images (8)
  • गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय के संचालक सरकार द्वारा ऑनलाइन मान्यता लेने पर नाराज

 

झारखण्ड/धनबाद : आज झारखण्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, जिला इकाई धनबाद के जिला संयोजक सुधांशु शेखर की अध्यक्षता में एक ऑनलाइन बैठक हुई।

 

बैठक में जिला सचिव इरफान खान ने स्कूल मान्यता के लिए सरकार द्वारा दिए गए ऑनलाइन आवेदन पर विरोध जताते हुए कहा कि निजी विद्यालय के संचालकों ने 2009 में बने नियम के आधार पर मान्यता के लिए 2011 से लेकर 2017 तक कई बार ऑफलाइन आवेदन जमा किये है।

 

आवेदन के आधार पर कई स्कूलों का जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा जांच भी किया गया और जांच रिपोर्ट रांची भी भेजी गई थी। लेकिन आज तक किसी भी स्कूलों को मान्यता नहीं मिली, जिसकी रिसीविंग निजी विद्यालयों के पास सुरक्षित है।

 

 

फिर संशोधित नियमावली 2019 में बने पुराने नियम को ही अपनाते हुए सरकार ने ऑनलाइन आवेदन करने का आदेश दिया है। इसमें ज़िक्र सुविधाएं सभी विद्यालयों के पास उपलब्ध नहीं हैं। अतः ऑनलाइन आवेदन नहीं भरने का निर्णय एसोसिएशन द्वारा लिया गया है।

 

रामरंजन कुमार सिंह, प्रदेश महासचिव

वहीं एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव श्री रामरंजन कुमार सिंह ने बताया कि सरकार निजी स्कूलों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। हम छोटे-छोटे स्कूल संचालक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं सरकार की नियमावली का पालन कर रहे हैं एवं सरकार के काम में निजी स्कूल सहयोग भी कर रही है।

 

वहीं सरकार द्वारा लगातार निजी स्कूलों पर दबाव बनाया जा रहा है कि सभी निजी स्कूल ₹25,000 विभाग को जांच के नाम पर एवं एक लाख का फिक्स डिपोजिट करना होगा जो असंभव है। हम निजी स्कूल कम पैसे में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहे हैं। हमारे पास इतनी मोटी रकम कहां से आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि निजी स्कूलों को सरकार बिना शर्त पुराने प्राप्त आवेदन के आधार पर मान्यता दें, क्योंकि नए नियम संशोधित नियमावली 2019 के खिलाफ झारखण्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की गई है। जिसका केस नंबर 5455 है जिस पर तत्काल कोर्ट ने स्टे लगा दिया था और फिलहाल उसकी अगली तिथि 5 मार्च को कोर्ट में है जिस पर सुनवाई होनी बाकी है।

 

 

सरकार अभी ऑनलाइन आवेदन भरने के लिए निजी विद्यालयों को प्रताड़ित क्यों कर रही है??? सरकार की यह मंशा एसोसिएशन कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगा।

 

 

एसोसिएशन का कहना है कि 2019 से पहले बने स्कूल को तोड़ा नहीं जा सकता। अभी नए नियम में सरकार कड़े नियम लागू करते हुए कमरे का साइज, फायर सेफ्टी, जमीन आदि मानक होने पर ही मान्यता देने की बात कही है जो कि नामुमकिन है। ग्रामीण क्षेत्रों में आठवीं क्लास तक की मान्यता लेने के लिए 1 एकड़ एवं शहरी क्षेत्र में 75 डिसमिल जमीन रहने पर ही मान्यता देने की बात भी कही गई है जो कई स्कूलों के पास उपलब्ध नहीं है इसलिए सभी निजी विद्यालय ने ऑनलाइन आवेदन नहीं भरने का निर्णय लिया है।

 

ऑनलाइन बैठक में प्रदेश महासचिव श्री राम रंजन कुमार सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद मकसूद आलम, जिला सचिव इरफान खान, जिला संयोजक सुधांशु शेखर, सह सचिव विशाल कुमार श्रीवास्तव, मोहम्मद शब्बीर अख्तर, किशोर महतो, गोपाल राय, रंजीत कुमार मिश्रा, एसके श्रीवास्तव, सुनील कुमार मिश्रा एवं अन्य संचालक उपस्थित थे।

New Project (4)
आकाश भगत

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *