क्या दिल्ली में होगा ब्लैक आउट? सिर्फ 1 दिन का बचा कोयला

- केजरीवाल ने PM को लिखा पत्र
- टाटा पावर ने उपभोक्ताओं को भेजा मैसेज
राजधानी दिल्ली में आने वाले दिनों में बिजली संकट बढ़ सकता है। बिजली संकट पर दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने बिजली कंपनियों के साथ बैठक की है वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को मेसेज भेजकर बताया जा रहा है कि दिल्ली में बिजली संकट आ सकता है। क्या है पूरा मामला इस रिपोर्ट में आपको बताते हैं।
- दिल्ली में 1 दिन का स्टॉक बचा
दिल्ली सरकार में ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि पूरे देश में कोयले से चलने वाले पावर प्लांट में कोयले की बहुत कमी है। दिल्ली को जिन प्लांट से बिजली आती है उनमें 1 दिन का स्टॉक बचा है, कोयला बिल्कुल नहीं है। केंद्र सरकार से अपील है रेलवे वैगन का इस्तेमाल कर कोयला जल्द पहुंचाया जाए।
- मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयला और गैस देने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। इसके अलावा उन्होंने बिजली के अधिकतम दाम 20 रुपये प्रति यूनिट तय करने की मांग रखी है।
- टाटा पावर ने उपभोक्ताओं को किया मैसेज
टाटा पावर ने उपभोक्ताओं को मेसेज भेजकर आगाह किया है। संदेश में कहा गया है कि दोपहर दो बजे से शाम 6 बजे के बीच बिजली सप्लाई में दिक्कत आ सकती है। टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (TPDDL) ने उपभोक्ताओं से संयम बरतने का आग्रह किया है। टाटा पावर उत्तर और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में सप्लाई करता है।
- देश का कोयला भंडार
देश में 300 अरब टन कोयला भंडार है। देश में कोयला का आयात 2.2 करोड़ टन है। कोयले से बिजली का 203 गीगावाट उत्पादन होता है। ये कुल बिजली का 70 प्रतिशत है।
- देश में कितना कोयला अभी बचा हुआ है?
कोयले से विद्युत उत्पादन करने वाले कुल थर्मल पावर प्लांट्स 135 हैं।72 पावर प्लांट्स के पास 3-5 दिन का स्टॉक बचा हुआ है।50 पवार प्लांट्स के पास 10 दिन का स्टॉक बचा है। केवल 13 प्लांट्स के पास 10 दिन से ज्यादा का स्टॉक है।
(ये आंकड़ा 5 अक्टूबर 2021 तक का है। )
- देश में बिजली की मांग
अगस्त 2019- 10660 करोड़ यूनिट प्रति महीना
अगस्त 2021- 12420 करोड़ यूनिट प्रति महीना
(खपत बढ़ी तो कोयले की मांग भी बढ़ी)
- कोयला उत्पादन की बाधाएं
भूमि अधिग्रहण- राज्य सरकार का विषयवन और पर्यावरण से जुड़ी कई तरह की मंजूरीरेलवे रैक्स की कमी (300 अरब टन भंडारण के बावजूद उत्पादन में कमी)
- बारिश की वजह से भारत की कई कोयला खदानों में पानी भर
भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कोयले का उत्पादक देश है। इस साल सितंबर महीने में भारत में नॉर्मल से 27 फीसदी ज्यादा रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई। इस बारिश की वजह से भारत की कई कोयला खदानों में पानी भर गया और वहां हफ्तों तक खनन का काम ठप्प रहा। कोयला खदानों से निकल कर पावर प्लांट्स तक नहीं जा पाया। जिस कारण से भारत के पावर प्लांट्स में कोयले की किल्लत हो गई है। वहीं दूसरी तरफ भारत में बिजली की कुल खपत भी इन्हीं महीनों में बढ़ी है।