उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें: 5000 नए नोटरी अधिवक्ता होंगे नियुक्त, कानून मंत्री के प्रस्ताव को मिली केंद्र की मंजूरी

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लखनऊ। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा बेलन मुख्य नहर के रामनगर राजवाहा के कुछ भाग पर पेवर मशीन द्वारा कंक्रीट लाइनिंग हेतु प्राविधानित धनराशि 143.59 लाख रुपये परियोजना के अवशेष कार्यों पर व्यय करने के लिए अवमुक्त करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन मुश्ताक अहमद की ओर से 11 अक्टूबर, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराया जाये। इसके साथ ही वित्तीय अनुशासन का हर स्तर पर कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय।

स्वीकृति धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजना पर ही किया जाय। ऐसा न किया जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता होने पर इसका समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा। इसके अलावा नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक अनापत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लियरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जाये। प्रस्तावित कार्यों में किसी प्रकार की डुप्लीकेसी न हो। 

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अल्पिकाओं के पक्के कार्यों की पुनर्स्थापना

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा राजबाहा टीकर, देवी बांध एवं खीरी से निकलने वाले अल्पिकाओं के पक्के कार्यों की पुनर्स्थापना की परियोजना हेतु प्राविधानित धनराशि 143.55 लाख रुपये परियोजना के अवशेष कार्यों पर व्यय करने के लिए अवमुक्त करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन मुश्ताक अहमद की ओर से 11 अक्टूबर, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराया जाये। इसके साथ ही वित्तीय अनुशासन का हर स्तर पर कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय।

स्वीकृति धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजना पर ही किया जाय। ऐसा न किया जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता होने पर इसका समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा। इसके अलावा नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक अनापत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लियरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जाये। प्रस्तावित कार्यों में किसी प्रकार की डुप्लीकेसी न हो।

आगरा में मण्डी गुड़ निरीक्षण भवन की पुनर्स्थापना

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद आगरा में मण्डी गुड़ निरीक्षण भवन के पुनर्स्थापना की परियोजना हेतु प्राविधानित धनराशि 79.94 लाख रुपये में से 67 लाख 50 हजार रुपये परियोजना के लिए अवमुक्त करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन मुश्ताक अहमद की ओर से 12 अक्टूबर, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही कार्य प्रारम्भ कराया जाये। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराया जाये। इसके साथ ही वित्तीय अनुशासन का हर स्तर पर कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय।

स्वीकृति धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजना पर ही किया जाय। ऐसा न किया जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता होने पर इसका समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा। इसके अलावा नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक अनापत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लियरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जाये। प्रस्तावित कार्यों में किसी प्रकार की डुप्लीकेसी न हो। 

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कृषि विपणन सुविधा

उ0प्र0 के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में कृषि विपणन सुविधाओं हेतु विभिन्न जनपदों के 37 राजस्व ग्राम/बसावटों को पक्के सम्पर्क मार्गों से जोड़ने हेतु ग्रामीण सम्पर्क मार्गों के नवनिर्माण/पुनर्निर्माण/मिसिंग लिंक एवं अन्य ग्रामीण मार्गों के चालू कार्यों हेतु रू0 09 करोड़ 42 लाख 92 हजार की धनराशि का आवंटन उ0प्र0 शासन द्वारा किया गया है। इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश उ0प्र0 शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है।

इन 37 चालू ग्रामीण कार्यों में जनपद लखीमपुर खीरी में 23, गाजीपुर में 08, कानपुर देहात में 04 तथा मिर्जापुर में 02 कार्य शामिल हैं। जारी शासनादेश में निर्देशित किया गया है कि आवंटित धनराशि का उपयोग अंकित परियोजनाओं पर ही मानक/विशिष्टियों के अनुरूप व्यय की जाय तथा निर्धारित मानकों के अनुसार गुणवत्तापरक रूप से कार्यों को पूर्ण कराकर उपयोगिता प्रमाण-पत्र एवं फोटोग्राफ शासन को उपलब्ध कराया जाय।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिये हैं कि इन कार्यों में वित्तीय नियमों का अक्षरसः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय तथा जारी शासनादेशों में उल्लिखित दिशा-निर्देशों का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाय।

