स्कूलों में समग्र प्रोग्रेस कार्ड की पायलट परियोजना जल्द ही केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों में होगी लागू
नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में विद्यार्थियों के समग्र प्रोग्रेस कार्ड पेश करने की योजना को जल्द ही ‘पायलट परियोजना’ के आधार पर कुछ केंद्रीय विद्यालयों एवं जवाहर नवोदय विद्यालयों में शुरू करेगा। केंद्रीय स्कूली शिक्षा सचिव अनिता करवल ने मंगलवार को यह जानकारी दी। करवल ने बताया, ‘‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हम कई क्षेत्रों में उदाहरण पेश करने जा रहे हैं। इसकी शुरूआत केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालयों से होगी।’’ स्कूली शिक्षा सचिव ने कहा कि कुछ ही दिनों में हम क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसमें छात्रों के विकास एवं शिक्षकों के क्षमता उन्नयन के बारे में चर्चा होगी।
करवल ने कहा, ‘‘स्कूलों में समग्र प्रोग्रेस कार्ड के बारे में काफी चर्चा हुई है। इस बारे में पहली पायलट परियोजना जल्द ही कुछ केंद्रीय विद्यालयों एवं जवाहर नवोदय विद्यालयों में शुरू की जायेगी। इसके बाद ही इसे अंतिम रूप से लागू किया जायेगा।’’ स्कूली शिक्षा सचिव ने मंगलवार को केंद्रीय विद्यालय संगठन के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया। गौरतलब है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बच्चों के स्वयं मूल्यांकन पर जोर दिया गया है। इसके तहत अब बच्चों का रिपोर्ट कार्ड नहीं, बल्कि प्रोग्रेस कार्ड तैयार होगा। अधिकारियों ने बताया कि स्कूलों में बच्चों का अब रिपोर्ट कार्ड नहीं बल्कि प्रोग्रेस कार्ड होगा। बच्चे का मूल्यांकन वे खुद, उनके साथी, उनके अध्यापक, उनके अभिभावक करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने 360 डिग्री समग्र मूल्यांकन का प्रावधान रखा है। बच्चों के रिपोर्ट कार्ड के स्वरूप में बदलाव करते हुए समग्र मूल्यांकन पर आधारित प्रोग्रेस कार्ड तैयार होगा।’’ इसके तहत हर कक्षा में जीवन कौशल परखने पर जोर होगा ताकि जब बच्चा 12वीं कक्षा में निकलेगा तो उसके पास पूरा पोर्टफोलियो होगा। इसके अलावा पारदर्शी एवं आनलाइन शिक्षा को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हर कक्षा में बच्चों का एक पोर्टफोलियो तैयार किया जायेगा और जिस बच्चे के पास जिस तरह की प्रतिभा या गुण हैं, उसका उल्लेख किया जायेगा।