सावधान! कोरोना के बदल रहे हैं रूप; एंटी बॉडी के भरोसे न रहें

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  • आप फिर हो सकते हैं संक्रमित

यह खबर उन लाेगाें के को सावधान करने वाली है, जो कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव होने के बाद एंटीबॉडी बनने की सोचते हुए बेफिक्र हो चुके हैं। ऐसे लोगों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। पॉजिटिव से निगेटिव होने के बाद भी कोरोना से बचाव की एडवाइजरी की पूरी तरह से पालना करनी चाहिए। कोरोना वायरस अपना स्ट्रेन (वायरस की प्रकृति/रूप) बदल रहा है।

पॉजिटिव से निगेटिव होने के बाद रोगी फिर कोरोना के संक्रमण के शिकार हो रहे हैं। जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. केएस कामरा और हरियाणा के रोहतक में एक निजी बैंक में कार्यरत शहर के युवक को कोरोना की जंग जीतने के बाद दोबारा संक्रमण हो चुका है। पीएमओ डॉ. कामरा पहले 9 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव हुए।

एक बार संक्रमण से उबरने के बाद 6 नवंबर को उनकी पॉजिटिव रिपोर्ट दोबारा आई। बैंक कर्मी युवक 10 सितंबर को पहली बार संक्रमित हुए और ठीक होने के बाद 18 अक्टूबर को फिर दोबारा पॉजिटिव हो गए। डॉक्टर्स के अनुसार कोरोना वायरस स्ट्रेन बदलने की वजह से नया खतरा बन रहा है।

डॉक्टर बोले…जांच में यह भी सामने आया ज्यादा, सावधान रहें, लापरवाही न करें

डॉक्टर्स के अनुसार काेविड पॉजिटिव से निगेटिव हाेने के बाद जब शरीर में पर्याप्त एंटीबॉडी थी ताे डाॅक्टर सहित अन्य फिर से पॉजिटिव कैसे हाे गए। इस मामले में डाॅक्टराें का मानना है कि संक्रमण और बीमारी दाे अलग-अलग बाते हैं। संक्रमण तब हाेता है जब काेई वायरस हमारे शरीर में चला जाता है और बीमारी तब हाेती है जब वायरस मल्टीप्लाई हाेना शुरू हाे जाता है। शाेध में यह भी सामने आया कि बुजुर्ग व गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों काे संक्रमण का फिर से ज्यादा खतरा है। विश्व में ऐसा काेई शाेध नहीं है जाे यह साबित करे कि निगेटिव अाने के बाद काेई फिर से पॉजिटिव नहीं हाेगा।

काेराेना से ठीक हाे चुके मरीजों के शरीर में एंटीबॉडी तैयार हाेगी या नहीं, यह शरीर की इम्युनिटी पर निर्भर रहता है। बुजुर्ग, शुगर, ब्लड प्रेशर, सांस में तकलीफ व अस्थमा के मरीजों में राेग प्रतिरोधक क्षमता इतनी मजबूत नहीं हाेती कि उन्हें एंटीबॉडी के भरोसे रखा जा सके।

लक्षण दिखें तो इलाज व सैंपल करवाएं :

एक बार कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव होने के बाद यदि तेज बुखार अा रहा है, गले में खराश है, सूखी खांसी, उल्टी-दस्त की शिकायत, चलने में सांस फूल रही है, हाथ-पैर दर्द कर रहे हैं, आंखें लाल हाे रही हैं, खाना नहीं अच्छा लग रहा, स्वाद का पता नहीं लग रहा ताे तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर इलाज करवाना चाहिए। सैंपलिंग करवानी चाहिए। परिवार से अलग होकर क्वारेंटाइन हो जाना चाहिए। ताकि दूसरे सदस्यों में संक्रमण न फैले।

डॉक्टर्स के अनुसार सर्दियों में कोरोना का प्रकोप बढ़ने की आशंका रहेगी। तब सर्द हवाओं से बचाव के लिए खिड़कियां व दरवाजा बंद रखे जाते हैं। धूप कम रहती है। ऐसी स्थिति में कोरोना वायरस ज्यादा समय एक्टिव रहता है। धूप की कमी की वजह से विटामिन डी की कमी रहती है। ठंड की वजह से बार-बार हाथ धोना भी मुश्किल हो जाता है

आकाश भगत

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