मंत्री महेन्द्र सिंह ने जल को बताया प्रकृति का अनमोल धरोह, कहा- विवेकपूर्ण उपयोग जरूरी

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मंत्री महेन्द्र सिंह ने जल को बताया प्रकृति का अनमोल धरोह, कहा- विवेकपूर्ण उपयोग जरूरी
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना से अब तक 4,95,000 से अधिक परिवार लाभान्वित राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत 30 हजार रूपये की आर्थिक सहायता मिल रही है। अनु0जाति/जनजाति के गरीब परिवारों को लाभान्वित करने के लिए राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना संचालित की जा रही है। प्रदेश के समाज कल्याण विभाग द्वारा अनु0जाति/जनजाति के गरीब परिवारों को लाभान्वित करने के लिए राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत गरीबी रेखा के नीचे निवासरत परिवार के कमाऊ मुखिया की मृत्यु पर मृतक के आश्रित को 30 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने योजना के सम्बंध में जानकारी देते हुए बताया कि योजनान्तर्गत अनु0जाति/जनजाति के गरीब परिवारों को, जिनकी वार्षिक आय शहरी क्षेत्रों में 56,460 रूपये तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 46,080 रूपये तक हो, उन्हें इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस योजना को कम्प्यूटरीकृत करते हुए ऑनलाइन कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत गरीब परिवार के मुखिया की उम्र 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में अब तक 3,163 परिवारों को लाभ प्रदान किया गया है। इसके पहले वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,50,229 परिवारों को, वर्ष 2019-20 में 1,46,526 परिवारों को, वर्ष 2018-19 में 1,08,894 परिवारों को तथा 2017-18 में 86,256 परिवारों को इस योजना का लाभ प्रदान किया गया है। इस प्रकार प्रदेश की वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कुल 4,95,068 परिवारों को लाभान्वित किया गया है। आगामी विधानसभा निर्वाचक नामावलियों का पुनरीक्षण तथा विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 हेतु ैटम्म्च् योजना ;ैलेजमउंजपब टवजमतेश् म्कनबंजपवद ंदक म्समबजवतंस च्ंतजपबपचंजपवदद्ध के अन्तर्गत मतदाता जागरूकता, पंजीकरण एवं सहभागिता हेतु की जाने वाली गतिविधियों के लिए रूपरेखा तैयार किये जाने के सम्बंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में स्टेट स्वीप कोर की बैठक मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा आपस में समन्वय स्थापित कर मतदाता जागरूकता, पंजीकरण एवं सहभागिता हेतु कार्य किया जाय। उन्होंने कहा कि आयोग की अपेक्षा है कि ‘‘कोई मतदाता न छूटे’’ ;छव टवजमत जव इम समजि इमीपदकद्ध के क्रम में समस्त अर्ह मतदाताओं का पंजीकरण सुनिश्चित किये जाने की आवश्यकता है। वर्तमान में मतदाता सूचियों के निरन्तर पुनरीक्षण की कार्यवाही गतिमान है, जिसमें युवा मतदाता ;18.19ए 19.30 आयुवर्ग के मतदाता), महिला मतदाता तथा दिव्यांग मतदाताओं के पंजीकरण पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।  उपरोक्त के अतिरिक्त मतदाता सूची से मृतक एवं अन्य अनर्ह मतदाताओं के विलोपन की कार्यवाही की जानी अपेक्षित है। अर्ह मतदाताओं के पंजीकरण के साथ-साथ उन्हें निष्पक्ष एवं भयमुक्त होकर मतदान करने हेतु प्रेरित किया जाना भी हमारा दायित्व है। शुक्ला ने बताया कि मतदाता पंजीकरण हेतु मतदाताओं को आयोग द्वारा उपलब्ध कराये गये विभिन्न प्ज् च्संजमवितउे यथा छटैच्ण्पदए अवजमतचवतजंसण्मबपण्हवअण्पदए टवजमत भ्मसचसपदम ।चचए च्ूक् ।चच तथा हेल्पलाइन 1950 आदि की जानकारी एवं उसका उपयाोग किए जाने हेतु जागरूक किया जाय। राज्य स्तर व जनपद स्तर पर तथा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर ैटम्म्च् नोडल अधिकारी नियुक्त हैं। राज्य स्तर पर मतदाता जागरूकता हेतु दिव्यांग श्रेणी में सुश्री अरूणिमा सिन्हा, पर्वतारोही तथा सामान्य श्रेणी में श्री भुवनेश्वर कुमार, क्रिकेटर आईकॉन नियुक्त है। उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य आईकॉन्स का चयन किये जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है। जनपद स्तर पर ैटम्म्च् प्बवद के चयन हेतु कला, संस्कृति, खेल, साहित्य, शिक्षा आदि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण व्यक्तियों के नाम आयोग के निर्देशानुसार चयन किये जाने हेतु जनपदों को निर्देश दे दिये गये है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि उच्च/माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों/कालेजों में मतदाताओं की जागरूकता बढ़ाने एवं निर्वाचक नामावली में अधिकाधिक संख्या में पंजीकरण हेतु मतदाता जागरूकता विषय पर ऑनलाइन प्रतियोगिताएं क्वीज़ प्रतीयोगिता, निबन्ध प्रतियोगिता, स्लोगन, पेन्टिंग, मेहंदी, रंगोली कहानी आदि कार्यक्रम आयोजित किये जाएं। युवा मतदाताओं विशेषकर महिला मतदाताओं की जागरूकता एवं सहभागिता हेतु शैक्षणिक संस्थाओं में मतदाता जागरूकता विषयों पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित करायी जा सकती है। यथासम्भव सोशल मीडिया के माध्यम से युवा मतदाताओं से आनलाइन संवाद स्थापित करने में एन.एस.एस., नेहरू युवा केन्द्र, एन.सी.सी., भारत स्काउट एवं गाइड तथा सिविल डिफेन्स आदि संस्थाओं की सहायता ली जाय। नेहरू युवा केन्द्र द्वारा गांवोॅं में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक कर सकते है। नेहरू युवा केन्द्र तथा स्काउट एण्ड गाइड के वॉलिन्टियर्स द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से मतदाता जागरूकता हेतु कार्य किया जा सकता है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि दूरदर्शन, आकाशवाणी द्वारा जन सामान्य के लिए प्रसारित कार्यक्रमों तथा टॉक शो के माध्यम से मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक किया जाय। जनपद स्तर पर ज्ंतहमजमक प्दजमतअमदजपवदे हेतु ैटम्म्च् योजनान्तर्गत गठित की जाने वाली विभिन्न समितियों जैसे कि छात्र-छात्राओं हेतु म्स्ब् समिति, शासकीय/अशासकीय कार्यालयों तथा निजी संस्थाओं में ट।थ्े ;टवजमत ।ूंतमदमेे थ्वतनउेद्धए दिव्यांग मतदाताओं के लिए क्पेजतपबज ैजममतपदह ब्वउउपजजमम वद ।बबमेेपइसम म्समबजपवद ;क्ैब्।म्द्ध तथा सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाने हेतु चुनाव पाठशालाओं को ।बजपअंजम कर मतदाता जागरुकता बढायी जाय। छूटे हुए मतदाताओं के नाम शामिल किए जाने एवं निर्वाचक नामावली मे विद्यमान डुप्लीकेट नामों के अपमार्जन हेतु ग्राम सभा/स्थानीय निकाय एवं रेजीडेण्ट वेलफेयर एसोसियेशन इत्यादि की एक खुली बैठक का आयोजन किया जाएगा। जिसमें सम्बन्धित भाग संख्या की मतदाता सूची बी0एल0ओ0 द्वारा पढ़ी जाएगी। उक्त बैठक मे दिव्यांग मतदाताओं के टैगिंग का कार्य बी0एल0ओ0 द्वारा बी0एल0ओ0 रजिस्टर में पृथक से किया जाएगा। इस बार इनकी टैगिंग पर विशेष ध्यान दिया जाना है।
