चक्रवात यास : झारखण्ड में तैयारियां पूरी, कोल्हान से लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया गया
झारखण्ड/राँची : बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवातीय तूफान ‘यास’ के बुधवार को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर पहुंचने के अनुमान और इसके कारण हो रही मूसलाधार बारिश, आंधी के मद्देनजर झारखंड में भी सरकार पूरी सतर्कता बरत रही है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में मंगलवार को हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद पूर्वी सिंहभूम, बोकारो, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला खरसांवा आदि जिलों के अनेक इलाकों में झोपड़ियों और कमजोर मकानों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने ‘पीटीआई/भाषा’ को बताया कि तूफान से प्रभावित होने की आशंका वाले जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की आठ कंपनियां तैनात की गयी हैं। उन्होंने बताया कि पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, खूंटी, बोकारो समेत कोल्हान मंडल के अनेक क्षेत्रों के तूफान से प्रभावित होने की आशंका है, ऐसे में वहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इन सभी सीमावर्ती जिलों, राजधानी रांची तथा राज्य के अनेक इलाकों में आज भी भारी वर्षा हुई और कल इन जगहों पर तेज आंधी आने की आशंका है।
मौसम विभाग के अनुसार, तूफान के प्रभाव के 26 एवं 27 मई को सर्वाधिक प्रबल रहने की आशंका को देखते हुए पूर्वी सिंहभूम जिले में प्रशासन ने कोरोना के टीकाकरण के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है और लोगों से घरों में ही रहने की अपील की है।
मौसम विभाग के झारखण्ड केन्द्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने बताया कि अगले 24 घंटों में राज्य के अधिकतर जिलों में मूसलाधार बारिश और ओडिशा तथा बंगाल से सटे हुए जिलों में तेज आधी के साथ बारिश होने की आशंका है।
झारखण्ड सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के आधार पर चक्रवातीय तूफान से बचाव और राहत को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं जिसके तहत अस्पतालों में बिजली और ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति, और बिजली के लिए जेनेरेटर की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।