ट्विटर बनाम सरकार: क्या वाकई यह अभिव्यक्ति की आजादी का मुद्दा है या कुछ और है?
सरकार और माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर में तकरार बढ़ती जा रही है। सरकार एक ओर जहां सोशल मीडिया पर देश विरोधी बातें करने वालों के एक अकाउंट बंद करने को लेकर सख्त है तो वही ट्विटर अभिव्यक्ति की आजादी की दुहाई दे रहा है।
इससे पहले सरकार की ओर से किसान आंदोलन और खालिस्तान का समर्थन कर रहे कुछ लोगों के अकाउंट बंद करने के लिए ट्विटर को चिट्ठी लिखी गई थी। लेकिन इनमें से कुछ अकाउंट्स पर पाबंदी लगाने से ट्विटर ने इंकार कर दिया। एक बार फिर से अब केंद्र सरकार इसको लेकर सख्त हो गई है।
केंद्र सरकार ने साफ-साफ शब्दों में ट्विटर को एक कह दिया है कि हमने जिन 257 संदिग्ध अकाउंट्स के लिस्ट आपको सौंपी है उस पर तत्काल एक्शन लेना ही होगा। इसको लेकर भारत सरकार की ओर से कहा गया है कि कंपनी के अपने भले ही कोई नियम हों, लेकिन उसे देश के कानूनों का पालन करना ही चाहिए। सरकार ने ट्विटर को आदेश का अनुपालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या यह अभिव्यक्ति की आजादी का मुद्दा है या फिर एक देश की सुरक्षा और शांति का मुद्दा है? सरकार जहां देश के स्थिरता और शांति का हवाला दे रही है तो वहीं ट्विटर इसे अभिव्यक्ति की आजादी का रूप देने में जुटी हुई है।
आईटी सचिव और ट्विटर के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच डिजिटल संवाद के दौरान सरकार ने इस मंच से कहा कि भारत में काम कर रहे कारोबारी निकाय के रूप में उसे कानूनों एवं लोकतांत्रिक संस्थानों का सम्मान करना ही चाहिए और देश में सद्भाव बिगाड़ने और अशांति फैलाने से जुड़े अभियानों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। सचिव ने किसान आंदोलन के संदर्भ में भड़काऊ बातों पर कार्रवाई करने से जुड़े सरकारी आदेशों का पालन नहीं करने पर ट्विटर की आलोचना की। सरकार का साफ तौर पर कहना है कि किसान आंदोलन को लेकर दुष्प्रचार और भड़काऊ बातें फैला रहे अकाउंट्स और हेस्टैक के खिलाफ ट्विटर कार्रवाई करें।
सरकार ने ट्विटर पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि जो उसने अमेरिका में हुई हिंसा के दौरान किया था वह यहां भी करें। इसके साथ-साथ सरकार की ओर से ट्विटर को दंगा एक्ट के बारे में भी ट्विटर को जानकारी दी गई और उसी के हिसाब से कार्रवाई करने के लिए कहा गया। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में कहा कि हम सोशल मीडिया का बहुत सम्मान करते हैं, इसने आम लोगों को सशक्त बनाया है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका है। हालांकि, अगर फर्जी खबरों का प्रसार करने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया जाता है, तो कार्रवाई की जाएगी।