जनपद स्तर पर दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, रेडक्रास, इत्यादि विभागों के साथ सहभागिता करते हुए दिव्यांग मतदाताओं के चिन्हीकरण की कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से मतदाता पंजीकरण हेतु लोगों को जागरूक किया जाय। सभी बैंकों की शाखाओं में मतदाता जागरूकता के बैनर लगवाये जाएं। मतदाताओं के अधिक से अधिक पंजीकरण के लिए वोटर हेल्पलाइन ऐप का प्रचार-प्रसार किया जाय, तथा इसके प्रति लोगों को जानकारी प्रदान की जाय। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के आगामी विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण को दृष्टिगत रखते हुए मतदाता सहायता केन्द्र/वोटर फैसिलेटेशन सेन्टर्स के माध्यम से दिव्यांग मतदाताओं को सुविधाएं दी जाएगी। जिसमे उन्हें फार्म-6, 7, 8 व 8ए को भरने मे सहायता प्रदान किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि बैंक, पोस्ट ऑफिस, रेलवे, ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन तथा स्वास्थ्य विभाग से उनके स्तर पर जन सामान्य के लिए उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से मतदाता जागरूकता हेतु पोस्टर, पम्पलेट, स्टीकर, स्लोगन, स्टाम्प मोहर आदि द्वारा मतदाता पंजीकरण हेतु जागरूक किया जाय। आयुक्त, राज्य कर विभाग द्वारा मतदाता जागरूकता हेतु जनपदों मंे स्थापित सिनेमा घरों, केबिल नेटवर्क इत्यादि के माध्यम से प्रचार प्रसार से संबंधित लघु फिल्म स्पॉट आदि का जनहित में प्रसारण किया जाय। इसी प्रकार नगर आयुक्त, खेल, संस्कृति विभाग से उनके यहां उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से जनहित में मतदाता जागरूकता करायी जाय। कोविड-19 संक्रमण से बचाव हेतु भारत सरकार, राज्य सरकार एवं भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित किये गये ैव्च्े का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।
बैठक में संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी रमेश चन्द्र राय, अवनीश सक्सेना, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरविन्द कुमार पाण्डेय, एडीएम प्रशासन अमर पाल, स्टेट डायरेक्टर नेहरू युवा केन्द्र गोपाल भगत, डिप्टी कलेक्टर नगर निगम सविता शुक्ला, सहायक निदेशक संस्कृति अमित अग्निहोत्री, संयुक्त निदेशक खेल अनिल बनौधा सहित सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
संस्कृत परिषद को रू0 2.50 लाख की धनराशि अवमुक्त
अखिल भारतीय संस्कृत परिषद, लखनऊ को प्राविधानित धनराशि         रू0 05 लाख के सापेक्ष प्रथम किश्त रू0 2.50 लाख शासन द्वारा अवमुक्त कर दिये गये हैं। इस धनराशि का व्यय केवल अनुमोदि मद/योजनाओं पर किया जायेगा। अखिल भारतीय संस्कृत परिषद लखनऊ द्वारा आगामी किश्त अवमुक्त किये जाने से पूर्व इस आशय का प्रमाण पत्र भी दिया जाना होगा कि विगत वर्षों में अवमुक्त की गई धनराशि के सापेक्ष कोई धनराशि अवशेष एवं अप्रयुक्त नहीं है।
लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान को रू0 12.50 लाख हुए अवमुक्त
वित्तीय वर्ष 2021-22 में लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान लखनऊ को प्राविधानित धनराशि रू0 25 लाख के सापेक्ष रू0 12.50 लाख शासन द्वारा अवमुक्त किये गये हैं। स्वीकृत धनराशि का व्यय केवल अनुमोदित मद/योजनाओं पर किया जायेगा। लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान लखनऊ को पूर्व वर्षों में स्वीकृत/अवमुक्त अनुदान की धनराशि से सम्बंधित स्थानीय लेखा परीक्षा/ऑडिट रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जायेगा।
श्रम विभाग में 02 सहायक श्रमायुक्त की नियुक्ति
प्रदेश सरकार ने उ0प्र0 लोक सेवा आयोग से चयनित 02 सहायक श्रम आयुक्त की नियुक्ति प्रदान कर दी है। इस सम्बंध में श्रम विभाग द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। श्रम विभाग द्वारा जारी आदेश में श्री कृष्ण कान्त यादव तथा श्री मयंक सिंह को सहायक श्रमायुक्त के पद पर नियुक्ति प्रदान कर दी है। साथ ही दोनों अधिकारियों की उक्त पद पर तैनाती करते हुए श्री कृष्ण कान्त यादव को गोरखपुर का सहायक श्रमायुक्त तथा श्री मयंक सिंह को बाराबंकी जनपद का सहायक श्रमायुक्त बनाया गया है। सहायक श्रमायुक्त के पद पर नवनियुक्त अधिकारी कार्यभार ग्रहण करने सम्बंधी प्रमाण पत्र शासन को अतिशीघ्र उपलब्ध कराएंगे।
पिपराईच चीनी मिल द्वारा शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य का किया गया भुगतान
उत्तर प्रदेश राज्य चीनी एवं गन्ना विकास निगम लिमिटेड की पिपराईच चीनी मिल द्वारा पेराई सत्र 2020-21 के दौरान क्रय किए गए गन्ने के मूल्य का भुगतान शत-प्रतिशत कर दिया गया है। चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग से मिली  जानकारी के अनुसार जनपद गोरखपुर स्थित पिपराईच चीनी मिल द्वारा पेराई सत्र 2020-21 के दौरान 24.98 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की गई। मिल द्वारा अपने स्रोतों से कुल देय गन्ना मूल्य के मद में अवशेष देय राशि रु. 454.41 लाख का भुगतान 16 जुलाई 2021 को कर दिया गया है। इस प्रकार मिल द्वारा शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है।
प्रकृति के अनमोल धरोहर का विवेकपूर्ण उपयोग जरूरी
उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह ने कहा है कि जल प्रकृति का अनमोल धरोहर है। भावी पीढ़ी को सुरक्षित जल उपलब्ध कराने के लिए जल का संरक्षण, संचयन तथा अन्धाधुन्ध दोहन के प्रति आम जनता में जागरूकता उत्पन्न करना जरूरी है। उन्होंने कहा है कि जल का विवेकपूर्ण उपयोग करके ही गिरते भूजल स्तर को बचाया जा सकता है। उन्होंने आम जन मानस से अपील किया है कि 16 से 22 जुलाई तक संचालित किये जा रहे भूजल सप्ताह के दौरान जल संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहरायें। डॉ0 महेन्द्र सिंह आज अपने सरकारी आवास 5-ए मॉल एवेन्यू से वेबिनार के माध्यम से 16 से 22 जुलाई तक चलने वाले भूजल सप्ताह का शुभारम्भ कर रहे थे। उन्होेंने कहा कि लम्बे समय तक भूजल के प्रबंधन के लिए सभी विभागों को मिलकर सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही सरकारी एवं अर्धसरकारी भवनों, स्कूलों एवं शिक्षण संस्थाओं में रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना अनिवार्य रूप से करनी होगी। उन्होंने कहा कि वर्षा की एक-एक बूंद बहुमूल्य है और इसको संचित कर उपयोग में लाने के लिए यह प्रणाली काफी कारगर एवं उपयोगी है। उन्होंने कहा कि भूजल सप्ताह को सफल बनाने के लिए आम जन मानस के साथ ही सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।सजल शक्ति मंत्री ने कहा कि भूजल प्रबंधन मंे सुधार के लिए भारत सरकार द्वारा अटल भूजल योजना प्रदेश में लागू की गयी है। इस योजना के माध्यम से जनपद स्तर के समस्त कार्यदायी विभागों जैसे लघु सिंचाई, कृषि, सिंचाई, वन, ग्राम्य विकास विभाग आपस में तालमेल करके जल संरक्षण की दिशा में संवेदनशीलता के साथ कार्य करे तभी यह महत्वाकांक्षी योजना सफल होगी। उन्होंने कहा कि भूगर्भ जल विभाग के अधिकारी भूजल सप्ताह को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करें तथा जन जागरूकता के लिए विभाग द्वारा संचालित विभिन्न परियोजनाओं को जमीनी स्तर पर उतारने के लिए पूरी कोशिश करें।
वेबिनार में जल षक्ति मंत्री ने कहा कि प्रदेष के दीर्घकालिक भूजल प्रबन्धन हेतु न केवल सभी विभागों को मिलकर जल संचयन एवम् सम्बर्द्धन के प्रयास करने होगें।साथ ही षासकीय/अर्द्धषासकीय भवनों/स्कूल-कालेजों के भवनों पर रुफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना भी अनिवार्य रुप से करानी होगी, जिससे कि वर्षा की एक-एक बॅंूद का संचय करते हुए प्रधानमंत्री जी के जल षक्ति अभियान को सफल बनाने में मदद मिल सके।ज्ञातव्य है कि 22 मार्च, 2021 को प्रधानमंत्री जी द्वारा जल शक्ति अभियान का शुभारम्भ किया गया था। मंत्री जी ने कहा कि भूजल प्रबन्धन में सुधार हेतु भारत सरकार के सहयोग से अटल भूजल योजना के रूप में एक महत्वाकांक्षी परियोजना लागू की गयी है। इस योजना के माध्यम जनपद स्तर के समस्त कार्यदायी विभागों जैसे कि लघु सिंचाई, कृशि विभाग, सिंचाई विभाग, वन विभाग तथा ग्राम्य विकास विभाग द्वारा आपसी समन्वय से जल संरक्षण की दिषा में व्यापक कार्य किये जाएंगें। इस योजना कोगैर-सरकारी संगठनों का भी सहयोग लेकरजन-सहभागिता के द्वारा पूरा किया जाना है।
जल शक्ति मंत्री ने इस बात परविषेश बल दिया कि जल संचयन एवं संरक्षण के कार्यों में वृहद स्तर पर भूजल जन जागरूकता उत्पन्न करने के लिए सामाजिक सहभागिता के सिद्धान्त को प्रदेश में अपनाये जाने की आवश्यकता है। ‘भूजल सप्ताह‘ के अवसर पर भूजल संरक्षण की आवश्यकता एवं महत्व को जन-मानस तक प्रभावी ढंग से पहुँचाया जाये,जिससे कि आम जनता भूजल के महत्व को समझे और स्वयं आगे आकर भूजल संचयन एवं इसके संरक्षण के उपायों को अपनाए।उन्होंने कहा कि यदिहम सभी संकल्प लें कि अपनी दिनचर्या में पानी का दुरूपयोग रोकेंगे, भूगर्भ जल के अन्धाधुन्ध दोहन को नियंत्रित करेंगे तथा भावी जल निधि के रूप में बारिश के पानी को संचित कर भूजल स्रोतों को बचायेंगे,तो आने वाली पीढ़ी को भूजल संकट से बचा सकते हैं।
जल शक्ति मंत्री ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के दौरानकहा कि बुन्देलखण्ड एवं पष्चिमी उत्तर प्रदेष के भूजल संकट के स्थाई समाधान हेतु भारत सरकार द्वारा अटल भूजल योजना लागू की गई है। इस योजना में ग्राम पंचायत स्तर पर वाटर सिक्योरिटी प्लान को विकसित करते हुए उसके क्रियान्वयन से क्षेत्र के भूजल प्रबन्धन में व्यापक सुधार हो सकेगा, इसमें जन सहभागिता भी एक आवष्यक अंग है। ग्राम पंचायतो के ग्राम प्रधानों तथा कृशकों से इस तरह से आनलाइन संवाद स्थापित करते हुए न सिर्फ परियोजना से होने वाले लाभों से उनको भिज्ञ कराया गया बल्कि जल संचयन के क्षेत्र में उनके अनुभव को भी साझा किया गया।
डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि यदि कोई भी देष जल संचयन, जल संरक्षण, संचित/संरक्षित जल का विवेकपूर्ण उपयोग तथा उपयोग में लाये गये जल का फिर से उपयोग कर लें, तो वह देष जल समृद्ध देष बन सकता है। हम सब को मिलकर यह संकल्प लेना होगा कि प्रधानमंत्री जी के जल संचयन के अभियान को एक जन आन्दोलन बनाते हुए प्रकृति की इस अनमोल धरोहर के संवर्धन के प्रयास किये जाए। इस बेबिनार में विषेश सचिव, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति श्री राजेष पाण्डेय तथा निदेषक, भूगर्भ जल विभाग, वी0केे0 उपाध्याय अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
जनपद बाराबंकी को ’विशिष्ट जनपद’ के आधार पर सभी उपनिबंधक कार्यालयों में महिला उपनिबंधकों की तैनाती
यह जानकारी देते हुए महानिरीक्षक निबंध डॉ0 रोशन जैकब ने बताया कि ज्यादा रजिस्ट्री विलेख वाले उप निबंधक कार्यालयों में वरिष्ठता क्रम में योग्य और सीधी भर्ती के उप निबंधक तैनात किये गये। उन्होंने यह भी बताया कि स्थानान्तरण नीति से प्रभावित सभी उप निबंधकों से ऑनलाइन 5-5 विकल्प भी लिए गए। इसके अतिरिक्त खराब छवि वाले उप निबंधकों को अन्यत्र स्थानान्तरित किया गया और सरकारी सेवा में कार्यरत पति-पत्नी को यथासंभव एक जिले में तैनात किया गया। गृह जनपद होने की दशा में निकटस्थ जिले में तैनाती दी गई।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए महानिरीक्षक निबंध ने बताया कि स्टाम्प एवं पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रवीन्द्र जायसवाल की पहल पर बाराबंकी जनपद को ’विशिष्ट जनपद’ बनाने की चेष्टा की गई, जिसके तहत महिला सहायक महानिरीक्षक निबंधन के साथ सभी उप निबंधक कार्यालयों में महिला उप निबंधकों को तैनाती दी गयी। इसके साथ ही सभी जिलों के सदर उप निबंधक कार्यालय में उप निबंध तैनात किये गये। अब तक लगभग 40 सदर कार्यालयों में लिपिक ही बतौर प्रभारी उप निबंधक तैनात थे, जिससे प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पा रहा था।
