एक दिवसीय प्रखंड स्तरीय परामर्श बैठक का हुआ आयोजन
- जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ वैश्विक अभियान नागरिक समाज संगठनों, कार्यकर्ताओं, नीति-निर्माताओं और समुदायों को एकजुट करना मुख्य उद्देश्य
झारखण्ड/पाकुड़, अमड़ापाड़ा : ज़िले के अमड़ापाड़ा प्रखण्ड में
आज दिनांक 06 दिसम्बर 2024 को झारखण्ड विकास परिषद् अमडापाडा द्वारा क्रिया के सहयोग से 16 दिवसीय अभियान के तहत् एक दिवसीय प्रखंड स्तरीय परामर्श बैठक स्थान- प्रखण्ड के सभागार आमडापाडा में आयोजित की गई।
- क्या था मुद्दा
जेंडर हिंसा के विरुद्ध अभियान। दृश्य:अदृश्य / हिंसा के खिलाफ हम सबकी आवाज़ जेंडर आधारित हिंसा (GBV) के खिलाफ यह वैश्विक अभियान नागरिक समाज संगठनों, कार्यकर्ताओं, नीति-निर्माताओं और समुदायों को एकजुट करना।
इस कार्यक्रम का उद्धघाटन दीप प्रज्वलित कर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी आमडापाडा प्रमोद कुमार गुप्ता, महिला एवं बाल विकास परियोजना के एल एस मोनिका कुमारी, आमडापाडा थाना के सहायक पुलिस निरीक्षक अबिदन बारला डुमरचीर पंचायत के मुखिया रामी पहाडिन, जराकी पंचायत समिति सदस्या मति मुर्मू एवं पारा लिगल भोलेटियर पार्वति मुर्मू ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर फुलमूनी सोरेन ने कहा कि हर वर्ष क्रिया के सहयोग से 16 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इसका मुख्य उदेश्य हिंसा मुक्त समाज की स्थापना जहॉ महिलाओं को सम्मान के नजरियें से देखा जाय तथा जेंडर आधारित हिंसा पर रोक लगाना है।
सम्बोधन भाषण में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी आमडापाडा श्री प्रमोद ने कहा अधिक से अधिक समाज में इसका जागरुकता बढें एवं महिला हिंसा डायन प्रथा जैसी कुरितीयों पर रोक लगें इसके लिए सरकार एवं समाजिक संगठन को मिलकर काम करने की जरुरत है तथा महिला हैल्पलाईन 1091 एवं चाईल्ड हेल्पलाईन 112/1098 को गॉव-गॉव तक पहुचाने एवं जागरुक करने की जरुरत है, जिससें समाज में गैर बराबरी एवं हिंसा पर रोक लग सकें।
वहीं आमडापाडा थाना के सहायक पुलिस निरीक्षक अबिदन बारला ने कहा कि जो भी मामले पुलिस के संज्ञान में आयेगा उस पर त्वरित कार्यवाही की जायेगी।
वहीं आमडापाडा प्रखण्ड के जेंडर रिसोर्स सेंटर के प्रभारी रेशमी किस्कू ने कहा कि जब तक समाज में लडकियों को शिक्षा से नही जोडेंगें तथा वे अपने अधिकार को नही पहचानेंगें तब तक लडकियों के साथ भेदभाव समाज में होता रहेंगा ये हम सब की जिम्मेवारी है इसे रोकना है।
इस मौके पर 6 केस स्टडी प्रस्तुत किए गए जो महिलाएं हिंसा के शिकार होकर भी उसका मुकाबला करतें हुए समाज में एक अलग मुकाम हासिल की है और आज वह गॉव का नेतृत्व कर रही है।
कार्यक्रम का सफल आयोजन करनें में संस्था के जसीन्ता मिंज, फुलमुनी सोरेन, मार्टिना हैम्ब्रम, मिनी सोरेन, अनिता मराण्डी, सुरुज धनी, पानसुरी, प्रेलतला, सुहागिनी एवं मेनसुरी का सराहनीय योगदान रहा।