केशव प्रसाद मौर्य ने विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर फोटोग्राफर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों को किया सम्मानित
प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा दिव्यांगजन के पुनर्वासन हेतु संचालित दिव्यांगजन कुष्ठावस्था पेंशन योजना के तहत 11,8,84 कुष्ठावस्था दिव्यांग पेंशनर्स के खाते में प्रथम त्रैमास की धनराशि स्थानान्तरित कर दी गई है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान सरकार के कार्यकाल के प्रारम्भिक वित्तीय वर्ष की समाप्ति में इस योजना के तहत कुष्ठावस्था दिव्यांग पेशंनर्स की संख्या 4,765 थी। इस प्रकार वर्तमान सरकार द्वारा 7,119 और कुष्ठावस्था दिव्यांगजनों को चिन्हित कर लाभान्वित किया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा दिव्यांगजन हेतु संचालित दिव्यांग भरण-पोशण अनुदान योजना के अन्तर्गत कुष्ठ रोग के कारण दिव्यांग हुए दिव्यांगजन हेतु कुष्ठावस्था पेंशन योजना संचालित है। इस योजना के तहत पात्र दिव्यांगजन को प्रति लाभार्थी की दर से 2500 रूपये प्रतिमाह अनुदान दिया जाता है।
सितम्बर में सम्बन्धित सहायक उपकरण/कृत्रिम अंग दिया जाना प्रस्तावित
प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा दिव्यांगजन हेतु संचालित कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण योजना के तहत लखनऊ स्थित सरोजनीनगर, चन्द्रावल, ऐन एवं हरौनी के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रांे में आयोजित निःशुल्क शारीरिक दिव्यांगता चिन्हांकन (परीक्षण) शिविर में 83 दिव्यांगजनों को सहायक/कृत्रिम उपकरण हेतु चिन्हांकित किया गया है। चिन्हित किये गये लाभार्थियों को आगामी सितम्बर माह में सहायक उपकरण/कृत्रिम अंग दिया जाना प्रस्तावित है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार चिन्हिंत किये गये 83 लाभार्थियों में से 57 को ट्राई साइकिल, 02 को व्हील चेयर, 12 को बैसाखी, 04 को श्रवण यंत्र, 02 को स्मार्ट केन, 03 को वाकर स्टिक, 02 को ब्रेलकिट किट एवं 01 को एम0आर0 किट से लाभान्वित किया जायेगा।
गो सेवा आयोग उपाध्यक्ष द्वारा चिनहट स्थित गो आश्रय स्थलों का निरीक्षण
उ0प्र0 गो सेवा आयोग द्वारा सतत् प्रदेश व्यापी निरीक्षण अभियान के क्रम में आज उ0प्र0 गो सेवा आयोग के उपाध्यक्ष श्री अतुल सिंह द्वारा लखनऊ स्थित विकास खण्ड चिनहट के अन्तर्गत अस्थाई गो आश्रय स्थल ग्राम-फर्रूखाबाद तथा अस्थायी गो आश्रय स्थल ग्राम-रायपुर का निरीक्षण किया गया। फर्रूखाबाद स्थित अस्थायी गो आश्रय स्थल का क्षेत्रफल 1.5 एकड़ है जिसमें कुल 123 गोवंश रखे गये हैं सभी गोवंश की टैेगिंग की गयी है, तथा आश्रय स्थल का संचालन खण्ड विकास अधिकारी, पशुचिकित्साधिकारी, ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी के माध्यम से किया जाता है। अस्थायी गो आश्रय स्थल फर्रूखाबाद में तीन कर्मचारी नियुक्त है तथा 500 वृक्षों का वृक्षारोपण किया गया है अस्थायी गो आश्रय स्थल ग्राम-रायपुर में 35 गोवंश अवस्थित है। उपाध्यक्ष श्री अतुल सिंह ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियोें को निर्देश दिये कि घायल एवं अस्वस्थ गोवंश की समुचित देखभाल की जाये तथा बरसात के मौसम को देखते हुए सभी गोवंश में कृमिनाशक दवाओं एवं टीकाकरण सुनिश्चित कराया जाये। उपाध्यक्ष ने गो आश्रय स्थलों के संचालकांे को सुझाव दिया कि वर्मी कम्पोस्ट एवं पौधो की नर्सरी हेतु गोमय के गमलें/मूर्तियां आदि बनाकर बेराजगारों को रोजगार देकर गौशाला आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त उपाध्यक्ष द्वारा जनपद स्तरीय गोसंरक्षरण एवं अनुश्रवण समिति की बैठक विकास भवन लखनऊ के सभागार में सम्पन्न हुई जिसमें मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी आदि को गोवंश के भरण-पोषण, उपचार, टीकाकरण एवं गोवंश की समुचित देखभाल से सम्बन्धित निर्देश दिये गये।
