सांसद निशिकांत दुबे और फेसबुक को 13 को लिखित पक्ष रखने का आदेश
- हेमंत सोरेन ने दर्ज कराया है मानहानि का मुकदमा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा दर्ज कराए गए मानहानि के मामले में प्रतिवादी बनाये गए फेसबुक ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से शुक्रवार को सब जज वन वैशाली श्रीवास्तव की अदालत में हाजिरी लगाई। फेसबुक की ओर से हाइकोर्ट के अधिवक्ता मनीष कुमार और रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ता पियूष कुमार मिश्रा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखा। मनीष कुमार ने कहा कि फेसबुक सोशल साइट है। इस पर अगर कोई कुछ पोस्ट करता है, तो इसके लिए उसे जिम्मेवार नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने फेसबुक की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की।
वहीं, प्रतिवादी गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विजय अग्रवाल ने पक्ष रखा। उनकी ओर से तर्क दिया गया कि पब्लिक डोमेन में जो बातें सार्वजनिक हैं, सांसद ने वही बातें सोशल साइट पर पोस्ट की है। यह भी कहा कि सांसद द्वारा मुख्यमंत्री को टारगेट नहीं किया गया है। ऐसे में सांसद पर कोई आरोप नहीं बनता है। उन्होंने भी जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। अधिवक्ताओं की बातें सुनने के बाद अदालत ने प्रतिवादी सांसद निशिकांत दुबे और फेसबुक को जवाब दाखिल करने के लिए 13 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है। जबकि प्रतिवादी नंबर तीन सोशल साइट ट्विटर की ओर से अभी तक मामले में ना तो कोई हाजिर हुआ और ना ही पक्ष रखा गया है।
मालूम हो कि सोशल मीडिया पर सांसद निशिकांत दुबे द्वारा आपत्तिजनक और अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर सीएम ने बीते चार अगस्त को निशिकांत दुबे के साथ-साथ फेसबुक और ट्विटर के खिलाफ रांची सिविल कोर्ट में हर्जाना की मांग करते हुए दीवानी मुकदमा दायर किया है। सीएम ने तीनों पर 100-100 करोड़ रुपये यानी कुल 300 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा किया है।
हेमंत सोरेन ने चार अगस्त को निशिकांत दुबे के साथ-साथ फेसबुक और ट्विटर के खिलाफ रांची सिविल कोर्ट में हर्जाना की मांग करते हुए दीवानी मुकदमा दायर किया है। -फाइल फोटो।