दहशत में लोग, 165 मकान खतरनाक स्थिति में

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  • 849 मकानों में दरारें
  • प्रशासन ने दिया राहत का ब्योरा

जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली द्वारा जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र के 9 वार्ड में 849 ऐसे मिले जिनमें दरारें मिली हैं। इसमें से 165 भवन ऐसे हैं जिनको असुरक्षित जोन के अंतर्गत रखा गया है। सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा अब तक 237 परिवारों के 800 व्यक्तियों को विभिन्न सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है।

 

 

जिला प्रशासन द्वारा जोशीमठ नगर क्षेत्र के अंतर्गत निवास करने योग्य अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 83 स्थानों में 615 कक्षों का चिह्नीकरण कर लिया गया है। इसमें 2190 व्यक्तियों को ठहराया जा सकता है।

 

नगर पालिका क्षेत्र जोशीमठ के बाहर पीपलकोटी में अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 20 भवनों के 491 कमरों को चयनित किया गया है। इसमें कुल 2205 लोगों को ठहराया जा सकेगा।
 

राहत कार्यों के तहत जिला प्रशासन द्वारा अब तक 396 प्रभावितों को 301.77 लाख रुपए की धनराशि प्रभावित परिवारों में वितरित की जा चुकी है।
 

प्रभावितों को अब तक 284 खाद्यान्न किट, 360 कंबल व 842 लीटर दूध, 55 हीटर/ब्लोवर, 36 डेली यूज किट,  642 अन्य सामग्री का वितरण राहत सामग्री के रूप में किया जा चुका है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रभावितों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।

 

 

इसके तहत राहत शिविरों में रह रहे 637 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। प्रभावित क्षेत्रों में 33 पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

 

 

जिला मजिस्ट्रेट चमोली द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 33 व 34 का प्रयोग करते हुए नगर क्षेत्र अंतर्गत वार्ड संख्या 1, 4, 5 व 7 के अंतर्गत आने वाले अधिकांश क्षेत्रों को असुरक्षित घोषित करते हुए इन वार्डों को खाली कराया गया है।
 

भू धंसाव के कारण प्रभावित परिवारों को होटल व अन्य स्थानों पर राहत कैंप में आवासी व्यवस्था हेतु वास्तविक व्यय या 950 रुपए प्रतिदिन या जो भी कम हो, के अनुसार वहन किए जाने की स्वीकृत प्रदान की गई हैं।
 

आपदा मोचन निधि के मानकों के अनुसार बड़े पशुओं के चारे हेतु 80 रुपए प्रति पशु प्रतिदिन तथा छोटे पशुओं के चारे के लिए 45 रुपए प्रति पशु प्रतिदिन की सहायता राशि दी जाएगी।

 

जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत ऐसे प्रभावित किराएदार, अवैध अध्यासियों, अनाधिकृत कब्जाधारियों को भी अपने सामान की ढुलाई एवं तात्कालिक आवश्यकताओं हेतु गैर समायोज्य एकमुश्त ग्रांट के रूप में 50 हजार भुगतान की स्वीकृति प्रदान की गई है।

 

 

राज्य आपदा मोचन निधि के नवीन मानकों के अनुसार जोशीमठ क्षेत्र में घटित आपदा प्रभावित परिवारों के दो वयस्क सदस्यों को राहत कैंप अवधि के दौरान मनरेगा के अंतर्गत निर्धारित मजदूरी दर 213 रुपए प्रतिदिन के आधार पर अनुग्रहिक राहत राशि प्रदान की जाएगी।
 

जोशीमठ में आपदा प्रभावित लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में ठहराया गया है। जिला प्रशासन द्वारा राहत शिविरों का निरंतर निरीक्षण के साथ ही शिविरों में भोजन, पेयजल एवं अन्य जरूरी व्यवस्था की जा रही है। फूड सेफ्टी ऑफिसर राहत कैंपों में भोजन की गुणवत्ता की नियमित जांच भी कर रहे  हैं।

 

जिला प्रशासन ने जोशीमठ में प्रभावित एवं जरूरतमंद लोगों को सर्दी से बचने के लिए रूम हीटर, ब्लोअर, कंबल एवं गर्म कपड़े, छोटे बच्चों के लिए बेबी किट का वितरित किए हैं। मेडिकल टीम निरंतर चिकित्सा सुविधा दे रही है। राज्य सरकार द्वारा आपदा मद में स्वीकृत सहायता राशि का वितरण किया जा रहा  है।
 

भू धंसाव के कारण खतरा बने भवनों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रभावित लोगों का सामान शिफ्ट करने के लिए वाहनों की व्यवस्था भी की गई है।
 

जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र, अपर जिलाधिकारी डॉ. अभिषेक त्रिपाठी सहित जिला प्रशासन के तमाम वरिष्ठ अधिकारी पिछले 15 दिनों से लगातार आपदा प्रभावित क्षेत्र जोशीमठ में ही कैंप कर रहे हैं और संकट की इस घड़ी में प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद पहुंचा रहे हैं।

 

 

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