इसी प्रकार समूह-ग (निबंधन लिपिक) में जो 11 वर्ष या इससे अधिक समय से एक जिले में तैनात निबन्धन लिपिकों को अन्य जिलों में स्थानान्तरित किया गया। इसमें कई ऐसे भी निबन्धन लिपिक स्थानान्तरित हुए जो एक ही जनपद में लम्बे समय से (लगभग 30 वर्ष) तैनात थे। यथा संभव कार्यरत मण्डल के ही अन्य जिले में स्थानान्तरण किया गया है।
विकास कुमार सिंह ने मुख्य अभियन्ता (पैक्ट) का कार्यभार ग्रहण किया
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के सिविल संवर्ग के श्री विकास कुमार सिंह अधीक्षण अभियन्ता/वरिष्ठ स्टाफ अधिकारी (पैक्ट) को उनके वर्तमान कार्यभार के अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता (पैक्ट) का प्रभार, इस पद पर स्थायी मुख्य अभियन्ता की तैनाती तक, प्रभारी मुख्य अभियन्ता के रूप में प्रदान किया गया है। इस कार्यालय आदेश के अनुपालन में श्री विकास कुमार सिंह ने मुख्य अभियन्ता (पैक्ट) का कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई, श्री भूपेन्द्र यस0 चौधरी की ओर से 14 जुलाई, 2021 को कार्यालय आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि इस अतिरिक्त कार्यभार के लिए श्री विकास कुमार सिंह को कोई वेतन भत्ता आदि देय नहीं होगा। सिंचाई एवं जल संसाधन द्वारा जनहित में सिविल संवर्ग के मुख्य अभियन्ता स्तर-2 के 05 अभियन्ताओं को स्थानान्तरित करते हुए नवीन स्थान पर तैनाती दी गई है। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई श्री भूपेन्द्र एस0 चौधरी की ओर से 14 जुलाई, 2021 को आवश्यक आदेश जारी कर दिया गया है।
जिन मुख्य अभियन्ता स्तर-2 के अभियन्ताओं का स्थानान्तरित किया गया है उनमें रमेश चन्द्र, मुख्य अभियन्ता (यमुना), ओखला को मुख्य अभियन्ता कार्मिक-1/3 लखनऊ, प्रवीन कुमार, मुख्य अभियन्ता (अग्रिम-नियोजन) लखनऊ को मुख्य अभियन्ता (यमुना), ओखला, महेश चन्द्र, मुख्य अभियन्ता (गंगा), मेरठ को मुख्य प्राविधिक परीक्षक, लोक निर्माण विभाग, लखनऊ, संदीप कुमार, मुख्य प्राविधिक परीक्षक, लोक निर्माण विभाग, लखनऊ, को मुख्य अभियन्ता (गंगा), मेरठ तथा दिनेश कुमार पाण्डुवाल, मुख्य अभियन्ता कार्मिक-1/3 लखनऊ को मुख्य अभियन्ता (सोन), वाराणसी के पद पर तैनाती दी गयी है।
सिविल संवर्ग के 19 अधीक्षण अभियन्ता स्थानान्तरित
सिंचाई एवं जल संसाधन द्वारा जनहित में (सिविल संवर्ग) के 19 अधीक्षण अभियन्ताओं को स्थानान्तरित करते हुए नवीन तैनाती दी गयी है। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई श्री भूपेन्द्र एस0 चौधरी की ओर से 14 जुलाई, 2021 को कार्यालय आदेश जारी किया गया है।इन अभियन्ताओं को निर्देशित किया गया है कि तत्काल अपने नवीन तैनाती के स्थान पर कार्यभार ग्रहण कर इसकी सूचना शासन अथवा प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन को उपलब्ध करायें। इन अधीक्षण अभियन्ताओं में सर्वश्री हृदय नारायण सिंह, श्याम जी चौबे, प्रभात कुमार सिंह, राजेश मिश्रा, उपेन्द्र नाथ कुॅवर, विजय कुमार, शील चन्द्र उपाध्याय, राकेश कुमार चौबे, ललित कुमार सिंह, शशि प्रकाश शुक्ला, सुरेश कुमार, सुरेन्द्र मोहन वर्मा, ज्ञानेन्द्र शरण, नीरज कुमार, अम्बुज द्विवेदी, कैफ सिद्दीकी, विनोद कुमार मिश्रा, रमा कान्त वर्मा एवं धर्मेन्द्र कुमार तिवारी शामिल हैं।
सिविल संवर्ग के 75अधिशासी अभियन्ता स्थानान्तरित
सिंचाई एवं जल संसाधन द्वारा जनहित में (सिविल संवर्ग) के 75 अधिशासी अभियन्ताओं को स्थानान्तरित करते हुए नवीन तैनाती की गयी है। इस संबंध में संयुक्त सचिव सिंचाई श्री फूल चन्द्र की ओर से 14 जुलाई, 2021 को आवश्यक कार्यालय आदेश जारी किया गया है। स्थानान्तरित अभियन्ताओं को निर्देशित किया गया है कि वे तत्काल नवीन तैनाती स्थान पर कार्यभार ग्रहण कर इसकी सूचना शासन/प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को उपलब्ध करायें।
स्थानान्तरित अधिशासी अभियन्ताओं में सर्वश्री राम गोपाल, सौर्य वर्धन, अजय प्रताप सिंह, ओम प्रकाश मौर्य, अविनाश मिश्रा, राम शंकर राजपूत, जय प्रकाश सिंह, संजय सिंह, विपिन विहारी सिंह, पंकज गौतम, प्रमोद कुमार, राजीव कुमार सिंह, राजीव कुमार, दीपक यादव, विनय कुमार, सुधॉशु मनोहर सिंह, राम राज, पृथी सिंह, रमा शंकर राय, आलोक सिन्हा, विपिन कुमार, मनोज कुमार, शिवराज सिंह, अजय कुमार भारती, राकेश कुमार, विकास अग्रवाल शामिल हैं।
इसके अलावा सर्वश्री यशवंत सिंह, राजेश यादव, शरद कुमार, अजय कौशिक, सुशील कुमार सिंह, प्रदीप कुमार सिंह, संजय सिंह, मनोज राव, महेश कुमार, शिव प्रताप सिंह, तुषार कान्ति राजन, दुर्ण कुमार, नन्द जी गुप्ता, अखिलेश कुमार सिंह, रमेश चन्द्र, मोती लाल, हरेन्द्र कुमार, अरविन्द कुमार पाण्डेय, संजय कुमार, सरनाम सिंह, गोपाल जी, अवधेश कुमार, राजेश कुमार, रवीन्द्र कुमार चौधरी, मुर्सरत मियॉ, जितेन्द्र कुमार, यशजीत कुमार, अजीत पाल सिंह पुष्कर, महेन्द्र सिंह, सुभाष चन्द्र, धु्रव चन्द्र वर्मा तथा सुशील कुमार का स्थानान्तरण किया गया है।
इसके अतिरिक्त अधिशासी अभियन्ता सर्वश्री राम सागर, सत्यप्रकाश सिंह, उमेश कुमार सिंह, आशीष कुमार कुशवाहा, बृजेश चन्द्र लाल, अखिलेश कुमार, विजेन्द्र कुमार, मिथिलेश कुमार, मेघ ंिसंह, संजय मैत्रेय, राम बाबू, पवन कुमार अग्रहरी, आशुतोष सारस्वत, अजय कुमार, शैलेश कुमार सिंह, देवेन्द्र कुमार सहाय, नीरज कुमार तथा सुरेन्द्र कुमार कौशल को नवीन तैनाती दी गयी है।
श्रम विभाग के पांच उप श्रमायुक्त स्थानान्तरित
प्रदेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से श्रम विभाग के 05 उपश्रमायुक्त को स्थानान्तरित कर नयी तैनाती प्रदान की है। श्रम विभाग द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।
