अद्भुत संयोग : 30 साल बाद शरद पूर्णिमा पर लग रहा है चंद्रगहण, गजकेसरी समेत 4 अद्भुत योग का संयोग

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  • किन राशियों की खुलेंगे किस्मत के दरवाजे
  • किन राशियों को रहना होगा संभलकर
  • गजकेसरी योग में लग रहा चंद्रग्रहण

28 और 29 अक्टूबर की रात को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है और यह ग्रहण भारत में दिखाई देने वाला है। यह ग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है। ग्रहण की शुरुआत रात 1 बजकर 5 मिनट से होगी और ग्रहण का मध्यकाल 1 बजकर 44 मिनट पर होगा और ग्रहण का मोक्ष काल यानी समापन 2 बजकर 24 मिनट पर रहेगा।

 

शरद पूर्णिमा के दिन लग रहे चंद्र ग्रहण पर कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व काफी बढ़ गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण मेष राशि और अश्विनी क्षत्र में लग रहा है। जहां पहले से ही गुरु ग्रह विराजमान हैं, इस तरह चंद्रमा और गुरु की युति से गजकेसरी योग बन रहा है। गजकेसरी योग के साथ इस दिन रवि योग, बुधादित्य योग, शश योग और सिद्धि योग भी लगने जा रहा है। चंद्र ग्रहण के दिन इन शुभ योग के बनने से व़षभ सहित कई राशियों के किस्मत के दरवाजे खुलेंगे और माता लक्ष्मी की कृपा रहेगी।

 

बता दें कि ९ साल पहले भी शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण पड़ा था। ज्योतिषों के अनुसार, 8 अक्टूबर 2014 को शरद पूर्णिमा के दिन पूर्ण चंद्र ग्रहण पड़ा था, जो भारत में भी नजर आया था।

 

मान्यता है कि वृंदावन के बांकेबिहारीजी साल में एक ही दिन महारास की मुद्रा में मुरली बजाते हुए चंद्रमा की धवल चांदनी में भक्तों को दर्शन देते हैं। करीब 30 वर्ष के बाद ऐसा हो रहा है कि ठाकुर जी 30 साल बाद शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण पड़ रहा है। 30 साल पहले शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण का योग पड़ा था। तब भी ठाकुरजी ने चंद्रमा की धवल चांदनी में भक्तों को दर्शन नहीं दिए थे। करीब 30 वर्षों बाद में रास पूर्णिमा के दिन गजकेसरी योग गुरु चंद्र के सहयोग से बन रहा है।

 

यह पहली बार है कि इस पीढ़ी के लोगों के सामने जब के ठाकुरजी को खीर का भोग उनके आंगन में नहीं लगाया जा सकेगा। खीर का भोग ग्रहण कल के बाद में हर वस्तु पवित्रता के साथ स्नान ध्यान से निवृत्त होकर के तैयार की जाएगी, और फिर अपने ठाकुरजी को भोग लगाया जा सकता है। ऐसे में सूर्याेदय के समय उसका प्रसाद लेने से उतना ही पुण्य की और स्वास्थ्य रक्षा की प्राप्ति रहेगी।

 

  • मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए चंद्र ग्रहण शुभ साबित हो सकता है। इस राशि के जातकों के ऊपर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा होगी, जिससे हर क्षेत्र में सफलता के साथ धन लाभ हो सकता है। लंबे समय से रुके काम पूरे होंगे। आप अपने वाणी के कौशल से हर किसी के प्रिय बन सकते हैं। समाज में मान-सम्मान की वृद्धि होगी। इसके साथ ही परिवार के साथ अच्छा समय बितेगा। आय के नए स्तोत्र खुल सकते हैं। पार्टनर के साथ अच्छा टाइम जाएगा। बिजनेस में भी अपार सफलता के साथ खूब मुनाफा हो सकता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ चंद्र देव की आराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। माना जाता है कि इस दिन शीतलता और शांति का अमृत बरसाता है। इस साल शरद पूर्णिमा में चंद्र ग्रहण का साया है और यह ग्रहण भारत में भी नजर आने वाला है।

 

  • कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए भी साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इस राशि के जातकों को अचानक धन लाभ हो सकता है। मां लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो सकती है। नौकरीपेशा लोगों को भी खूब लाभ मिलने के आसार है। शुभ योग में संपत्ति या फिर वाहन खरीद सकते हैं। परिवार का पूरा सहयोग प्राप्त हो सकता है। कानूनी मामलों में सफलता हासिल हो सकती है।

 

  • मकर राशि

इस राशि के लिए भी चंद्र ग्रहण लाभकारी हो सकता है। मां लक्ष्मी की कृपा से बिजनेस में अपार सफलता मिल सकती है। लंबे समय से जिस प्रोजेक्ट में लगे हुए है। अब उसमें सफलता मिलने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं। काम के सिलसिले में किसी यात्रा पर जाने का मौका मिल सकता है। परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा। माता लक्ष्मी की कृपा से धन-धान्य की बढ़ोतरी होगी।

आकाश भगत

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