मौजा चिलगो-10 के ग्रामीणों के पुनर्वासन व पुन‌र्व्यवस्थापन समिति की बैठक का हुआ आयोजन

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  • प्रभावित परिवारों को पुन‌र्व्यवस्थापन के लिए करें अनुकूल व्यवस्था : डीसी
  • शिक्षा के लिए विद्यालय खोलने
  • बेहतर अस्पताल का संचालन करने
  • चिकित्सकों व मेडिकल टीम की तैनाती करने
  • पेयजल एवं बिजली की हो उपलब्धता

झारखण्ड/पाकुड़ : ज़िले के समाहरणालय स्थित सभागार में गुरुवार को अमड़ापाड़ा अंचल के पचुवाड़ा (नार्थ) कोल माइंस के लिए मौजा चिलगो-10 के ग्रामीणों के पुनर्वासन व पुन‌र्व्यवस्थापन समिति की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता उपायुक्त श्री मृत्युंजय कुमार बरणवाल ने की।

 

सारदा एजेंसी के प्रतिनिधि के द्वारा चिलगो-10 के ग्रामीणों के लिए पुनर्वासन व पुन‌र्व्यवस्थापन को लेकर तैयार कार्य योजना के संबंध में जानकारी दी। कहा कि पचुवाड़ा (नार्थ) कोल ब्लाक के कुल 11 गांवों में पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से कोयला उत्खनन के लिए भारत सरकार ने स्वीकृति दी है।

 

 

मौजा चिलगो-10 के प्रभावित परिवारों को पुन‌र्व्यवस्थापन के लिए निम्नलिखित पैकेज का अनुशंसा किया गया :

(1) 7 डिसमिल भूमि, जिसपर 100 वर्ग मीटर क्षेत्र में मकान।

(2) रोजगार या 5 लाख रुपए या 20 वर्षों तक दो हजार प्रतिमाह।

(3) तीन हजार रुपए प्रतिमाह एक वर्ष तक या अनुसूचित जनजाति के प्रत्येक परिवारों को 3 लाख रुपए देने की स्वीकृति दी गई।

(4) परिवहन भत्ता 50 हजार रुपए।

(5) पशुशेड के लिए 25 हजार रुपए।
(6) एक बारगी पूनस्थापन भता 50 हजार रुपए आदि की अनुशंसा किया गया।

 

इसके अलावा बैठक में शिक्षा को लेकर विद्यालय खोलने, बेहतर अस्पताल का संचालन करने – चिकित्सकों व मेडिकल टीम की तैनाती करने एवं पेयजल एवं बिजली को लेकर उपायुक्त ने कहा कि जब तक सरकारी सेटअप नहीं होता हैं, तब तक कंपनी बिजली उपलब्ध करायेंगे।

 

उपायुक्त कुमार बरणवाल ने कहा कि अस्पतालों में दवा उपलब्ध रखना सुनिश्चित करें। वहां के बच्चों को कैसे बेहतर शिक्षा मिले, इसपर पहल करें। जो भी विस्थापित है अगर अपने नाम से वाहन खरीदते हैं तो उनको ट्रांसपोर्टिंग में प्राथमिकता दिया जाए। उपायुक्त ने रैयत परिवारों के सदस्यों को उनके स्किल्ड के अनुसार एन्गेज्मन्ट के लिए अनुकूल व्यवस्था करने को कहा।

 

 

मौके पर उपस्थित सांसद श्री विजय कुमार हांसदा ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कंपनी को ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया। विस्थापित परिवारों को बेहतर फैसिलिटी दिया जाए। कंपनी प्रतिनिधियों को रैयतों के हितों की रक्षा करने एवं सभी गांवों के लोगों के लिए पेयजल व स्थानीय लोगों-रैयतों को रोजगार मुहैया कराने की बात कहीं।

 

 

मौके पर उपस्थित लिट्टीपाड़ा विधायक दिनेश विलियम मरांडी ने स्वास्थ्य के लिए क्या क्या व्यवस्था की गई है, इसकी जानकारी ली। ओर कहा कि कभी कभी गांव के लोगों को गंभीर बीमारी हो जाती है, वैसे लोगों को इलाज कराने को लेकर कंपनी को निर्देशित किया। साथ ही साथ माननीय विधायक ने कहा कि 75 प्रतिशत रोजगार स्थानीय को देना सुनिश्चित करें।

 

कंपनी के निदेशक (खनन) श्री चंचल गोस्वामी ने कहा कि आर एंड आर एक्ट के तहत अधिकतम ग्रामीणों को लाभ पहुंचाने के लिए कंपनी प्रतिबद्ध हैं।

 

मौके पर उपाध्यक्ष, बीस सूत्री, पाकुड़ श्री श्याम यादव, सहायक समाहर्ता डॉ० कृष्णकांत कनवाड़िया, अपर समाहर्ता श्रीमती मंजू रानी स्वांसी, जिला परिषद उपाध्यक्ष श्री अशोक कुमार भगत, सरिता मरांडी, मुखिया, पंचायत- आलुबेड़ा, नमिता टुडु, महिला प्रतिनिधि मौजा-चिलगो, रमेश मुर्मू, अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधि, सुबासिनी सोरेन, सचिव, झारखंड विकास परिषद, अंचलाधिकारी अमड़ापाड़ा श्री कुमार देवेश द्विवेदी समेत अन्य उपस्थित थे।

आकाश भगत

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