प्रदेश के वर्तमान में सभी तटबन्ध सुरक्षित हैं, कहीं भी किसी प्रकार की चिन्ताजनक परिस्थिति नहीं है। गत 24 घंटे में प्रदेश में 4.2 मि0मी0 औसत वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा से 10.5 मि0मी0 के सापेक्ष 40 प्रतिशत। प्रदेश में 01 जून, 2021 से अब तक 491.6 मि0मी0 औसत वर्षा हुए, जो सामान्य वर्षा 529.5 मि0मी0 के सापेक्ष 93 प्रतिशत। शारदा नदी पलिया कलाँ खीरी, घाघरा-अयोध्या, बलिया, राप्ती बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर बूढ़ी राप्ती सिद्धार्थनगर, रोहिणी महाराजगंज तथा क्वानों चन्द्रीपघाट-गोंडा में खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही। प्रदेश के वर्षा से प्रभावित जनपदों मंे सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 तथा पी0ए0सी0 की कुल 59 टीमें तैनाती की गयी है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 3381 नावें तथा 729 मेडिकल टीमें लगायी गयी। एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 द्वारा 35004 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। अब तक कुल 49836 ड्राई राशन किट वितरित किए गये हैं। अब तक कुल 3,11,279 फूड पैकेट वितरित किए गए हैं। प्रदेश में 1059 बाढ़ शरणालय तथा 1273 बाढ़ चौकी स्थापित की गयी है। प्रदेश में अब तक कुल 759 पशु शिविर स्थापित किये गये हैं। विगत 24 घंटों में पशु टीकाकरण की संख्या 18430 तथा अब तक कुल पशु टीकाकरण की संख्या 4,76,086।
उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त श्री रणवीर प्रसाद ने वर्षा की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश के वर्तमान में सभी तटबन्ध सुरक्षित हैं, कहीं भी किसी प्रकार की चिन्ताजनक परिस्थिति नहीं है। गत 24 घंटे में प्रदेश में 4.2 मि0मी0 औसत वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा से 10.5 मि0मी0 के सापेक्ष 40 प्रतिशत है। इस प्रकार प्रदेश में 01 जून, 2021 से अब तक 491.6 मि0मी0 औसत वर्षा हुए, जो सामान्य वर्षा 529.5 मि0मी0 के सापेक्ष 93 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि शारदा नदी पलिया कलाँ खीरी, घाघरा-अयोध्या, बलिया, राप्ती बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर बूढ़ी राप्ती सिद्धार्थनगर, रोहिणी महाराजगंज तथा क्वानों चन्द्रीपघाट-गोंडा में खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश के वर्षा से प्रभावित जनपदों मंे सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 तथा पी0ए0सी0 की कुल 59 टीमें तैनाती की गयी है, 3381 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है तथा 729 मेडिकल टीमें लगायी गयी है। एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 द्वारा 35004 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। प्रसाद ने बताया कि अब तक कुल 49836 ड्राई राशन किट वितरित किए गये हैं। अब तक कुल 3,11,279 फूड पैकेट वितरित किए गए हैं। प्रदेश में 1059 बाढ़ शरणालय तथा 1273 बाढ़ चौकी स्थापित की गयी है। प्रदेश में अब तक कुल 759 पशु शिविर स्थापित किये गये हैं। विगत 24 घंटों में पशु टीकाकरण की संख्या 18430 तथा अब तक कुल पशु टीकाकरण की संख्या 4,76,086 है।
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वितरण की अन्तिम तिथि 31 अगस्त को मोबाइल ओ.टी.पी. वेरीफिकेशन के माध्यम से वितरण
प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए सभी राशन कार्डधारकों को 03 माह (जून, जुलाई व अगस्त) की अवधि तक निःशुल्क राशन वितरित कराया जा रहा है। इस योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत अन्त्योदय तथा पात्र गृहस्थी लाभार्थियों को 20 अगस्त, 2021 से 31 अगस्त, 2021 तक खाद्यान्न का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। अन्त्योदय कार्डधारकों को 35 किग्रा0 खाद्यान्न (20 किग्रा0 गेहूँ और 15 किग्रा0 चावल) तथा पात्र गृहस्थी राशन कार्डों से सम्बद्ध यूनिटों पर 05 किग्रा0 खाद्यान्न प्रति यूनिट (03 किग्रा0 गेहूँ व 02 किग्रा0 चावल) का वितरण होगा। इस संबंध में प्रदेेश के खाद्य आयुक्त, श्री ए0वी0राजमौली ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। यह जानकारी अपर खाद्य आयुक्त, श्री अनिल कुमार दुबे ने आज यहां देते हुए बताया कि वितरण की अन्तिम तिथि 31 अगस्त, 2021 होगी, जिस दिन आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से खाद्यान्न प्राप्त न कर सकने वाले उपभोक्ताओं हेतु मोबाइल ओ.टी.पी. वेरीफिकेशन के माध्यम से वितरण सम्पन्न किया जा सकेगा। अपर आयुक्त ने बताया कि कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के दृष्टिगत आवश्यक वस्तुओं का निर्बाध रूप से वितरण सुनिश्चित कराने के लिए उचित दर दुकानदारों द्वारा द्वितीय चक्र के वितरण के दौरान भी खाद्यान्न का वितरण का कार्य प्रातःकाल 6ः00 बजे से रात्रि 09ः00 बजे तक किया जायेगा। दुबे ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक उचित दर दुकान पर आवश्यक वस्तुओं के वितरण का एक रोस्टर निर्धारित किया जायेगा, ताकि उचित दर दुकानों पर भारी भीड़ एकट्ठी न हो और उपभोक्ताओं को अनावश्यक देर तक प्रतीक्षा करने की असुविधा का सामना न करना पड़े। सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए दो उपभोक्ताओं के मध्य कम से कम 02 गज की दूरी होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जाँच में अनियमितता पाये जाने की स्थिति में सम्बन्धित दोषी विक्रेता के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 47 मार्गों का कार्य कराया गया पूर्ण
उत्तर प्रदेश ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 मंे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 48 मार्ग लक्षित थे, जिनमें से अब तक 47 मार्गों को पूर्ण कराया गया। कुल निर्मित सड़कों में से 4634 सड़के अनुरक्षण अवधि पूर्ण होने के उपरान्त लोक निर्माण विभाग को हस्तानान्तरित की जा चुकी है। ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीरियॉडिक रिन्यूवल के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल स्वीकृत 378 मार्गों के सापेक्ष 294 मार्गों का रिन्यूवल कार्य पूर्ण हो चुका है। विभाग में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुधार हेतु थर्ड पार्टी के रूप में प्रदेश स्थिति इंजीनियरिंग कालेजों को आबद्ध किया गया है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु इंजीनियरिंग कालेजों के विशेषज्ञों द्वारा निरीक्षण कराया जा रहा है।
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उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आज विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर अपने सरकारी आवास 7-कालिदास मार्ग पर फोटोग्राफर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों को सम्मानित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उन्होंने एक ऐप भी लांच किया। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि फोटोग्राफी एक ऐसी विधा है, जो अनमोल पलों को संजोती है। फोटोग्राफर्स को प्रोत्साहित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। उन्हें अपना कौशल दिखाने के लिए प्रोत्साहित करने और इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान करने वाले लोगों को आज याद करने का दिन है। उन्होंने कहा विश्व फोटोग्राफी दिवस का मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना और उनके कामों को प्रोत्साहित करना है। मौर्य ने कहा कि आज फोटोग्राफी एक अच्छे कैरियर के विकल्प के रूप में उभरा है। यह कमाई का अच्छा जरिया है। फोटोग्राफी कई मायनों में एक कला है ,जिसमें तस्वीरों के जरिए बिना कुछ कहे सारे हालात व स्थितियों परिलक्षित हो जाती हैं। उन्होंने फोटोकापी एसोसिएशन के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि उनके भविष्य को संवारने के लिए हर संभव मदद की जाएगी।
