दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों के विकास पर ध्यान देने की जरूरत: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत को सैन्य और असैन्य दोनों एजेंसियों के लिए दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है तथा अत्याधुनिक रक्षा प्लेटफार्मों के निर्माण के लिए अनुसंधान और विकास पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक सुरक्षा चिंताओं, सीमा विवादों और समुद्री क्षेत्र के घटनाक्रम के मद्देनजर दुनिया भर में सैन्य उपकरणों की मांग बढ़ रही है और भारत को अपने घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।
Felicitated the DRDO Dare to Dream 2.0 award winners and the Young Scientists a function in New Delhi today. There is a great need for R&D in futuristic defence technologies. Our aim is to equip our forces with latest machinery to deal with any challenge. https://t.co/2bODoqe4uu pic.twitter.com/2usSPZwEZm
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 4, 2021 रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि सामरिक मामलों, सैन्य शक्ति, व्यापार, अर्थव्यवस्था और संचार के क्षेत्रों में देखे गए परिवर्तनों से दुनिया का कोई भी कोना अछूता नहीं है। हालांकि, इन बदलावों के बारे में उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं कहा। सिंह ने कहा, ‘‘दुनिया भर के देश सैन्य आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और वैश्विक सुरक्षा चिंताओं, सीमा विवादों और समुद्री क्षेत्र में घटनाक्रमों के मद्देनजर सैन्य उपकरणों की मांग बढ़ गई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज, जब हम रक्षा उपकरणों के विकास के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी के बारे में बात कर रहे हैं, तो यह हमारी सबसे बड़ी चिंता है कि हम उन्हें नई भूमिका के लिए तैयार करें।’’