एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट सहित 11 सूत्री मांगों के संदर्भ में मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

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झारखण्ड/राँची : ऑल इंडिया लॉयर्स फोरम के प्रदेश अध्यक्ष दीपेश कुमार निराला और प्रदेश महासचिव सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने झारखण्ड के मुख्यमंत्री सह विधि मंत्री को पत्र लिखकर झारखंड एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने सहित झारखण्ड के 37 बार एसोसिएशनों के अंतर्गत कार्यरत 33000 अधिवक्ताओं के 11 सूत्री बुनियादी सुविधाओं की मांग करते हुए एक पत्र लिखा है।

 

पत्र में वर्तमान में वकीलों के साथ हो रहे अपराध को देखते हुए राज्य में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने सहित राज्य के 33000 वकीलों के लिए आगामी बजट में 100 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान करने, उक्त 37 बार एसोसिएशनों के अंतर्गत सभी अधिवक्ताओं के लिए बैठने का समुचित प्रबंध करते हुए शुद्ध पेयजल की समुचित व्यवस्था करने, 37 बार एसोसिएशनों अंतर्गत शौचालय-बाथरूम की समुचित व्यवस्था के साथ-साथ इसके नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करवाने, सभी बार एसोसिएशन के अंतर्गत एक सुव्यवस्थित लाइब्रेरी और इंटरनेट सुविधा युक्त अत्याधुनिक सिस्टम के साथ-साथ पूरे परिसर में वाई-फाई की सुविधा करवाने, सभी कोर्ट परिसर और बार एसोसिएशन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हों, तथा चप्पे-चप्पे पर हाई डेफिनेशन सीसीटीवी हो, जिससे वकील सुरक्षित माहौल में कोर्ट परिसर में कार्य कर सकें, और स्थानीय थाना परिसर में वकीलों के लिए बैठने का समुचित प्रबंध व्यवस्था हो, ताकि हाजत में लाए गए मुवक्किल से वे लोग अनुकूल वातावरण में संव्यवहार कर सके और उन्हें कानूनी मदद दे सकें, जिससे न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके।

 

साथ ही राज्य अंतर्गत जिन-जिन जगहों पर टोल टैक्स लिया जाता है, वहां पर वकीलों को टोल टैक्स से छूट दिलवायी जाए, जैसे कि कई माननीय को पूर्व से मिलता आ रहा है। राज्य में कार्यरत सभी वकीलों को उनके परिवार सहित स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने के उद्देश्य इनको आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सम्मिलित करवाने संबंधी अग्रतर कार्रवाई, सभी 37 बार एसोसिएशन में एक बढ़िया कैफेटेरिया का इंतजाम सुनिश्चित हो और लोक अभियोजक और अपर लोक अभियोजक के पद पर नियुक्ति पूर्व की भांति बार एसोसिएशन के सदस्यों से हो।

 

 

 

 

पत्र में उल्लेख किया है कि अधिवक्ताओं के माध्यम से सरकार को कोर्ट फी और नन जुडिशल स्टांप पेपर इत्यादि के माध्यम से करोड़ों का राजस्व मिलता है, अतः वकील समुदाय के प्रति सरकार को सभी मांगों पर विचार करना चाहिए।

 

आकाश भगत

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