श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह मामले में नया मोड़, मस्जिद में नमाज रोकने के लिए याचिका दायर

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श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह मामले में एक नया मोड़ आ आ गया। उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद की एक अदालत में अर्जी दायर कर श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के पास स्थित शाही ईदगाह में नमाज पढ़े जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद को सुनने के बाद सुरक्षित फैसला रख लिया है। बता दें कि वादी के पैरोकार अधिवक्ता राजेंद्र माहेश्वरी ने बताया कि उन्होंने अर्जी में यह भी दावा किया है कि 1992 में अयोध्या स्थित बाबरी ढांचा ढहाए जाने के बाद शुरुआत में जुमे (शुक्रवार के दिन) की नमाज शुरू की गई और फिर धीरे-धीरे पांचों वक्त की नमाज अदा की जाने लगी। उन्होंने इस पर रोक लगाने की मांग की है। माहेश्वरी ने कहा कि सिविल जज सीनियर डिवीजन ज्योति सिंह की अदालत में चल रहे मामले में वादी ने कथित तौर पर ईदगाह के आसपास रास्ते को रोककर नमाज अदा करने को लेकर भी आपत्ति जतायी है।

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इसके अलावा, यह तर्क दिया गया था कि शाह ईदगाह मस्जिद का निर्माण मुगल शासक औरंगजेब द्वारा बलपूर्वक किया गया था, जिन्होंने 1669 में एक श्री कृष्ण मंदिर को ध्वस्त कर दिया था। उन्होंने कहा कि मस्जिद की दीवारों पर अभी भी हिंदू धार्मिक प्रतीकों के साथ चिह्नित किया गया था जो साबित करते हैं कि मस्जिद का निर्माण अवैध तरीके से किया गया था। और सशक्त साधन। याचिका में आरोप लगाया गया है कि मुस्लिम पक्षकार ओम, स्वास्तिक, शंख और शेष नाग जैसे हिंदू प्रतीकों को दीवारों से हटाने की कोशिश कर रहे हैं।

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सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद को सुनने के बाद सुरक्षित फैसला रख लिया है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने अदालत में पूर्व में सिविल जज सीनियर डिवीजन ज्योति सिंह की अदालत में वाद दायर किया है। इसमें श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाकर पूरी जमीन ठाकुर केशवदेव महाराज को सौंपने की मांग की गई है। इस पर सुनवाई अगले वर्ष पांच जनवरी को होगी। 

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