श्रम विभाग से जारी आदेश में श्री प्रदीप कुमार सिंह को नोएडा (गौतमबुद्धनगर) से स्थानान्तरित कर मुरादाबाद का उपश्रमायुक्त बनाया गया। इसी प्रकार दीप्तिमान भट्ट को मेरठ से मुख्यालय कानपुर से सम्बद्ध किया गया है। सियाराम को मुख्यालय कानपुर से स्थानान्तरित कर अलीगढ़ का उपश्रमायुक्त बनाया गया है। श्रीमती वन्दना को मुरादाबाद से स्थानान्तरित कर नोएडा (गौतमबुद्धनगर) का उपश्रमायुक्त बनाया गया है। इसी प्रकार श्री राजेश कुमार को अलीगढ़ से मुख्यालय कानपुर से सम्बद्ध किये जाने के पूर्व में दिये गये आदेश को संशोधित कर अब उन्हें आजमगढ़ का उपश्रमायुक्त बनाया गया है।
शासन ने सभी स्थानान्तरित उपश्रमायुक्त को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने नवीन तैनाती स्थल पर तत्काल कार्यभार ग्रहण कर कार्यभार ग्रहण करने संबंधी प्रमाण पत्र शासन व श्रमायुक्त उ0प्र0 को तत्काल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
योजनान्तर्गत रूपये 2207.75 करोड़ क्षतिपूर्ति का भुगतान सुनिश्चित
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही के निर्देशन में कृषि विभाग द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत अब तक कुल 205.15 लाख बीमित किसानों द्वारा 167.55 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया। कुल बीमित किसानों के सापेक्ष 25.60 लाख से अधिक किसानों को रूपये 2207.75 करोड़ क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ सभी इच्छुक एवं जरूरतमंद किसानों तक पहंुचाते हुए क्षतिपूर्ति की धनराशि किसानों को समय से उपलब्ध कराना कृषि विभाग की शीर्ष प्राथमिकता है।
कृषि विभाग से मिली विस्तृत जानकारी के अनुसार योजनान्तर्गत वर्ष 2020-21 केखरीफ 2020 मेंयोजनान्तर्गत22.40 लाख बीमित कृषकों द्वारा 17.04 लाख हे0 क्षेत्र में बीमा कराया गया जिसमें से 3.99 लाख कृषकों को माह मई, 2021 तक रू0 288.45 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जा चुका है। रबी 2020-21 में 19.88 लाख बीमित कृषकों द्वारा 14.78 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया कराया गया।
इसी प्रकार रबी 2019-20 में 23.32 लाख बीमित कृषकों द्वारा 18.09 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया कराया गया जिसमें 3.41 लाख कृषकों को रू0 279.50 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया।वर्ष 2019-20 के  खरीफ 2019 मेंयोजनान्तर्गत 23.89 लाख बीमित कृषकों द्वारा 18.90 लाख हे0 क्षेत्र में बीमा कराया गया जिसमें  6.23 लाख कृषकों को रू0 810.89 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। रबी 2018-19 में योजनान्तर्गत 29.66 लाख बीमित कृषकों द्वारा 24.26 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया जिसमें से 0.38 लाख कृषकों को रू0 18.39 करोड की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया।
खरीफ 2018 मेंयोजनान्तर्गत 31.69 लाख बीमित कृषकों द्वारा 27.41 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया जिसमें से योजना के प्राविधानो के अनुरूप 5.69 लाख कृषकों को रु0 434.27 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। वर्ष 2017-18 के खरीफ 2017 में 25.81 लाख बीमित कृषकों द्वारा 23.83 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया जिसमें से योजना के प्राविधानों के अनुरूप 4.01 लाख कृषकों को रु0 244.86 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। रबी 2017-18 में योजनान्तर्गत 28.39 लाख बीमित कृषकों द्वारा 23.24 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया जिसमें से 1.88 लाख कृषकों को रु0 129.12 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया।
कृषि विभाग में संयुक्त निदेशक स्तर के 05 अधिकारियों का हुआ तबादला
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही के निर्देश पर कृषि विभाग में संयुक्त निदेशक स्तर के 05 अधिकारियों को स्थानान्तरित करते हुये नवीन तैनाती प्रदान की गयी है। अपर मुख्य सचिव कृषि, डॉ0 देवेश चतुर्वेदी ने यह जानकारी देते हुये बताया कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा इस सम्बन्ध में आदेश जारी कर दिये गये हैं।
जारी शासनादेश के अनुसार कृषि भवन में तैनात श्री ए0के0 विश्नोई, संयुक्त कृषि निदेशक (गुणवत्ता नियंत्रण) को संयुक्त कृषि निदेशक (धान्य फसलें), श्री टी.एम. त्रिपाठी, संयुक्त कृषि निदेशक (अभियंत्रण) को संयुक्त कृषि निदेशक (रा0जला0) एवं श्री नीरज श्रीवास्तव, संयुक्त कृषि निदेशक बरेली मण्डल को संयुक्त कृषि निदेशक (अभियंत्रण) का दायित्व सौंपा गया है।
इसी प्रकार नवप्रोन्नत संयुक्त कृषि निदेशकों में श्री एस0पी0 सिंह को संयुक्त कृषि निदेशक (गुणवत्ता नियंत्रण) तथा श्री यू0पी0 सिंह को संयुक्त कृषि निदेशक (बाढ़ोन्नमुखी) का पदभार दिया गया है। निर्देश दिये गये हैं कि सभी अधिकारीगण नवीन तैनाती स्थल पर तत्काल कार्यभार ग्रहण करना सुनिश्चित करें।
योजनान्तर्गत लाभार्थियों मंे पुरूष 54.00 प्रतिशत एवं महिला46.00 प्रतिशत
उत्तर प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही के निर्देशन में कृषि विभाग द्वारा प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना के अन्तर्गत अब तक 616850 लाभार्थियों को कार्ड उपलब्ध कराया जा चुका है। योजनान्तर्गत लाभार्थियों मंे पुरूष 54.00 प्रतिशत एवं महिला 46.00 प्रतिशत हैं।
कृषि विभाग से मिली विस्तृत जानकारी के अनुसार इस योजना में 18-25 आयु वर्ग के 20 प्रतिशत, 26-35 आयु वर्ग के 52.00 प्रतिशत तथा 36-40 आयु वर्ग के 28 प्रतिशत लाभार्थी हैं। वर्ष 2015-16 की कृषि गणना के अनुसार प्रदेश के लघु एवं सीमान्त कृषक परिवारो की संख्या 221.10 लाख (92.80 प्रतिशत) है।
वर्ष 2019-20 में प्रदेश के लघु एवं सीमान्त कृषकों को सामाजिक सुरक्षा कवच एवं वृद्धावस्था में उनकी आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वैच्छिक रूप से पुरूष व महिला दोनों के लिए 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर रूपये 3000 प्रतिमाह की एक सुनिश्चित मासिक पेंशन योजना है। यह एक स्वैच्छिक एवं अंशदायी पेंशन योजना है और इसमें सम्मिलित होने की आयु 18 वर्ष से 40 वर्ष तक है। विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्रान्तर्गत मुख्य मार्गों से सटे पूर्णतः गैर आवासीय प्रयोजनों अथवा आंशिक रूप से आवासीय और आंशिक रूप से गैर आवासीय प्रयोजनों हेतु अध्यासित भवन के अग्रभाग के अनुरक्षण एवं मरम्मत हेतु मॉडल उपविधि निर्गत किया जाना।