कुल्हैण्डा निरीक्षण गृह, झांसी के पुनरोद्धार हेतु 1 लाख 93 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत
चाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद झांसी के सपरार खण्ड स्थित कुल्हैण्डा निरीक्षण गृह के पुनरोद्धार की परियोजना हेतु प्रावधानित 19.03 लाख रुपये में से 1 लाख 93 हजार रुपये की धनराशि अवमुक्त किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में आवश्यक शासनादेश शासन द्वारा जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति अवश्य प्राप्त कर ली जाये। इसके उपरान्त ही कार्य शुरू कराया जाये। परियोजना का कार्य गुणवत्ता के साथ ही निर्धारित समय में पूरा कराया जाये। इसके अलावा इस स्वीकृत धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजना पर ही किया जाना है। ऐसा न किये जाने पर यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी होती है तो इसका समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा। परियोजना से संबंधित वैधानिक अनापत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेंश सक्षम स्तर से प्राप्त करने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाये। प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा विभिन्न श्रेणी के दिव्यांग विद्यार्थियों को बाधारहित वातावरण में समेकित शिक्षा के अंतर्गत गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान किये जाने के उद्देश्य से स्थापित लखनऊ स्थित डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के 07 विद्यार्थियों का विभिन्न कम्पनियों में प्लेसमेण्ट दिया गया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव, श्री अमित कुमार सिंह ने बताया कि एम.बी.ए. विभाग के श्री धरमवीर, श्री रवि दुबे एवं अंकित कुमार रघुवंशी का टेकराइज, जयपुर में 1.80 लाख रुपये के सालाना पैकेज पर तथा एम.बी.ए. विभाग के ही श्री विवेक पाठक का ठाकुर पब्लिकेशन्स प्राइवेट लिमिटेड में 2.16 लाख रुपये के सालाना पैकेज पर प्लेसमेण्ट हुआ है। सिंह ने बताया कि बी.टेक (कम्प्यूटर साइंस) विभाग के मोहम्मद सलमान एवं सुश्री रितु तिवारी एवं श्री प्रभन्जन पाठक का मैक्लिन साफ्टवेअर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड में 2.50 लाख रुपये के सालाना पैकेज पर प्लेसमेण्ट हुआ है। कुलसचिव ने बताया कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय में नियमित रूप से वर्चुअल प्लेसमेण्ट एवं कैम्पस प्लेसमेण्ट ड्राइव आयोजित किये जाते हैं।
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राज्य पिछड़ा आयोग, उ0प्र0 ने 20 वादों की सुनवाई करते हुए याचियों को दी राहत
राज्य पिछड़ा आयोग, उ0प्र0 के अध्यक्ष, श्री जसवन्त सैनी ने आयोग के समक्ष पेश विभिन्न 20 प्रकरणों की सुनवाई करते हुए याचियों को राहत प्रदान की और संबंधित विभागों को अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा के निर्देश दिये।
इन वादों में 1- श्री जयराम सिंह बनाम उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण, जो आवंटित भूखण्ड की पूर्ण धनराशि जमा किये जाने के उपरान्त भी निबन्धन न कराये जाने विषयक था। प्रकरण में उपाध्यक्ष/सचिव लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपस्थित न होने पर नाराजगी व्यक्त की गयी। प्रकरण में दोषियों के विरूद्व कार्यवाही करते हुए अगली सुनवाई 13.09.2021 नियत करते हुए सक्षम अधिकारी को उपस्थित होने हेतु निर्देश दिये गये।
2- श्री रामाशीष यादव बनाम सचिव उ0प्र0 पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ, जो जाति प्रमाण पत्र मान्य न किये जाने के सम्बन्ध में था, सुनवाई की गयी। अगली सुनवाई पर शासन की ओर से अपर मुख्य सचिव गृह अथवा सक्षम अधिकारी को उपस्थित होने के निर्देश दिये गये।
3- श्री रामकुमार बनाम जिलाविद्यालय, निरीक्षक द्वितीय, लखनऊ जो पिछड़े वर्ग का होने के कारण ए0सी0पी0 न दिये जाने के सम्बन्ध में था, सुनवाई के समय अवगत कराया गया कि ए0सी0पी0 का लाभ दे दिया गया है।
4- श्री राम नारायण सिंह बनाम निदेशक माध्यमिक शिक्षा उ0प्र0 जो जी0पी0एफ0 व पेंशन न भुगतान किये जाने के सम्बन्ध में था। सुनवाई के दौरान अवगत कराया गया कि जी0पी0एफ0 का भुगतान कर दिया गया है और पेंशन का भुगतान किया जा रहा है।
5- श्री अतुल यादव बनाम पुलिस अधीक्षक कासगंज का वाद जो विपक्षी प्रधान द्वारा शिकायतकर्ता को झूठे मुकदमें में फसाये जाने के सम्बन्ध में है, पुलिस अधीक्षक कासगंज की ओर से किसी भी सक्षम अधिकारी के न उपस्थित होने पर नाराजगी व्यक्त की गयी। अगली सुनवाई पर आई0जी0 अलीगढ़ को जॉचकर कर कार्यवाही से अवगत कराने तथा पुलिस अधीक्षक कासगंज को उपस्थित होने के निर्देश दिये गये।
6- श्रीमती रीना सैनी, सहायक अध्यापक बनाम निदेशक बेसिक शिक्षा, उ0प्र0 का वाद जो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सहारनपुर द्वारा मानसिक उत्पीड़न व शोषण किये जाने के सम्बन्ध में था, का किया गलत निलम्बन बहाल कर दिया गया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सहारनपुर द्वारा समय से कार्यवाही न किये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा गया कि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही न की जाय।
7- श्री करन सिंह बनाम जिलाधिकारी मैनपुरी जो पिछड़ी जाति लोहार का प्रमाण पत्र बनाने में पैसे की मांग करने की जॉच कर कार्यवाही करने के सम्बन्ध में है। जिलाधिकारी मैनपुरी द्वारा आयोग से प्रेषित पत्रों दिनॉंक 27.11.2019, 13.01.2020, 25.06.2020 का जवाब न देने तथा सुनवाई में उपस्थित न होने पर अपर मुख्य सचिव, नियुक्ति, उ0प्र0 शासन को जिलाधिकारी, मैनपुरी का स्पष्टीकरण प्राप्त करते हुए अगली सुनवाई पर उपस्थित होने के निर्देश दिये गये। मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने ओलंपियन सम्मान समारोह में पहुंचे खिलाडियों से भेंट कर, उनका हालचाल जाना और उत्साहवर्धन किया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में आयोजित ओलंपियन सम्मान समारोह में विभिन्न खेलों से संबंधित खिलाडियों का उत्साह बढ़ाने और देश को गौरवान्वित करने वाले ओलंपिक खिलाडियों से प्रेरणा लेने हेतु प्रदेश भर के खिलाडियों को आमंत्रित किया गया है। इसी क्रम में जनपद मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर व गाजियाबाद से भी खिलाडी लखनऊ पहुंचे। मुजफ्फरनगर विधानसभा सीट से विधायक एवं प्रदेश सरकार में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के स्वतंत्र प्रभार मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने इन खिलाडियों से मुलाकात की, उनका हालचाल जाना। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाडियों को सम्मानित और अन्य खिलाडियों को प्रेरित कर रहे हैं। इसीलिए यह सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है। मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने सभी खिलाडियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के माध्यम से दुनिया के विभिन्न देशों के खिलाडियों को अनुशासन, धैर्य, धीरज, साहस आदि प्राप्त करने का अवसर मिलता है, साथ ही साथ देशों के बीच मित्रता, भाईचारे और अच्छे संबंधों की अवधारणा का एहसास होता है। मंत्री कपिल देव अग्रवाल से मिलकर सभी खिलाडी खुश व उत्साहित नजर आये।
प्रदेश के राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रवेश की अन्तिम तिथि 28 अगस्त, 2021
व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के विशेष सचिव व अधिशासी निदेशक श्री हरिकेश चौरसिया ने बताया कि प्रदेश के राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रवेश हेतु 04 अगस्त 2021 से प्रारम्भ हो गया है, जिसकी अन्तिम तिथि 28 अगस्त, 2021 तक है। उन्होंने बताया कि अब तक राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 1,18,743 लोगों तथा निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 23,912 लोगों ने आवेदन किया है। इस प्रकार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अब तक कुल 1,42,655 लोगों ने आवेदन किया है। विशेष सचिव व अधिशासी निदेशक ने बताया कि आगरा मण्डल के राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 8909, अलीगढ़ मण्डल में राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 6224, अयोध्या मण्डल में राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 8336, आजमगढ़ मण्डल में राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 6555, बरेली मण्डल में राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 11152, बस्ती मण्डल में राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 2859, चित्रकूट मण्डल में राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 5567, देवीपाटन (गोण्डा) मण्डल में राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 3490, गोरखपुर मण्डल में राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 8877, झांसी मण्डल में राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 4599, कानपुर मण्डल में राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 15,578, लखनऊ मण्डल में राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 18000, मेरठ़ मण्डल में राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 10152, मिर्जापुर (विध्यांचल) मण्डल में राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 2920, मुरादाबाद मण्डल में राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 11013, प्रयागराज मण्डल में राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 8329, सहारनपुर मण्डल में राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 4018 तथा वाराणसी मण्डल में राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 6077 लोगों ने प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया है।
उप्र की नई जनसंख्या नीति ’लक्ष्य और उद्देश्य’
11 जुलाई, 2021 को विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक ’नई जनसंख्या नीति’ की घोषणा की गई। वर्ष 2021-2030 की अवधि के लिए घोषित इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य की जनसंख्या पर नियंत्रण लगाना है। चीन के बाद दूसरी सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश होने तथा जनसंख्या वृद्धि दर अधिक होने के कारण देश में समय-समय पर जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए जा चुके हैं। कई राज्यों ने अपने यहां जनसंख्या नियंत्रण से सम्बन्धित प्रावधान लागू किए हैं, जिनमें दो से अधिक बच्चे होने पर पंचायत एवं नगरपालिका चुनावों से प्रतिबंधित किए जाने तथा सरकारी सुविधाओं से वंचित करने के प्रावधान शामिल हैं। इस संदर्भ में देश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक वृहद नीति के रूप में जनसंख्या नियंत्रण से सम्बन्धित कदम उठाया जाना अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति की समय सीमा उत्तर प्रदेश सरकार के सतत विकास लक्ष्य विजन 2030 पर आधारित है। नई जनसंख्या नीति की 2026 में मध्यावर्ती समीक्षा भी की जाएगी जिसके तहत लक्ष्यों की प्रगति का आंकलन और आवश्यकतानुसार