विवाद के बीच सैफ अली खान की सीरीज ‘तांडव’ देखने का प्लान है, तो पढ़ें पहले रिव्यू

0
ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर विवादों के भरी बेव सीरीज तांडव रिलीज हुई है। इस सीरीज पर काफी ज्यादा बवाल मचा हुआ है। शहर-शहर में इस सीरीज को बैन करने की मांग हो रही है। हिंदू संगठनों सहित कुछ नेताओं ने भी सूचना प्रसारण मंत्रालय से सीरीज के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग की है। लोगों का आरोप है कि सीरीज में कुछ सीन और डायलॉग है जो हिंदू धर्म के पूजनीय देवी-देवताओं का अपमान कर रहे हैं। इस विवाद के परे अगर हम सीरीज की बात करें तो जबरदस्त ट्विस्ट- शानदार परफॉरमेंस, फिर भी स्लो है सैफ अली खान की राजनीतिक ड्रामा वेब सीरीज तांडव।

 

  • तांडव की कहानी
वेब सीरीज की कहानी समर प्रताप सिंह (सैफ अली खान) की है। समर, भारत के प्रधानमंत्री देवकी नंदन के इकलौते बेटे हैं। लोकसभा चुनाव के बाद देवकी नंदन तीसरी प्रधानमंत्री बन सकते हैं क्योंकि उम्मीद है कि उनकी पार्टी को बहुमत मिल रहा है। अब तीन बार सत्ता का सुख भोग चुके देवकी नंदन चौथी बार अपने बेटे को प्रधानमंत्री बनाने में कतरा रहे हैं। उनके अनुसार समर एक अच्छा पॉलिटिशियन है लेकिन वो तानाशाह है। अपने पिता कीये बात जानने के बात समर प्रताप सिंह लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने के एक दिन पहले अपने पिता को मारने का पड़यंत्र रचता है। पिता को वो ऐसा जहर देता है जिससे किसी को पता ही नहीं चलता है उन्हें आखिर हुआ क्या? पोस्टपार्टम में समर अपने पिता की मौत का कारण दिल का दौरा करवा देता है।

 

बाप-बेटे के बाद वेब सीरीज की दूसरी कड़ी अनुराधा किशोर (डिंपल कपाड़िया) से जुड़ी हैं। अनुराधा किशोर, देवकी नंदन की पत्नी तो नहीं है लेकिन पत्नी से बढ़ की होती है। देवकी नंदन, अनुराधा की काफी बाते मानते थे। अपनी मौत के दिन देवकी नंदन समर के बारे में बताने के लिए अनुराधा को कॉल करते हैं। अनुराधा फोन नहीं उठाती और देवकी नंदन मर जाते हैं। अब शुरू होता है कुर्सी का ताड़व। प्रधानमंत्री की मौत के बाद कई लोग पार्टी के सामने प्रधानमंत्री बनने की दावेदारी पेश करते हैं लेकिन सफर सबकी चाल फेल कर देता है और अपने लिए रास्ता साफ कर लेता है।
आखिरी में समर को तब पड़ा झटका लगता जब अनुराधा किशोर देवकी की चिता के सामने कहती है कि उन्हें पता है कि देवकी को किसने मारा है। समर को अनुराधा ब्लैकमेल करती है और कहती है उनके पास सबूत है कि प्रधानमंत्री को उनके बेटे ने ही सत्ता के लालच में मारा है। समर और अनुराधा के बीच डील होती है कि भारत की अगली प्रधानमंत्री अनुराधा किशोर होंगी, समर प्रताप सिंह नहीं।
अब समर प्रताप सिंह को अपना पॉलिटिकल करियर बचाने के लिेए ऐसा करना पड़ता है। अनुराधा किशोर भारत की प्रधानमंत्री बन जाती है। समर अब अपने खिलाफ अनुराधा के पास मौजूद सबूत के बारे में पता लगाने की कोशिश करते हैं। वह अपने वफादार गुरपाल (सुनील ग्रोवर) के साथ मिलकर एक ऐसी चाल चलता है जो देश की यूनिवर्सिटी वीएनयू के प्रेसीडेंट चुनाव से जुड़ी होती है। क्या समर की कोशिश कामयाब होती है, पिता की हत्या के बावदूज क्या उन्हें कुछ मिल पाता है। इस सब कड़ियों को जानने के लिए आपको सीरीज देखनी होगी।
  • रिव्यू 
बात करें कि कलाकारों ने कैसा काम किया है तो सबसे ज्यादा तारीफ के काबिल है गुरपाल के किरदार में सुनील ग्रोवर। जिसे आज तक पर्दे पर एक कॉमेडियन के तौर पर देखा है उसे इतने गंभीर किरदार में देखने के बाद भी दर्शक की आंखों को अजीब नहीं लगता। सुनील ग्रोवर ने अपने किरदार को निभाने में जान लगा दी और साबित कर दिया कि वह केवल कॉमेडी ही नहीं बल्कि चैलेंजिंग रोल भी कर सकते हैं।
इसके अलावा सैफ अली खान ने भी काफी इंप्रेस किया है। पिछते कुछ समये में सैफ अली खान ने अपनी छवि को बदला है। सेक्रेड गेम्स से भी ज्यादा बेहतरीन एक्टिंग उन्होंने तांडव में की हैं। गौहर खान ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया है। कुछ मिलाकर तांडव की कास्ट शानदार है और उन्होंने अच्छा काम किया है।
तांडव की कमियां निर्देशक की तरफ से की गयी है। सीरीज का निर्देशन अली अब्बास जफर ने किया है। तांडव के शुरूआती एपिसोड की रफ्तार काफी अच्छी है। कहानी दर्शकों को बांधती है लेकिन तीसरे एपिसोड के बाद कहानी काफी ज्यादा स्लो हो जाती है। क्लाइमेक्स काफी शानदार है। तांडव को मेरी तरफ से 3 स्टार। सीरीज में दिखाए गये कुछ सीन और डायलॉक के कारण सीरीज को बैन करने की मांग हो रही हैं।
वेब सीरीज : तांडव
टाइप : राजनीतिक ड्रामा, सस्पेंस
कलाकार : सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया, सुनील ग्रोवर, गौहर खान, तिग्मांशु धुलिया, कुमुद मिश्रा, अनूप सोनी, मोहम्मद जीशान अयूब
निर्देशक : अली अब्बास जफर
रेटिंग : 3 स्टार (* * *)
आकाश भगत

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed