क्या अमेरिका के HAARP प्रोजेक्ट से आया तुर्की में भूकंप ?

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तुर्की और सीरिया में भूकंप की वजह से अब तक 36,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इस बीच सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने दावा किया कि तुर्की में आया भूकंप प्राकृतिक नहीं कृत्रिम था। कई यूजर्स का मानना है कि अमेरिका ने HAARP प्रोजेक्ट के जरिए तुर्की में भूकंप पैदा किया।

 

 

 

सोशल मीडिया पर कई वीडियो पोस्ट किए गए हैं। वीडियो में बिजली गिरना, आसमान में आयनमंडल के चमकने जैसी गतिविधियां दिखाई गई हैं। पोस्ट में दावा किया गया है कि भूकंप के दौरान ऐसा होना प्राकृतिक घटना नहीं है। ऐसा अमेरिका द्वारा HAARP वैपन के जरिए कृत्रिम भूकंप पैदा करने के कारण हुआ है।


 

 

क्या है HAARP प्रोजेक्ट: HAARP अमेरिका की एक परियोजना है जिसमें वह एक हाई फ्रिकवेंसी वाले रेडियो ट्रांसमिटर के जरिए अंतरिक्ष में आयनमंडल को स्टडी कर रहा है। यह आयनमंडल ही पृथ्वी के मौसम में आने वाले बदलावों के लिए जिम्मेदार है। इसमें आयनमंडल के गुण और व्यवहार की निगरानी रखकर निष्कर्ष पेश किए जाते हैं।

 

 

 

क्या है प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों का दावा : हालांकि इस प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि HAARP के जरिए मौसम पर कोई कंट्रोल लाना संभव नहीं है। हालांकि अक्टूबर, 2022 से HAARP ने अपनी नई लेबोरेटरी में कुछ खास प्रयोग बड़े पैमाने पर शुरू किए हैं, लेकिन इनसे भी कृत्रिम भूकंप लाने जैसी किसी क्षमता का कोई जिक्र अभी तक सामने नहीं आया है।

 

 

 

 

क्या है अमेरिका पर शक की वजह : अमेरिका और तुर्की के संबंध अच्छे नहीं है। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने तुर्की की खराब सुरक्षा व्यवस्था को आधार बनाकर हाल ही में इस देश में अपने दूतावास बंद कर दिए थे। HAARP के इस्तेमाल का शक जता रहे लोगों का दावा है कि अमेरिका कृत्रिम भूकंप लाना चाहता था, इसलिए जानबूझकर अपने दूतावासों को बंद कर दिया गया।

 

 

 

पहले भी अमेरिका पर लगे हैं इस तरह के आरोप : 2010 में पाकिस्तान की बाढ़, 2010 में ही हैती में आए भूकंप, 2011 में जापान की सुनामी को लेकर भी अमेरिका पर HAARP के इस्तेमाल के आरोप लगे हैं। हालांकि अब तक इन बातों को साबित नहीं ‍किया जा सका है।

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