घोषणा-पत्र भरने की अन्तिम तिथि 30 अक्टूबर तक बढ़ायी गई

प्रदेश के गन्ना किसानों की सुविधा तथा किसानों की संख्या एवं सुझावों के दृष्टिगत ई.आर.पी. की वेबसाइट-मदुनपतलण्बंदमनचण्पद पर ऑनलाइन घोषणा पत्र भरने की अन्तिम तिथि को 15 अक्टूबर, 2021 से बढ़ाकर 30 अक्टूबर, 2021 करते हुए एक और अन्तिम अवसर प्रदान किया गया है।

इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि पूर्व में ऑनलाइन घोषणा-पत्र भरने की अन्तिम तिथि 15 अक्टूबर, 2021 निर्धारित की गयी थी, परन्तु अन्तिम तिथियों में रामनवमी एवं दशहरा आदि के अवकाश होने के कारण कुछ कृषक घोषणा-पत्र भरने से वंचित रह गये। इन कृषकों की सुविधा एवं विभाग के टोल-फ्री नम्बर पर गन्ना किसानों द्वारा किये जा रहे अनुरोध के दृष्टिगत गन्ना किसानों को घोषणा-पत्र भरने के लिए अन्तिम अवसर प्रदान करते हुए अन्तिम तिथि को बढ़ाने का निर्णय लिया गया। प्रोजेक्ट के अन्तर्गत आसन्न पेराई सत्र 2021-22 हेतु गन्ना किसानों द्वारा सुविधा पूर्वक अपने घोषणा-पत्र ऑनलाइन भरे जा रहे हैं।

गन्ना आयुक्त ने किसानों से अपील की है कि प्रत्येक दशा में इस अन्तिम अवसर का लाभ लेते हुए आसन्न पेराई सत्र 2021-22 हेतु 30 अक्टूबर, 2021 तक घोषणा-पत्र भर दें। इसके बाद घोषणा-पत्र भरने की तिथि को बढ़ाया जाना सम्भव नहीं होगा। अन्तिम तिथि तक घोषणा-पत्र न भरने वाले गन्ना किसानों का सट्टा संचालित नहीं हो सकेगा। 

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अभिकरणों के विभागाध्यक्षों के साथ बैठक संपन्न

प्रमुख सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, उ0 प्र0 शासन, दीपक कुमार की अध्यक्षता में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के विभिन्न अभिकरणों के विभागाध्यक्षों के साथ वर्चुवल बैठक संपन्न हुई, जिसमें एक मुश्त समाधान योजना की प्रगति, सम्पति सृजन के अन्तर्गत दुर्बल, अल्प, मध्यम एवं उच्च आय वर्ग के भवनों की प्रगति, वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु निर्धारित वृक्षारोपण के लक्ष्य के सापेक्ष अद्यतन उपलब्धि के सम्बन्ध में प्रगति तथा ओ0बी0पी0ए0एस0 पोर्टल पर लम्बित मानचित्रों के त्वरित निस्तारण हेतु आयोजित विशेष मानचित्र शिविर में मानचित्र निस्तारण की प्रगति की समीक्षा की गई। इसके अतिरिक्त अवैध निर्माण/अतिक्रमण के विरूद्व प्रभावी प्रवर्तन हेेतु चलाये जा रहे ध्वस्तीकरण अभियान, भू-माफियाओं से रिक्त करायी गयी भूमि पर प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक एएचपी के अन्तर्गत भवनों का निर्माण किये जाने के संबन्ध में लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर व अन्य विकास प्राधिकरणों से चर्चा की गयी तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।

पुनर्वास विश्वविद्यालय में पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन

प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा विभिन्न श्रेणी के दिव्यांग विद्यार्थियों को बाधा रहित वातावरण में समेकित शिक्षा के अंतर्गत गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान किए जाने के उद्देश्य से स्थापित डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय हेतु पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन 21, 22 व 23 अक्टूबर 2021 को ‘अटल प्रेक्षागृह’ में पूर्वान्ह 10:00 बजे से अपराह्न 4:00 बजे तक किया जायेगा।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव, अमित कुमार सिंह ने बताया कि पुस्तक क्रय प्रक्रिया हेतु इंपैनलमेंट के लिए चयनित वेंडर्स/पब्लिशर्स हेतु विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमानुसार पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है, जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. राणा कृष्ण पाल सिंह की अध्यक्षता में पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जाएगा। विश्वविद्यालय के समस्त अधिष्ठाता/संकायाध्यक्ष/विभागाध्यक्ष एवं विद्यार्थीगण इन तिथियों में आयोजित पुस्तक प्रदर्शनी में प्रतिभाग करेंगे एवं क्रय हेतु नवीन पुस्तकों का चयन करेंगे।

