजकर अगले दिन मध्य रात्रि 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। वहीं, रवि योग 3 फरवरी रात्रि 12 बजकर 52 मिनट से सुबह 07 बजकर 08 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05 बजकर 24 मिनट से 06 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। साथ ही अमृत काल रात 08 बजकर 24 मिनट से 09 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा।
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती पूजा का मुहूर्त 
02 फरवरी को सुबह 7:09 मिनट से लेकर दोपहर 12:35 मिनट तक रहेगा। इस दिन पूजा के लिए सिर्फ 5 घंटे 26 मिनट का समय मिलेगा।
जानें बसंत पंचमी का महत्व 
बसंत पंचमी छात्रों और शिक्षार्थियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन, स्कूल और कॉलेज में देवी सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। कई ज्योतिषी बसंत पंचमी को अबूझ दिवस के रूप में मानते हैं। यह विश्वास सरस्वती पूजा के महत्व को बढ़ाता है, जिससे पूरा दिन पूजा और अच्छे कामों के लिए शुभ हो जाता है।
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को लगाएं ये भोग 
बेसन लड्डू, केसर रबड़ी, पीले चावल, बूंदी या बूंदी के लड्डू भोग में लगा सकते हैं. ये सारी चीजें देवी सरस्वती को बहुत प्रिय है।
बसंत पंचमी से जुड़ी पौराणिक कथा भी होती है रोचक
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन मां सरस्वती परम ब्रह्म के प्रकृति रूप में अवतरित हुई थीं। कथा के अनुसार एक दिन भगवान ब्रह्मा संसार का भ्रमण करने निकले, तो उन्हें समस्त संसार उदास नजर आया, हर तरफ घोर शांति छाई हुई थी। ये देखकर ब्रह्माजी को लगा कि संसार की रचना करते हुए शायद कोई कमी रह गई है। भगवान ब्रह्मा एक स्थान पर रुके और अपने कमंडल से जल निकालकर छिड़का। तब अलौकिक‍ ज्योति पुंज के साथ एक देवी प्रकट हुईं। देवी के हाथ में वीणा और चेहरे पर अत्यंत ही तेज झलक रहा था। ये देवी मां सरस्वती थीं। उन्होंने ब्रह्मा जी को प्रणाम किया ज‍िसके उपरांत ब्रह्माजी ने माता सरस्वती से कहा कि इस संसार में सभी लोग मूक है, ये आपसी संवाद नहीं कर सकते हैं। ये सुनकर मां सरस्वती ने पूछा कि प्रभु मेरे लिए क्या आज्ञा है? तब ब्रह्माजी ने मां सरस्वती से कहा कि वे अपनी वीणा से इन्हें ध्वनि प्रदान करें, जिससे इनके बीच संवाद हो सके और ये एक दूसरे की भावों को समझ सके। भगवान ब्रह्मा की आज्ञा का पालन करते हुए मां सरस्वती ने समस्त संसार को वाणी प्रदान की, जिसके बाद से मनुष्य‍य एक-दूसरे के विचारों को समझने लगे। मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन व्रत करने वाले भक्तों को ये कथा सुनने से मां सरस्वती की असीम कृपा प्राप्त होती है और उन्‍हें जीवन में सफलता मिलती है।
मां सरस्वती की पूजा में शामिल करें ये चीजें
पीले रंग के पुष्प
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का विशेष महत्व होता है। कहते हैं कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को पीले पुष्प अर्पित करना शुभ होता है। इससे वह प्रसन्न होती हैं और ज्ञान का वरदान देती हैं। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना भी उत्तम माना जाता है।
मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए बसंत पंचमी पर करें इस मंत्र का जाप!
1. सरस्वती वंदना मंत्र
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता. 
या वीणावरदण्डमण्डितकरा 
या श्वेतपद्मासना.. 
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता. 
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा.
– प्रज्ञा पाण्डेय
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