बंद माइंस खुलने की सुगबुगाहट के बीच कर्मचारियों ने किया बैठक
- बकाया भुगतान होने के बाद ही शुरू हो काम
- पूर्व कर्मियों को मिले प्राथमिकता
झारखण्ड/पाकुड़, अमड़ापाड़ा (संवाददाता) : विगत 01 अप्रैल 2015 से बंद पैनम कोल् माइंस बंद है, जिसके चलते सैकड़ों परिवार बेरोजगारी और भुखमरी का दंश झेल रहे है।
अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बंद पड़े पैनम कोल् माइंस के पुनः संचालन की सुगबुगाहट के बीच कर्मचारियों ने आज एक बैठक किया। बैठक में सैकड़ों की तादाद में विस्थापित एवं सेंट्रल ब्लॉक के कर्मचारी उपस्थित हुए।
- क्या है कर्मचारियों की मांगें
1) पूर्व कर्मियों को मिले प्राथमिकता
2) बकाया वेतन का हो अविलंब भुगतान
3) माइंस बन्द होने के बाद मृत सभी कर्मचारियों को मिले उचित मुआवजा
4) शारीरिक रूप से अस्वस्थ कर्मी के परिवार के किसी एक सदस्य को उसके बदले नौकरी
- विस्थापितों में है रोष
माइंस संचालन के लिए अपने ज़मीन देने वालों का भी बैठक में छलका दर्द। ज़मीन मालिक जो अब विस्थापित हो चुके है उन्हें भी पिछली कंपनी द्वारा कोई मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं हो रही है। सभी विस्थापितों ने भी मौके पर एक स्वर में कहा कि नई कंपनी काम शुरू करने के पूर्व सभी मूलभूत सुविधाओं को बहाल करें।
ज्ञात हो कि पचुवाड़ा सेंट्रल कोल ब्लॉक के लिए सुप्रीम कोर्ट में एमटा का याचिका खारिज हो चुका है। फैसला दिलीप बिल्डिकन के पक्ष में हुआ है। सेंट्रल कोल ब्लॉक में अब डीबीएल द्वारा किया माइनिंग किया जायेगा।
आज के बैठक में गौतम सामंतो, जेम्स मुर्मू एवं अन्य कई अधिकारी उपस्थित थे।