कानून मंत्री ब्रजेश पाठक के प्रस्ताव को केन्द्र की मंजूरी मिली

प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक पिछले 3 वर्षों से राज्य में नोटरी अधिवक्ताओं के पदों की बढ़ोत्तरी के लिए लगातार प्रयत्नशील थे। इसके लिए उन्होंने बार-बार केन्द्रीय कानून मंत्री तथा कानून मंत्रालय के उच्चाधिकारियों से मुलाकात कर राज्य का पक्ष रखा और नोटरियों के कम पद होने के कारण उत्पन्न कठिनाइयों से अवगत कराया। उनके मार्गदर्शन में प्रदेश का न्याय विभाग भी लगातार भारत सरकार से पत्राचार करता रहा। ब्रजेश पाठक ने व्यक्तिगत आग्रह करके केन्द्रीय कानून मंत्री की अध्यक्षता में न्याय विभाग के केन्द्रीय व राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया। पाठक के इन सब प्रयासों से अन्ततः केन्द्र सरकार ने सहमत होते हुए उत्तर प्रदेश को 5000 नोटरी के अतिरिक्त पद आवंटित करते हुए दिनांक 18.10.2021 को अधिसूचना जारी कर दी। इन पदों में से आधे राज्य सरकार एवं आधे केन्द्र सरकार द्वारा भरे जायेंगे। 

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विदित हो कि अभी तक उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में नोटरी के कुल 2625 पद ही थे, जिस कारण से वादकारियों तथा आम जनता को तमाम प्रकार की विधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था। विगत 03 वर्ष पूर्व जब मामला राज्य के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक के सामने आया तो उन्होंने उसी दिन से इस समस्या के समाधान का प्रयास शुरू कर दिया था। केन्द्रीय कानून मंत्री से बार बार मुलाकात तथा बैठकें करके एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार के उच्चाधिकारियों के समक्ष स्वयं व अपने विभागीय अधिकारियों के माध्यम से सरकार का लगातार पक्ष रखते रहे। जिसका परिणाम यह रहा है कि भारत सरकार ने राज्य सरकार के पक्ष से सहमत होते हुए प्रदेश को 5000 अतिरिक्त नोटरी के पद आवंटित कर दिए। यहॉं यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि ब्रजेश पाठक के अनवरत प्रयासों से ही यह सम्भव हो सका। इससे जहॉं एक तरफ प्रतीक्षारत तमाम अधिवक्ताओं के लिए व्यापक अवसर उत्पन्न हुआ है तो दूसरी ओर आम जनता और वादकारियों को होने वाली कठिनाईयों का समाधान हो सकेगा।

इसके अतिरिक्त उ0प्र0 राज्य में नोटरी अधिवक्ताओं की लम्बे अरसे से चली आ रही कमी भी पूरी हो सकेगी क्योंकि उ0प्र0 राज्य में सबसे बड़ी जनसंख्या वाला राज्य होने के साथ ही बड़ी संख्या में नयें न्यायालयों का गठन भी किया गया है। इसके अलावा नये न्यायाधीशों के पदों का भी सृजन किया गया है। नयी तहसीलें भी बड़ी संख्या में बढ़ी हैं। नये पदों के सृजन में 610 पद सिविल जज जूनियर डिवीजन, 100 पद सिविल जज सीनियर डिवीजन, 100 पद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश स्तर के, 110 नयी पारिवारिक अदालतें, 218 नये फास्ट ट्रैक पॉक्सो कोर्ट, 100 कोर्ट फास्ट ट्रैक महिलाओं के लिए, 13 नयें कामर्शियल कोर्ट व सभी जनपदों में मोटर एक्सीडेन्ट ट्रिब्यूनल की स्थापना की गई। जिसमें नोटरी अधिवक्ताअें की काफी कमी हो गयी थी।

एक अध्ययन के मुताबिक अधिवक्ताओं, जो नियुक्त होने हैं, उन्हें कम से कम 30 हजार रूपये मासिक लाभ होने वाला है, इसके अतिरिक्त इन पांच हजार नोटरी अधिवक्ता नियुक्त होने से अप्रत्यक्ष रूप से 5 हजार अतिरिक्त सहायकों के रोजगार के अवसर मिलेंगे।

आज कानून मंत्री ने अपने कार्यालय कक्ष में न्याय विभाग के अधिकारियों की एक बैठक बुलाकर उन्हें निर्देशित किया कि भारत सरकार द्वारा आवंटित पदों पर भर्ती की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाये। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि इसमें कोई लापरवाही न होने पाये।

प्रदेश में अब तक 5934 मीट्रिक टन हुई धान खरीद

खरीफ क्रय वर्ष 2021-22 में मूल्य समर्थन योजना के तहत प्रदेश में स्थापित विभिन्न क्रय केन्द्रों के माध्यम से अब तक 5934 मीट्रिक टन धान की खरीद की गयी है। इस योजना से 1274 किसान लाभान्वित हुए हैं। खाद्य एवं रसद विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज 1565.90 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है। इस बार विभिन्न श्रेणी के धान के समर्थन मूल्य के तहत कॉमन धान श्रेणी 1940 रुपये प्रति कुन्तल तथा ग्रेड-ए के धान का मूल्य 1960 रुपये प्रति कुन्तल की दर से खरीद की जा रही है।

खाद्यान्न का नियमित वितरण

प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत जनपदों में वितरण के दूसरे चक्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अंतर्गत आच्छादित अंत्योदय एवं पात्र गृहस्थी लाभार्थियों को आवश्यक वस्तुओं का वितरण कराया जा रहा है। खाद्यान्न का नियमित वितरण 20 अक्टूबर, 2021 से 31 अक्टूबर, 2021 के मध्य होगा। अन्त्योदय कार्डधारकों को प्रति कार्ड 35 किग्रा0 खाद्यान्न (20 किग्रा0 गेहूँ व 15 किग्रा0 चावल) तथा पात्र गृहस्थी कार्डधारकों से सम्बद्ध यूनिटों पर 05 किग्रा0 खाद्यान्न प्रति यूनिट (03 किग्रा0 गेहूँ व 02 किग्रा0 चावल) वितरित किया जायेगा। दोनों प्रकार के राशन कार्डधारकों को देय गेहूँ का मूल्य 02 रूपये प्रति कि0ग्रा0 तथा चावल का मूल्य 03 रूपये प्रति कि0ग्रा0 होगा।

यह जानकारी अपर खाद्य आयुक्त, अनिल कुमार दुबे ने देते हुए बताया कि राशन कार्डधारकों को पोर्टेबिलिटी के तहत खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा अनुमन्य रहेगी। उन्होंने बताया कि वितरण की अन्तिम तिथि 31 अक्टूबर, 2021 होगी, इस दिन आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से खाद्यान्न प्राप्त न कर सकने वाले उपभोक्ताओं हेतु मोबाइल ओ.टी.पी. वेरीफिकेशन के माध्यम से वितरण सम्पन्न किया जा सकेगा।

दुबे ने बताया कि मोबाइल ओ.टी.पी. वेरीफिकेशन के माध्यम से सम्पन्न होने वाले वितरण के समय कार्डधारक से आधार प्रमाणीकरण न होने का कारण तथा उसका/परिवार के किसी अन्य सदस्य का मोबाइल नम्बर संरक्षित किया जाएगा तथा पूर्ति निरीक्षक द्वारा उस मोबाइल नम्बर की पुष्टि सुनिश्चित करते हुए कार्डधारक के उस मोबाइल नम्बर को राशनकार्ड मैनेजमेंट सिस्टम में लाभार्थी के डाटाबेस में फीड कराया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। इस मोबाइल नम्बर का प्रयोग मोबाइल ओ.टी.पी. वेरीफिकेशन हेतु किया जाएगा तथा प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी पात्र लाभार्थी खाद्यान्न प्राप्ति से वंचित न रहें। 

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महिला पेंशन योजना

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों को 500 रूपये प्रतिमाह की दर से चार तिमाही में पेंशन का भुगतान पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से किया जा रहा है। महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित इस योजना के अन्तर्गत 18 वर्ष से अधिक आयु की ऐसी महिलाएं जो उत्तर प्रदेश की स्थायी निवासी हो व उनके पति की मृत्यु हो चुकी हो तथा उनकी पारिवारिक वार्षिक आय 2.00 लाख रूपये से अधिक न हो को पात्र लाभार्थियों के रूप में उनके बैंक खाते में हस्तान्तरित की जा रही है।

वित्तीय वर्ष 2016-17 में पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत कुल 1731941 लाभार्थियों को पेंशन का लाभ प्रदान किया जा रहा था। वर्ष 2017 से वर्ष 2021 तक इस योजना के अन्तर्गत 12 लाख से अधिक नए लाभार्थी जुडे हैं। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु विभाग लाभार्थी की आयु की अधिकतम सीमा को समाप्त किया गया तथा लाभार्थियो की वार्षिक आय 2.00 लाख रूपये निर्धारित की गयी। इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 तक 29 लाख से अधिक लाभार्थियो को लाभान्वित किया गया है।

उपरोक्त के अंर्तगत गत वर्ष में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना विशेष पैकैज के रूप में पात्र लाभार्थियों को नियमित अनुदान के साथ ही 500 रूपये की 02 किश्तों मे 1000 रूपये की अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान की गयी है।

जागरूकता शिविर का आयोजन

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग द्वारा मिशन-शक्ति फेज-3 के अन्तर्गत महिलाओं से सम्बन्धित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ दिलाये जाने तथा महिला उत्पीड़न की रोकथाम व महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाये जाने के उद्देश्य से तथा आवेदक/आवेदिकाओं की सुगमता की दृष्टि से 21 अक्टूबर तथा 22 अक्टूबर, 2021 को प्रदेश के विभिन्न जनपदों में जागरूकता शिविर का आयोजन एवं महिला जनसुनवाई की जायेगी। 21 अक्टूबर को जनपद अयोध्या तथा 22 अक्टूबर को जनपद गाजियाबाद में महिला आयोग की अध्यक्ष मती बिमला बाथम द्वारा महिला जनसुनवाई की जायेगी। 21 अक्टूबर को जनपद बुलन्दशहर में महिला आयोग की उपाध्यक्ष मती सुषमा सिंह तथा 22 अक्टूबर को जनपद सीतापुर में महिला आयोग की उपाध्यक्ष मती अंजू चौधरी द्वारा महिला जनसुनवाई की जायेगी।

महिला आयोग की सदस्य मती अनीता सिंह मिर्जापुर, महिला आयोग की सदस्य मती सुमन चतुर्वेदी इटावा, महिला आयोग की सदस्य मती इन्द्रवास सिंह बस्ती, महिला आयोग की सदस्य मती सुनीता बंसल शाहजाहांपुर, महिला आयोग की सदस्य मती निर्मला द्विवेदी बलिया, महिला आयोग की सदस्य मती राखी त्यागी शामली, महिला आयोग की सदस्य मती निर्मला दीक्षित कासगंज, महिला आयोग की सदस्य मती मीना कुमारी हापुड़, महिला आयोग की सदस्य डा0 कंचन जायसवाल ललितपुर, महिला आयोग की सदस्य मती प्रभा गुप्ता चित्रकूट, महिला आयोग की सदस्य मती पूनम कपूर व महिला आयोग की सदस्य मती रंजना शुक्ला कानपुर नगर, महिला आयोग की सदस्य सु उषा रानी प्रयागराज, महिला आयोग की सदस्य मती अनिता सचान फतेहपुर, महिला आयोग की सदस्य मती शशि मौर्या जौनपुर, महिला आयोग की सदस्य मती कुमुद वास्तव श्रावस्ती, महिला आयोग की सदस्य मती रामसखी कठेरिया बुलन्दशहर, महिला आयोग की सदस्य मती संगीता तिवारी कुशीनगर, महिला आयोग की सदस्य मती अवनी सिंह रामपुर, महिला आयोग की सदस्य मती सुमन सिंह सुल्तानपुर, महिला आयोग की सदस्य मती मनोरमा शुक्ला बहराइच, महिला आयोग की सदस्य मती अंजू प्रजापति पीलीभीत, महिला आयोग की सदस्य मती अर्चना मऊ तथा महिला आयोग की सदस्य मती मिथिलेश अग्रवाल फर्रूखाबाद में 21 अक्टूबर, 2021 को जागरूकता शिविर का आयोजन एवं महिला जनसुनवाई की जायेगी।

मिशन-शक्ति फेज-3 के अन्तर्गत महिलाओं से सम्बन्धित विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं विषयक जागरूकता शिविर का आयोजन कराया जायेगा। शिविर में उपस्थित व्यक्तियों को विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दिलायी जायेगी तथा योजनाओं से सम्बन्धित साहित्य उपलब्ध कराये जाने के साथ ही पात्रांे का सुसंगत योजनाओं में यथासम्भव पंजीकरण भी कराया जायेगा। उ0प्र0 शासन द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं यथा निराश्रित महिलाओं को पेंशन वृद्धावस्था पेंशन, आयुष्मान कार्ड बनवाने जाने, कन्या सुमंगला योजना से आच्छादित बालिकाओं को लाभ दिलाये जाने, बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओ, योजना से जनपद की महिलाओं को लाभान्वित किया जायेगा।

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