संशोधन भी किया जाएगा। जनसंख्या नीति में प्रावधानित राज्य अनुसंधान प्रकोष्ठ द्वारा नीतिगत उद्देश्यों की प्राप्ति की निगरानी निश्चित समय पर होने वाले सर्वेक्षणों और अध्ययनों के माध्यम से की जाएगी। यह नीति ’सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ के ध्येय वाक्य पर आधारित है इसमें यह निहित है कि सभी महिलाओं और पुरूषों के साथ-साथ विशिष्ट आवश्यकताआंे वाले व्यक्तियों के लिए भी गुणवत्तापूर्ण और व्यापक प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल सम्बन्धी सेवाएं उपलब्ध हों, जिसमें हर बच्चा स्वस्थ और शिक्षित हो तथा लैंगिक समानता सुनिश्चित हो। प्रदेश सरकार द्वारा घोषित इस जनसंख्या नीति में सतत् विकास लक्ष्य दृष्टिकोण 2030 को ध्यान में रखते हुए कई नीतिगत उद्देश्यों को शामिल किया गया है जैसे- जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्य प्राप्त करना, निवारण योग्य मातृ मृत्यु और बीमारियों का उन्मूलन करना, नवजात और पाँच वर्ष से कम आयु वाले बच्चों की निवारण योग्य मृत्यु को समाप्त करना और उनकी पोषण स्थिति में सुधार करना, किशोर-किशोरियों के लिए यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और पोषण से सम्बन्धित सूचनाओं और सेवाओं में सुधार करना, वृद्धों की देखभाल और कल्याण में सुधार करना।
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उ0प्र0 जनसंख्या नीति-2021 का सम्पूर्ण लक्ष्य जीवन की सभी अवस्थाओं में सभी लोगों के जीवन की गुणवत्ता मंे सुधार कना और सतत् विकास के प्रति व्यापक और समावेशी दृष्टिकोण को सक्षम बनाना है।
जनसंख्या नीति 2021 की प्रमुख विशेषताओं की बात करें तो इसमंे कई विशेषताएं शामिल हैं जैसे- बुनियादी ढ़ांचा सशक्त बनाना, मानव संसाधन, आपूर्ति श्रृंखला प्रबन्धन, विभिन्न जीवनचक्र चरणों के लिए उच्च प्रभाव वाले तरीकों का प्राथमिकीकरण, पहुंच योग्य और कमजोर आबादी वाले दूरस्थ समूहों की जरूरतों को पूरा करना, निजी क्षेत्र, सिविल सोसायटी और अन्य हित धारकों के साथ सहयोग और साझेदारी को मजबूत करना, सुधार के लिए एकीकृत निगरानी और डेटा का उपयोग और नीतिगत उद्देश्यों की प्राप्ति का मूल्यांकन करने के लिए समय-समय पर सर्वेक्षण किया जाना आदि। उत्तर प्रदेश के जनसांख्यिकीय और स्वास्थ्य परिदृश्य के आंकलन से पता चलता है कि राज्य अपने जनसंख्या स्थिरीकरण लक्ष्यों की प्राप्ति की ओर अग्रसर है। प्रदेश की 2021 की जनसंख्या नीति के सुदृढ़ क्रियान्वयन से राज्य के विविध जनसंख्या समूहों की विभिन्न जीवन चरणों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने में बहुत सहायता मिलेगी।
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प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा में डिजिटल लाइब्रेरी, ई-लर्निंग पार्क की सुविधा देकर छात्रों को दे रही है गुणवत्तायुक्त शिक्षा
प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे शिक्षार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन विशेष सुविधाएं दे रही हैं। ऑनलाइन शिक्षा में कोविड-19 महामारी के पूर्व, उच्च शिक्षा विभाग में योगदान अत्यधिक कम था परन्तु कोविड-19 काल में लगभग 15 हजार शिक्षाविदों के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा का कार्य प्रारम्भ किया गया जिसके माध्यम से 9 लाख से अधिक, छात्रों ने इसका लाभ उठाया। जिसके दृष्टिगत उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी की महत्ता के सम्बंध में छात्रों के हित में ई-कंटेन्ट को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों द्वारा अधिक से अधिक ई-कंटेन्ट उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से गुणवत्तायुक्त ऑनलाइन पाठ्य सामग्री उपलब्ध करायी गयी है। इस कार्य हेतु एन0आई0सी0 के सहयोग से तीन हफ्तों में पोर्टल का निर्माण किया गया