उ0प्र0 नगर योजना एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा-12 (क) के अन्तर्गत किसी विकासक्षेत्र में पूर्णतः गैर आवासीय प्रयोजनों हेतु अध्यासित अथवा आंशिक रूप से आवासीय और आंशिकरूप से गैर आवासीय प्रयोजनों हेतु अध्यासित भवन जो कि मुख्य सड़क से सटा हो, के अध्यासियोंद्वारा अपनी लागत से भवन के अग्रभाग की मरम्मत, सफेदी, रंगाई अथवा पेंट कराने की व्यवस्था है। अधिनियम की धारा-57 की उपधारा-(डड) में धारा-12(क) में सड़क की परिभाषा, रंगाई स्कीम तथाअन्य विशिष्टियां, जिसके अधीन पुनः निर्माण, सफेदी, रंगाई अथवा पेंटिंग की जानी है हेतु राज्यसरकार के पूर्वानुमोदन से प्राधिकरण को उपविधि तैयार करने का अधिकार दिया गया है। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में मॉडल उपविधि “विकास प्राधिकरण(मुख्य मार्गो से सटे कतिपय भवनों के अग्रभाग की अनुरक्षण एवं मरम्मत) उपविधि-2021“ तैयार करसमस्त विकास प्राधिकरणों को इसे अंगीकार किये जाने हेतु प्रेषित किया गया है।
इस मॉडल उपविधि के मुख्य प्राविधान निम्नवत् हैंः-
मुख्य मार्गों पर प्राधिकरण द्वारा यथा आवश्यकता किसी रंग योजना अथवा उसके लिए अन्यविशिष्टियों के अनुसार साम्यता सुनिश्चित किये जाने हेतु अध्यासित भवनों के अग्रभाग की मरम्मत,सफेदी. रंगाई अथवा पेंट कराने का कार्य प्राधिकरण द्वारा निर्धारित रंग योजना एवं अन्यविशिष्टियों के अनुरूप अनुमन्य किया जा सकेगा।भवनों के अग्रभाग के अनुरक्षण एवं मरम्मत हेतु चिन्हित किये जाने वाले मुख्य मार्ग की न्यूनतमचौड़ाई स्थानीय परिस्थितियों के दृष्टिगत प्राधिकरण द्वारा निर्धारित की जायेगी।प्राधिकरण द्वारा उक्त कार्य हेतु मुख्य मार्ग/मार्गों को चिन्हांकित करने के उपरान्त रंग योजना एवंविशिष्टियों का निर्धारण किया जायेगा, जिसकी सूचना उक्त मार्ग के अध्यासियों को समाचार-पत्रोंअथवा अन्य प्रसार-प्रचार के माध्यम से दी जायेगी।भवन के अग्रभाग के अनुरक्षण में प्राधिकरण द्वारा किये जाने वाले आवश्यक मरम्मत कार्य, रंगयोजना एवं अन्य विशिष्टियां तथा भवन के अग्रभाग में लगाये जाने वाले नाम पट्टिका, विज्ञापनपट्टिका आदि के आकार व रंग में एकरूपता निश्चित करना निर्धारित किया जायेगा।प्राधिकरण द्वारा निर्धारित रंग योजना अथवा अन्य विशिष्टियों के अनुसार अध्यासी द्वारा स्वयं मरम्मत, सफेदी एवं रंगाई का कार्य कराया जायेगा। जहां कोई अध्यासी, उक्त कार्य कराने मेंअसफल रहेंगे, वहां यह कार्य प्राधिकरण द्वारा स्वयं अथवा उसके निर्देशानुसार किया जायेगा तथातदनुसार इस कार्य की लागत को अध्यासी द्वारा प्राधिकरण में जमा कराया जायेगा।इस कार्य की लागत बिना लाभ, बिना हानि के आधार पर प्राधिकरण द्वारा निर्धारित की जायेगी।भवनों के अग्रभाग की मरम्मत सफेदी एवं रंगाई हेतु मार्ग के चिन्हांकन एवं विस्तृत प्रचार एवंप्रसार करने के उपरान्त उक्त कार्य सम्पन्न करने के लिए अध्यासी को अधिकतम छः माह कासमय प्रदान किया जायेगा परन्तु विशेष परिस्थितियों में इस समय-सीमा को विकास प्राधिकरणद्वारा बढ़ाया जा सकता है।
संरक्षित गोवंश को चारा भूसा उपलब्ध कराने के लिए 3444 भूसा बैंक स्थापित
प्रदेश सरकार गोवंश को संरक्षित करने के लिए तथा इन्हें गर्मी, सर्दी एवं बरसात से बचाने की मूलभूत सुविधाओं को बढ़ावा दे रही है। गोवंश को चारे का अभाव न हो इसके लिए पशुधन विभाग द्वारा प्रदेश में संरक्षित गोवंश के चारे भूसे की उपलब्धता के दृष्टिगत अब तक 3444 भूसा बैंक स्थापित किये जा चुके है। इसके अतिरिक्त 1108 पशु आश्रय स्थलों पर जैविक खाद तैयार की जा रही है। प्रदेश के आश्रय स्थलों पर 262412 कुन्तल पराली का भंडारण भी किया गया है। पशुपालन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अर्न्तगत अतिरिक्त चारा विकास कार्यक्रम  (आर0के0वी0वाई0) के तहत रबी में 9588.45 कुन्तल जई चारा बीज का आवंटन किया गया है, जिसमें से निःशुल्क 3768 कुन्तल जई चारा बीज, 5086.80 कुन्तल यूरिया व 2637.60 कुन्तल डी0ए0पी0 खाद् का वितरण 37680 लाभार्थियों में किया गया है। इसके अतिरिक्त 5820.45 कुन्तल जई चारा बीज की बिक्री रू0 35 प्रति किलो की दर से की गयी है। साथ ही अतिरिक्त चारा विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत 79.65 कुन्तल बरसीम का चारा बीज रू0 150 प्रति किलो की दर से बिक्री किया गया है।
कामर्शियल लेयर फार्म एवं ब्रायलर पैरेन्ट फार्म योजना के अन्तर्गत प्रदेश में  80.26 लाख अण्डों का प्रतिदिन अतिरिक्त उत्पादन
प्रदेश को अण्डों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने एवं मध्यम वर्गीय कुक्कुट उद्यमियों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से कामर्शियल लेयर फार्म एवं ब्रायलर पैरेन्ट फार्म की अवस्थापना योजनाओं को मार्च-2022 तक स्थापित किये जाने की स्वीकृति उ0प्र0 कुक्कुट विकास नीति-2013 के तहत प्रदान की गयी है। प्रदेश में लगभग 80.26 लाख अतिरिक्त अण्डा प्रतिदिन उत्पादित हो रहा है। योजना के तहत 91880 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है तथा 10723.60 करोड़ रूपये का निवेश हुआ है। इससे प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में बढोत्तरी में सहयोग हो रहा है। पशुधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुक्कुट विकास नीति के अन्तर्गत मार्च 2021 तक कामर्शियल लेयर्स फार्मिंग के तहत 30,000 पक्षी क्षमता प्रति इकाई की 359 इकाईयॉं एवं 10,000 पक्षी क्षमता की 313 इकाईयॉं क्रियाशील की गयी हैं। इसके अतिरिक्त  ब्रायलर पैरेन्ट फार्म की 38 इकाईयां क्रियाशील हैं, जिनसे अद्यतन 42.28 लाख ब्रायलर चूजे प्रतिमाह उत्पादित हो रहे हैं। कुक्कुट विकास नीति के माध्यम से  90.00 लाख पक्षी क्षमता के कामर्शियल लेयर फार्म स्थापित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
त्वरित आर्थिक विकास योजना के अंतर्गत जनपद सिद्धार्थनगर में सड़क निर्माण हेतु धनराशि स्वीकृत
उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में त्वरित आर्थिक विकास योजना के अंतर्गत जनपद सिद्धार्थनगर में सड़क निर्माण से संबंधित 02 कार्य हेतु द्वितीय किस्त के रूप में कुल 693.03 लाख (रूपये छ करोड़ तिरानवे लाख तीन हजार) रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिए गए हैं। जारी शासनादेश में निर्देश दिए गए हैं कि स्वीकृत धनराशि का उपयोग प्रत्येक दशा में 31 मार्च 2022 तक पूर्ण रूप से कर लिया जाए और यदि कोई धनराशि अप्रयुक्त अनाहरित बचती है तो उसे 31 मार्च 2022 से पूर्व समर्पित किया जाएगा। स्वीकृत धनराशि का पूरा लेखा-जोखा 31 मार्च 2022 तक नियोजन अनुभाग-4 को प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित किया।
विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के सात एवं फिजिक्स विभाग के एक शोधार्थी को पी0एच0डी0 की उपाधि प्रदान की गई
डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री अमित कुमार सिंह ने बताया कि डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के हिन्दी एवं फिजिक्स विभाग के कुल 08 शोधार्थियों को पी0एच0डी0 की उपाधि प्रदान की गई है। विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की शोधार्थी सुश्री प्रिया सिंह को डॉ0 डी0एन0 सिंह के पर्यवेक्षण में ‘समकालीन महिला उपन्यासकारों की सामाजिक चेतना’ विषय पर शोध हेतु पी0एच0डी0 की उपाधि प्रदान की गई है। इसी प्रकार हिन्दी विभाग के श्री सर्सिज कुमार सिंह को डॉ0 डी0एन0 सिंह के पर्यवेक्षण में ‘सामाजिक अन्तविरोध और शिवमूर्ति का कथा साहित्य’ विषय पर, सुश्री आरती पटेल को डॉ0 गौरी त्रिपाठी के पर्यवेक्षण में ‘बाल साहित्य-परम्परा एवं आधुनिकता बोध’ विषय पर, श्री शलभ मनी त्रिपाठी को डॉ0 डी0एन0 सिंह के पर्यवेक्षण में ‘भारत में टेलीविजन पत्रकारिता के उद्भव विस्तार एवं प्रभाव का एक अध्ययनः सिटीजन जर्नलिज्म के विशेष सन्दर्भ में’  विषय पर, श्री अखिलेश कुमार को डॉ0 वीरेन्द्र सिंह यादव के पर्यवेक्षण में ‘समकालीन कथा साहित्य में स्त्री दृष्टि का अध्ययन (21 वीं सदी के प्रथम दशक के विशेष सन्दर्भ में)’ विषय पर, श्री विवेक कुमार वर्मा को डॉ0 यशवन्त कुमार विरोदई के पर्यवेक्षण में ‘हिन्दी दलित साहित्य के विकास में साहित्यिक सम्मेलनों की भूमिका’ विषय पर तथा सुश्री आरती को डॉ0 ज्योति गौतम के पर्यवेक्षण में ‘प्रभा खेतान के उपन्यासों में स्त्री विमर्श’ विषय पर पी0एच0डी0 की उपाधि प्रदान की गई है। इसी प्रकार फिजिक्स विभाग के श्री कपिल पाण्डेय को प्रो0 सी0के0 दीक्षित के पर्यवेक्षण में ‘म्समबजतपबंस ंदक ैजतनबजनतंस ठमींअपवनत व िैवउम डमजंस इंेमक छंदवउंजमतपंसे’ विषय पर पी0एच0डी0 की उपाधि प्रदान की गई है। विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो0 राणा कृष्ण पाल सिंह जी एवं समन्वयक, शोध उपाधि समिति ने सभी उपाधि धारकों को अनन्त शुभकामनाएँ दी हैं।
दस्तक अभियान से क्षय रोग पर भी होगा नियंत्रण अभियान के पहले दो दिनों में क्षय रोग के 3096 रोगी चिन्हित
प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में चलाये जा रहे दस्तक अभियान में पिछले दो चरणों से राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम को भी सम्मिलित किया गया हैै। इस अभियान से क्षय रोग पर नियं़त्रण का कार्य भी किया जा रहा है। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा घर-घर भ्रमण के दौरान दिमागी बुखार और संचारी रोगों से आगाह करने के साथ-साथ संदिग्ध क्षय रोगियों की पहचान भी की जा रही है। इस समय 12 जुलाई, 2021 से चल रहे दस्तक अभियान में पहले दो दिनों में प्रदेश में 3096 संदिग्ध क्षय रोगियों को चिन्हित किया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी है कि चिन्हित किए गए संदिग्ध क्षय रोगियों को उनके घर के निकट स्थित स्वास्थ्य इकाई पर संदर्भित किया गया है। इन संभावित क्षय रोगियों के बलगम के दो नमूने लेकर उनकी जाँच करायी जायेगी। ये जॉच माइक्रोस्कोपी जाँच होती है। जाँच में क्षय रोग की पुष्टि होने पर सी0बी0 नॉट अथवा टूनॉट मशीन द्वारा दवा प्रतिरोधी क्षय रोग की जाँच की जायेगी। जाँच में रोग की पुष्टि होने पर रोगी का निःशुल्क उपचार किया जायेगा।
ब्रिटानियां ने खरीदी जमीन, शीघ्र होगा काम शुरू ब्रिटानियां की बेकरी में 1000 लोगों को मिलेगा रोजगार
उत्तर प्रदेश सरकार उद्यमियों के हित को ध्यान में रख कर बनाई गई नीतियों और प्रदेश की कानून व्यवस्था में हुए वांछित सुधार के फलस्वरूप देश के बड़े उद्यमी अब उत्तर प्रदेश के छोटे जनपदों में भी अपना उद्यम स्थापित कर रहे हैं। इसकी बानगी राजधानी के करीब बाराबंकी जनपद में देखने को मिली है। ब्रिटानियां इण्डस्ट्रीज लिमिटेड बाराबंकी में 300 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। कंपनी द्वारा उद्यम स्थापना के लिए जमीन खरीद ली गई और शीघ्र उस पर काम भी शुरू हो जायेगा। प्रदेश औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने बताया कि ब्रिटानियां द्वारा उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में किये जा रहे निवेश से लगभग 1000 लोगों के लिए रोजगार का सृजन होगा। साथ ही बेकरी प्रोडेक्ट से संबंधित उद्यम स्थापन से आस-पास के किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में एक स्वस्थ्य व्यवसायिक वातावरण का सृजन हुआ है। अपराध के प्रति राज्य सरकार की जीरो टॉलरेन्स की नीति के परिणाम स्वरूप प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति में बड़े पैमाने पर सकारात्मक परिवर्तन हुआ है। लोगों में भय का माहौल नही रहा। बिना डर-भय के निवेशक  अब प्रदेश में निवेश कर रहे है। महाना ने बताया कि कोविड-19 आने के बाद बदलती हुई परिस्थितियों में अनेक नई नीतियों लागू की गई है। पिछड़े क्षेत्रों के लिए त्वरित निवेश प्रोत्साहन नीति-2020 के अन्तर्गत प्रदेश के पूर्वांचल, मध्यांचल और बुुंदेलखण्ड क्षेत्रों में औद्योगिक विकास के लिए फास्ट ट्रैक मोड में औद्योगिक इकाइयों को आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान किये जा रहे है। बुंदेलखण्ड और पूर्वांचल में निजी औद्योगिक की पात्रता सीमा 100 एकड़ से घटाकर 20 एकड़ कर दी गई। साथ ही पश्चिमांचल एवं मध्यांचल में 150 एकड़ से घटाकर 30 एकड़ किया गया है।
