श्री कृष्ण जन्मभूमि से अतिक्रमण हटवाने को लेकर 29 सौ पेज की याचिका दाखिल
मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि को लेकर मंगलवार को फिर एक याचिका दाखिल कर परिसर से सभी प्रकार के अतिक्रमणों को हटाकर भूमि को श्री कृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट के सुपुर्द करने की अपील की गई है। पांच अधिवक्ताओं के पैनल द्वारा मथुरा की सिविल जज (सीनियर डिवीजन) नेहा बनौधिया की कोर्ट में दाखिल की गई 2900 पेज की याचिका की प्रारंभिक सुनवाई कर न्यायालय ने पहले फैसला सुरक्षित रख लिया था। फिर मंगलवार देर शाम याचिका पर अग्रिम सुनवाई के लिए 22 दिसंबर की तिथि तय की गई है।
भगवान श्री कृष्ण के कथित वंशज मनीष यादव की तरफ से याचिका दायर की गई है। याचिका में श्री कृष्ण जन्म स्थान परिसर स्थित इबादतगाह के साथ ही अन्य अतिक्रमण को बारे में बताया गया है। वहां से अतिक्रमण हटाकर उक्त भूमि को श्री कृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट के सुपुर्द करने की मांग करते हुए तथा 12 अक्टूबर 1968 को श्री कृष्ण जन्म सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह के बीच समझौते का जिक्र करते हुए वाद संख्या 43/1967 में दाखिल समझौते को विधिक अस्तित्वहीन बताया है।
याची के अधिवक्ता पंकज जोशी ने बताया कि उच्च न्यायालय इलाहबाद ने प्रथम अपील में कहा था कि पं. मदन मोहन मालवीय द्वारा अपनी अर्जित उपरोक्त संपत्ति को श्री कृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट को हस्तांतरित की थी। उक्त संपत्ति का मालिकाना हक आज भी उच्च न्यायालय के आदेशानुसार ट्रस्ट के पास है व उपरोक्त समझौते में ट्रस्ट पक्षकार नहीं है।
संपत्ति ईदगाह मस्जिद से ट्रस्ट को सौंपी जाए
ऐसी स्थिति में जो व्यक्ति या ट्रस्ट पक्षकार नहीं है समझौते पर उसकी सहमति कैसे मानी जा सकती है। याची के अधिवक्ताओं ने उक्त तथ्य को रखते हुए कोर्ट से निवेदन किया है कि उक्त संपत्ति को ईदगाह मस्जिद से ट्रस्ट को दिया जाए। याची के अधिवक्ता पंकज जोशी ने बताया कि याचिका पर सुनवाई के लिए 22 दिसंबर की तारीख तय की गई है।
(रिपोर्ट: मनीष शर्मा)