लखीमपुर हिंसा: भारतीय किसान संघ ने कहा- वामपंथी तरीकों से घटना को दिया गया अंजाम, लिप्त लोगों को मिले सजा

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रविवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में किसान प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद से लगातार यह मामला चर्चा में है। इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। इन सब के बीच इस मामले पर भारतीय किसान संघ ने अपना बयान दिया है। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भारतीय किसान संघ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में जो घटना घटी, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। घटना में लिप्त लोग किसान नही थे, विविध राजनैतिक दलों के थे, वामपंथी तरीकों से घटना को अंजाम दिया गया। 
 

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भारतीय किसान संघ ने आगे कहा कि लाठियों से पीट-पीटकर लोगों की निर्मम हत्या की गई, जो कम से कम किसान तो नही कर सकते। जैसे प्रोफेसनल लोगों ने, जल्लादों ने यह कार्य किया हो। इस घटना की जितनी निन्दा की जावे, कम है। इस प्रकार के कृत्यों में लिप्त लोगों को कठोरतम दण्ड दिया जाना चाहिए। भारतीय किसान संघ मांग करता है कि इस जघन्य घटना की निष्पक्ष जांच जल्दी से जल्दी करके मृतकों के परिजनों को न्याय मिलें। भारतीय किसान संघ मृतक परिजनों के साथ संवेदना प्रकट करता है।
 

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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को यहां भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। यह घटना तिकोनिया कोतवाली क्षेत्र के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई। खबरों के मुताबिक दो एसयूवी वाहनों द्वारा कथित रूप से प्रदर्शनकारियों को कुचले जाने के बाद नाराज किसानों ने दो एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) में आग लगा दी। खीरी के जिलाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने तिकोनिया में मीडियाकर्मियों को बताया कि इस घटना में चार किसान और चार अन्य (एसयूवी सवार) मारे गए।
 

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