Hijab Case Update : एक क्लिक में जानें हिजाब मामले का संपूर्ण घटनाक्रम

हिजाब पर हाईकोर्ट के फैसले से मुस्लिम छात्राओं ने जताई आपत्ति, कहा- 1400 साल से हिजाब जरूरी माना गया है

सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब मामले की सुनवाई की। जानिए मामले से जुड़ा पूरा घटनाक्रम :

1 जनवरी, 2022 : कर्नाटक के उडुपी में एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की कुछ मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी गई। कक्षा में प्रवेश से प्रतिबंधित छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ धरना शुरू कर दिया।

26 जनवरी : कर्नाटक सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया।

31 जनवरी : छात्राओं ने हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया और यह घोषणा करने की मांग की कि हिजाब पहनना भारत के संविधान के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकार है।

5 फरवरी : कर्नाटक सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में समानता एवं अखंडता के अधिकार और सार्वजनिक व्यवस्था का उल्लंघन करने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया।

 

 

 

8 फरवरी : उडुपी जिला कॉलेज में दो समुदायों के छात्रों के बीच झड़प। विरोध के हिंसक होने के बाद सार्वजनिक कार्यक्रमों को प्रतिबंधित करने के लिए शिवमोगा में धारा 144 लगाई गई। कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कुछ दिनों के लिए सभी उच्च विद्यालयों और महाविद्यालयों को बंद करने का आदेश दिया।

10 फरवरी : कर्नाटक हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा कि राज्य में कॉलेज फिर से खुल सकते हैं, लेकिन विद्यार्थियों को मामला लंबित रहने तक ऐसी पोशाक पहनने की अनुमति नहीं दी जा सकती, जो धार्मिक हों।

11 फरवरी : अंतरिम आदेश में उच्च न्यायालय के निर्देशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिकाएं दायर की गईं।

15 मार्च : कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब को इस्लामी धार्मिक परम्परा का आवश्यक हिस्सा नहीं बनाया तथा शैक्षणिक संस्थानों में हिज़ाब पहनने पर राज्य सरकार के प्रतिबंध को बरकरार रखा। उच्च न्यायालय के फैसले को कुछ ही घंटों के भीतर शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई।

 

 

 

 

13 जुलाई : शीर्ष अदालत कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमत हुई।

22 सितंबर : सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा।

अक्टूबर 13 : सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब प्रतिबंध पर खंडित फैसला सुनाया, कर्नाटक हुईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील को वृहद पीठ के गठन के लिए प्रधान न्यायाधीश के समक्ष रखने का निर्देश दिया।

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