गेमिंग आज एक ऐसी समस्या बन गया है जिसने युवाओं का जीवन बदल दिया है। 2018 में WHO ने इसे आधिकारिक रूप से एक मनोस्थिति बताया था और इसे ‘gaming disorder ‘ भी कहा था। यह युवाओं विशेषकर टीनएजेर्स के लिए एक नशे के समान बन गया है। इसकी लत इतनी बुरी है कि इसके लिए युवा किसी को मारने से भी नहीं हिचकिचाते। इस हिंसात्मक प्रवृत्ति के अनेक प्रकरण अभी सामने आए हैं। गेमिंग के नशे से बचने के लिए युवा कुछ प्रयोग कर सकते हैं। आइए जानते हैं –

 

1) विशेषज्ञों का मानना है कि किशोरों और छोटे स्कूल जाने वाले बच्चों को 2 घंटे से ज्यादा स्क्रीन के सामने समय नहीं बिताना चाहिए। इसके लिए आप एक टाइमर या खेलने ला समय तय करें और प्रयास करें कि उस सीमित समय तक ही गेमिंग करें। यदि आप बहुत अधिक गेमिंग करते हैं तो आप बार-बार टाइमर लगा कर खेलें और फोन या कंप्यूटर से दूरी बनाने का प्रयास करें।

 

2) आप अपने गेमिंग सिस्टम को अपने बैडरूम से बाहर रखें। यह आपको नींद पूरी करने के अलावा रात को खेलने के लिए लुभाता है। यदि आपको रात में गेम खेलने की आदत है तो आप मोबाइल साथ लेकर ना सोएं या उसे ऐसे स्थान पर रख दें जहां से वह आपकी पहुंच में ना आ पाए। जब हम गेमिंग की आदत छोड़ते है तो प्रारम्भ में नींद ना आने की परेशानी आती है। ऐसे में आप किताबें पढ़कर या कुछ वर्कआउट करके ध्यान भटकाएं जिससे शरीर के थकने से नींद अपने-आप आ जाएगी।

 

 

 

3) गेमिंग की लत को छोड़ने के लिए आप एप्लीकेशन का भी प्रयोग कर सकते है। कुछ ऐसे एक्सटेंशन या एप्लीकेशन इनस्टॉल कर सकते हैं जो खेलने के समय को सीमित कर सकते हैं। इसमें ऐसा सिस्टम भी होता है कि यदि आप उस गेम को ब्लॉक भी कर सकते हैं और एक समय बाद आपका डिवाइस लॉक भी कर सकते हैं। Game Boss प्रोग्राम आपको समय सीमा में बांध सकता है और गेमिंग वेबसाइट को ब्लॉक भी करता है। यदि आप किसी वेबसाइट पर खेलते हैं तो गूगल Chrome के लिए StayFocusd और Firefox के लिए LeechBlock जैसे एक्सटेंशन का प्रयोग कर सकते हैं। स्मार्टफोन के लिए Offtime या Breakfree एप्प का उपयोग कर सकते हैं।

 

4) आप अपना ध्यान कुछ रोचक गतिविधियां करके भटका सकते हैं। उन कार्यों को खोजें जिनसे आपको आनंद मिलता था। कुछ नया करने का प्रयास करें। वह करने का प्रयास करें जो गेमिंग के कारण आपने करना छोड़ दिया। आप किताबे पढ़ें, सैर के लिए जाएं, मैदानी खेल खेलें, परिवार के साथ समय बिताएं, उनसे बातें करें, या फिर एक नए शौक या कोई रचनात्मक कार्य करने की योजना बनाएं।

 

5) कई बार हम किसी चिंता से ध्यान भटकाने के लिए या तनावग्रस्त होने पर गेमिंग करते हैं। ऐसे में यह थोड़ी देर के लिए रहत देने का कार्य एक बुरी आदत बन जाता है। आप इसके लिए कुछ वैकल्पिक अल्टरनेटिव खोजें जिससे जब आपके मन में ऐसी दुर्भावनाएं आए तो आप कुछ और कर सके। उदाहरण के लिए आप ऐसी स्थिति में ध्यान,योग, व्यायाम करने के साथ अपनी भावनाएं व्यक्त करने के लिए लिखने,पढ़ने और संगीत का साथ ले सकते हैं।

 

 

 

गेमिंग से आप यदि चिड़चिड़े हो रहे हैं तो अपने परिजनों के साथ उन लोगों से भी बातचीत करें जिस पर आपको भरोसा हो, अपने मन की स्थिति उनसे साझा करें और यदि गेमिंग की लत को छोड़ना चाहते हैं तो उनसे सहायता मांगे। इन्हीं के साथ आप काउंसलिंग भी ले सकते हैं।

आकाश भगत

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