Kanya Sankranti 2023: कन्या संक्रांति पर दान-पुण्य का विशेष महत्व, प्राप्त होगा पितरों का आशीर्वाद

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ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूर्य ग्रहों के राजा के रूप में माने जाते हैं। हिंदू धर्म में सूर्य देव की उपासना प्रत्यक्ष देवता के रूप में की जाती है। ज्योतिष शास्त्र में जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो उसे संक्रांति कहा जाता है। संक्रांति के पर्व पर सूर्य देव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व माना जाता है। बता दें कि आज यानी की 17 सितंबर को सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इस कारण इस दिन को कन्या संक्रांति के नाम से जाना जाएगा। 
कन्या संक्रांति 2023 शुभ मुहूर्त
कन्या संक्रांति के दिन सुबह स्नान आदि कर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 03:54 मिनट से सुबह 04:41 मिनट तक रहेगा। आज के दिन हस्त नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। हस्त नक्षत्र सुबह 10:02 मिनट तक रहेगा। 

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कन्या संक्रांति 2023 दान मुहूर्त
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, संक्रांति के दिन पुण्य काल में पूजा और दान-धर्म करने का विशेष महत्व माना जाता है। कन्या संक्रांति के दिन दोपहर 01:43 मिनट से पुण्य काल शाम 05:43 मिनट तक रहेगा। वहीं दोपहर 01:43 मिनट से दोपहर 03:45 मिनट तक महापुण्यकाल रहेगा। इस अवधि में दान-पुण्य करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 
कन्या संक्रांति पर दान का महत्व
जिन जातकों की कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर होती हैं। उन्हें संक्रांति के दिन किसी गरीब व जरूरतमंद को अन्न-धन व वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। इस दिन दान-पुण्य करने से जातक को अक्षय पुण्यफल की प्राप्ति होती है। 

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