तथा 05 सितम्बर, 2020 को उ0प्र0 उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी का लोकार्पण किया गया। वर्तमान में ई-कंटेन्ट की गुणवत्ता की परख कर अल्प समय में उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाईब्रेरी पर कुल 75 हजार ई-कंटेन्ट अपलोड किया जा चुका है तथा इसे लगभग 5.50 लाख छात्र-छात्राओं द्वारा एक्सेस किया गया है। उल्लेखनीय है कि नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इण्डिया (एनडीएलआई) ने उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी के साथ सहयोग करने के लिए रूचि दिखायी ताकि उनके उपयोगकर्ताओं को भी उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी पर उपलब्ध पठन-पाठन सामग्री का लाभ मिल सके, जिसके क्रम में उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी एवं नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इण्डिया (एनडीएलआई), आई0आई0टी0 खड़गपुर के मध्य पार्टनरशिप हेतु एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किया गया है। कोरोना महामारी के दृष्टिगत एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में यह एम0ओ0यू0 उत्तर प्रदेश के छात्रों के साथ-साथ देश भर के छात्रों के लिए अत्यन्त लाभकारी है।
प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रदेश के महत्वाकांक्षी जनपदों में स्थित 18 राजकीय महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में छात्र-छात्राओं हेतु 160 प्री-लोडेड ई-टैबलेट्स उपलब्ध कराये जाने हेतु वित्तीय स्वीकृति अवमुक्त की। उसी तरह वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश के दूरस्त अंचलों में स्थित 120 राजकीय महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में 1080 प्री-लोडेड ई-टैबलेट्स उपलब्ध कराने हेतु वित्तीय स्वीकृति अवमुक्त की गई है। प्री-लोडेड ई-टैबलेट्स में पाठ्यक्रम के अनुरूप सामग्री पहले से उपलब्ध रहेगी। कोविड-19 महामारी के दौरान छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन पठन-पाठन का कार्य शुरू किया गया था। इस दौरान यह अनुभव किया गया कि ग्रामीण अंचल में निर्बाध इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इससे प्रदेश के ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को असुविधा का सामना न करना पड़े, इसी को ध्यान में रखते हुए इस डिजीटल डिवाइड गैप को कम करने के लिए एवं राज्य के तहसील व ब्लाक स्तर पर संचालित 120 राजकीय महाविद्यालयों के छात्रों को ध्यान में रखते हुए ई-लर्निंग पार्क, वाई-फाई, इण्टरनेट कनेक्शन एवं एक्सेस विकसित करने हेतु प्रति महाविद्यालय 05 कम्प्यूटर, 05 प्रिन्टर, 03 टेबल कुर्सी एवं वाई-फाई तथा इण्टरनेट के लिए धनराशि उपलब्ध करायी गई है। महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क, वाई-फाई एवं इण्टरनेट एक्सेस की सुविधा प्रदान करके इन ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को ऑनलाइन शिक्षण सामग्री ई-कन्टेन्ट, डिजिटल लाइब्रेरी का उपयोग, विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों, वेबिनार आदि अनेकों उपयोगी एवं आधुनिक सुविधायें प्रदान कर उनका बहुमुखी विकास किया जा रहा है। इस दिशा में ई-लर्निंग पार्क की सुविधा मील का पत्थर साबित होगी, इससे न केवल शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि इन दूरस्थ ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्र में विभिन्न सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी होगा जिससे जनजागरूकता के साथ-साथ इन सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में आसानी होगी एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में आसानी होगी एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन को सुचारू रूप से सम्पन्न किया जा सकेगा।