ब्रिटेन पर भारत की जवाबी पाबंदी: ब्रिटिश नागरिकों के लिए 10 दिन का क्वारंटीन अनिर्वाय, RT-PCR Test भी जरूरी

0
भारत ने ब्रिटेन को करारा जवाब दिया है। ब्रिटेन के साथ भारत ने ‘जैसे को तैसा’ वाला व्यवहार किया है। भारत ब्रिटिश नागरिकों के लिए अपने यहां आने पर वैसा ही नियम लगाने जा रहा है जैसा कि ब्रिटेन ने भारतीयों के लिए लगाया है। दरअसल, टीका प्रमाणन के मुद्दे पर भारत ने ब्रिटेन से भारत आने वाले ब्रिटिश नागरिकों के खिलाफ भी जवाबी कदम उठाने का फैसला किया है। सूत्रों ने बताया कि भारत का नया नियमन चार अक्टूबर से प्रभावी होगा और यह ब्रिटेन से आने वाले सभी ब्रिटिश नागरिकों पर यह लागू होगा।

From October 4, all UK nationals arriving in India from the UK, irrespective of their vaccination status, will have to undertake – pre-departure Covid-19 RT-PCR test within 72 hours before travel, RT-PCR test on arrival at airport, RT-PCR test on Day 8 after arrival: Sources

— ANI (@ANI) October 1, 2021

यह नियम होंगे लागू
जानकारी के मुताबिक चार अक्टूबर से ब्रिटेन से भारत आने वाले सभी ब्रिटिश नागरिकों को आगमन पर आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी, चाहे उन्होंने कोविड-19 रोधी टीके की खुराक ले रखी हो या नहीं। इससे साथ ही चार अक्टूबर से ब्रिटेन से भारत आने वाले सभी ब्रिटिश नागरिकों को टीकाकरण कराने के बावजूद, अपने आगमन के आठवें दिन आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी। चार अक्टूबर से भारत आने वाले सभी ब्रिटिश नागरिकों को आगमन के बाद 10 दिनों के लिए घर पर या गंतव्य स्थल पर 10 दिन तक जरूरी पृथक-वास में रहना होगा।
 

इसे भी पढ़ें: देश में 194 दिन में उपचाराधीन मरीजों की संख्या सबसे कम, एक दिन में 18,870 नए मामले

ब्रिटेन का नियम भेदभावपूर्ण: सरकार
इससे पहले सरकार ने कहा कि भारत का मानना है कि यहां कोविशील्ड टीका लगवाने वालों के लिए 10 दिन के पृथक-वास का ब्रिटेन का नियम भेदभावपूर्ण है और नयी दिल्ली के पास भी इसी तर्ज पर जवाबी कदम उठाने का अधिकार है। साथ ही उम्मीद जतायी कि जल्द ही इस मुद्दे का हल निकाल लिया जाएगा। ब्रिटेन के नए यात्रा नियम को लेकर देश में उठे रोष के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने यहां प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर बातचीत जारी है। एक सवाल के जवाब में भूषण ने कहा, हमारा मानना है कि चार अक्टूबर से जो व्यवस्था लागू करने का प्रस्ताव है, वह भेदभावपूर्ण तरीका है। दोनों पक्षों में वार्ता जारी है और हमें भरोसा है कि जल्द ही समाधान निकल आएगा। हमें भी इसी तरह के जवाबी व्यवहार का अधिकार है। 

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed