UP चुनाव में दीदी और बहनजी का रिपोर्ट कार्ड: कांग्रेस के 97% और बसपा के 72% उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई

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उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा के चुनावी नतीजे आ चुके हैं। प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से 255 सीटें अपने नाम कर बीजेपी सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई है, जबकि उसकी सहयोही अपना दल (एस) को 12 सीटें मिली है। सपा को 111 सीटें हासिल हुई है। वहीं कांग्रेस के खाते में 2 और बसपा को मात्र एक सीट से संतोष करना पड़ा है।  उत्तर प्रदेश की राजनीति में लंबी और प्रभावी भूमिका निभाने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का प्रदर्शन 2022 के विधानसभा चुनावों में अब तक सबसे खराब रहा है और कुल 403 सीटों में से उसे महज एक सीट मिली है। वहीं देश के सबसे प्रदेश में सरकार बानने वाली कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई कि 387 सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। 

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कांग्रेस हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में 399 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से 387 सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। जबकि केवल दो सीटें पार्टी जीतने में कामयाब हो पाई। लगभग सभी सीटों पर चुनाव लड़कर कांग्रेस को राज्य में कुल वोटों का महज 2.4 फीसदी हासिल किया। रालोद ने केवल 33 सीटों में से 2.9% वोट प्रतिशत प्राप्त किया। बीजेपी ने 376 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसमें से तीन उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। दिलचस्प यह है कि बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) की एक भी सीट पर जमानत जब्त नहीं हुई। यह दर्शाता है कि उन्हें केवल उन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका दिया गया, जिनमें उन्हें कम से कम लड़ने का मौका मिला था। था।उसने 27 सीटों पर चुनाव लड़ा था। अन्य प्रमुख दलों में, बसपा ने सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़कर 290 सीटों पर अपनी जमानत खो दी। सपा और रालोद के संयुक्त 25 उम्मीदवारों में से 8 ने अपनी जमानत राशि गंवा दी। रालोद की 33 में से तीन सीटों पर जमानत भी चली गई।

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बता दें कि उम्मीदवार जो एक निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए कुल वैध मतों का कम से कम छठा हिस्सा हासिल करने में विफल रहता है, चुनाव नियमों के तहत जमा की गई राशि को खो देता है। सभी ने बताया, यूपी में 4,442 प्रतियोगियों में से, 3,522 या लगभग 80% अपनी सुरक्षा जमा राशि वापस पाने में विफल रहे।
 

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