त्वरित आर्थिक विकास योजना के अंतर्गत जनपद सिद्धार्थनगर में सड़क निर्माण हेतु धनराशि स्वीकृत
उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में त्वरित आर्थिक विकास योजना के अंतर्गत जनपद सिद्धार्थनगर में सड़क निर्माण से संबंधित 02 कार्य हेतु द्वितीय किस्त के रूप में कुल 693.03 लाख (छः करोड़ तिरानवे लाख तीन हजार) रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिए गए हैं। जारी शासनादेश में निर्देश दिए गए हैं कि स्वीकृत धनराशि का उपयोग प्रत्येक दशा में 31 मार्च 2022 तक पूर्ण रूप से कर लिया जाए। स्वीकृत धनराशि का पूरा लेखा-जोखा 31 मार्च 2022 तक नियोजन अनुभाग-4 को प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित किया।
व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष ने व्यापारियों के हित के लिए प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में की बैठक
उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री मनीष कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में आज यहां जवाहर भवन स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल (8वें तल) में प्रदेश सरकार द्वारा व्यापारियों के हित में चलाई जा रही विभिन्न विकासपरक एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में बैठक आयोजित की गई। व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से उनके विभागों द्वारा व्यापारियों के कल्याण के लिए चलाई जा रही है विकासपरक एवं जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली और निर्देश दिया कि योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए तथा योजनाओं के वास्तविक लाभार्थियों को शत प्रतिशत लाभ मिलना चाहिए। बैठक में व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि व्यापारियों की समस्याओं का संबंधित विभाग द्वारा त्वरित निदान सुनिश्चित किया जाए, उनकी समस्याओं के निस्तारण में किसी भी स्थिति में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। ये सुनिश्चित करें कि चाहे जनता हो या व्यापारी किसी का उत्पीड़न न होने पाए। बैठक में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, एनआईसी, आवास बंधु, औद्योगिक विकास विभाग, मंडी परिषद, बाट माप विभाग, श्रम विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दुग्ध विकास विभाग, ऊर्जा विभाग, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग सहित अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी गण उपस्थित थे।
राज्य सड़क निधि योजना के अन्तर्गत विभिन्न जनपदों के 04 मार्गों हेतु रू0 08 करोड़ 73 लाख 69 हजार की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति की गयी प्रदान
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में राज्य सड़क निधि योजनान्तर्गत विभिन्न जनपदों के 04 मार्गों हेतु रू0 08 करोड़ 73 लाख 69 हजार की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करते हुये, वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु रू0 04 करोड़ 36 लाख 84 हजार की धनराशि अवमुक्त की गयी है। इस सम्बन्ध में उ0प्र0 शासन द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। इन 04 कार्यों में जनपद उरई में उरई कोटरा मार्ग के किमी0 21(500), 22 व 23.800 तक चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य (लम्बाई 2.30 किमी0), मऊ बड़ागांव काझांखुर्द खानपुर मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य (लम्बाई 2.40 किमी0) तथा जनपद गोरखपुर में पिपराईच बरगदही मार्ग से सिरसिया गॉव तक सम्पर्क मार्ग का निर्माण कार्य (लम्बाई 0.75 किमी0), भटहट से मंगलपुर रोड पर ग्राम सभा चिलबिला से पिपरी सम्पर्क मार्ग का नवनिर्माण कार्य (लम्बाई 1.25 किमी0) सम्मिलित है। जारी शासनादेश में सम्बन्धित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देशित किया गया है कि आवंटित धनराशि के व्यय हेतु वित्त विभाग द्वारा निर्गत आदेशों/ज्ञापों में उल्लिखित शर्तों के अनुसार बजट मैनुअल एवं वित्तीय हस्तपुस्तिका के नियमों, स्थायी आदेशों तथा राज्य सड़क निधि नियमावली में किये गये प्राविधानों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुये किया जाय तथा प्रत्येक दशा में आवंटित धनराशि का उपयोग 31 मार्च 2022 तक करते हुये, कार्य का उपयोगिता प्रमाण पत्र शासन को निश्चित रूप से उपलब्ध करा दिया जाय। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिये हैं कि इन कार्यों में वित्तीय नियमों का अक्षरसः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय तथा जारी शासनादेशों में उल्लिखित दिशा-निर्देशों का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाय।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना-प्ट के अन्तर्गत जुलाई, 2021 से नवम्बर, 2021 हेतु निःशुल्क 05 किग्रा0 अतिरिक्त खाद्यान्न का आवंटन
राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 में कोविड-19 महामारी के दूसरे फेस में एन0एफ0एस0ए0 से आच्छादित लाभार्थियों हेतु प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना-प्प्प् के अन्तर्गत माह मई, 2021 एवं जून, 2021 में कुल चावल 5.88 लाख मी0टन एवं कुल गेहूँ 8.83 लाख मी0टन, कुल 14.71 लाख मी0टन खाद्यान्न का उठान किया गया। यह जानकारी प्रदेश के अपर खाद्य आयुक्त श्री अनिल कुमार दुबे ने देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना – प्ट के अन्तर्गत माह जुलाई, 2021 से नवम्बर, 2021 (05 माह) हेतु निःशुल्क 05 किग्रा0 अतिरिक्त खाद्यान्न का आवंटन किया गया है, जिसके अन्तर्गत कुल चावल 14.71 लाख मी0टन एवं कुल गेहूॅ 22.07 लाख मी0टन कुल 36.79 लाख मी0टन आवंटित खाद्यान्न का उठान किया जाना है। दुबे ने बताया कि एन0एफ0एस0ए0 के अतिरिक्त इस खाद्यान्न (पी0एम0जी0के0ए0वाई0) की शत प्रतिशत मात्रा लॉकडाउन की अवधि में भारतीय खाद्य निगम से उठान सुनिश्चित करते हुए ब्लॉक गोदामों से उचित दर विक्रेताओं को रोस्टर के अनुरूप निर्गत कर कार्ड धारको को खाद्यान्न निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है।
 

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