कड़े नियमों के साथ दिल्ली में आयोजित किए जाएंगे रामलीला

- पुतलों को जलाने पर लगेगी रोक
दिल्ली सरकार ने कड़े प्रतिंबधों के बाद राजधानी में दशहरा और दुर्गा पूजा समारोहों के लिए मंजूरी दे दी है वहीं, पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने बयान में साफ कर दिया है कि इस साल शहर में पटाखा प्रतिबंध को देखते हुए पुतला जलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक, सरकार ने दशहरा के दौरान पुतला जलाने को लेकर कोई विशेष निर्देश की घोषणा नहीं की है। हालांकि, पटाखे को जलाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है तो इसलिए पुतला जलाने पर भी प्रतिबंध लगा रहेगा।
- इस साल फीका रहेगा दशहरा
पर्यावरण अधिकारियों के मुताबिक, पुतलों को जलाने पर कोई रोक नहीं है, लेकिन पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है जो कि पुतलों का ही हिस्सा हैं।बता दें कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्रधिकरण DDMA ने बुधवार को ऐलान करते हुए कुछ प्रतिबंधों के साथ सार्वजनिक स्थलों पर रामलीला, दशहरा और दुर्गा पूजा समारोह के होने की अनुमति दे दी है। DDMA ने निर्देश देते हुए कहा कि, इन समारोह का आयोजन कर रहे आयोजकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि लोगों की संख्या एक जगह में सीटों की कुल संख्या से अधिक न हो। बता दें कि, इन समारोहों में ने ही मेले और कोई स्टॉल को भी लगाने पर रोक लगा दी है। मास्क पहनने का 100 फीसदी लोग पालन करें और लोगों के प्रवेश और निकास के लिए भी अलग होने चाहिए।
गौरतलब है कि, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 15 सितंबर को दिल्ली में पटाखों की बिक्री, स्टोर करके रखना और उनके उपयोग पर पूरी तरह से बैन लगाने की घोषणा की है। केजरीवाल ने कहा कि, दिवाली के दौरान दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में काफी तेजी से वृद्धि होती है जिसको नियंत्रण में लाना काफी आवश्यक है। इसी बीच मंगलवार को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने इसे अधिसूचित करते हुए प्रतिबंध को 1 जनवरी 2022 तक जारी रखने की घोषणा की है।
- क्या कहते है रामलीला के आयोजक
रामलीला के आयजकों ने डीडीएमए को EYE WASH करार देते हुए कहा कि, सरकार ने हम पर जिम्मेदारी डाल दी है। रामलीला की तैयारी के लिए बहुत कम समय रह गया है। बहुत सारे मुद्दों पर अस्पष्टता बनी हुई है जिसमें से पुतला जलाना एक अहम मुद्दा है। श्री रामलीला समिति के महासचिव राजेश खन्ना ने कहा कि, दिल्ली में आयोजित होने वाली रामलीला सबसे पुरानी और सबसे बड़ी रामलीलाओं में से एक का आयोजन करती है। कई निवासी कल्याण संघों और आयोजकों ने यह भी बताया कि अगर इस दशहरे में शहर में पुतला जलाने की अनुमति नहीं दी गई तो कई स्थानीय समारोह भी प्रभावित होंगे।
आरके पुरम रामलीला धार्मिक समिति के अनिल शर्मा ने कहा कि, बिना पुतला फूंक दिए दशहरे का क्या मतलब होगा? जबकि हम शहर में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने वाले किसी भी निर्णय का पुरजोर समर्थन करते हैं, सरकार को कम से कम हरे पटाखों की अनुमति देनी चाहिए, ताकि हमारे उत्सव प्रभावित न हों। उत्सव शुरू होने में बमुश्किल दो सप्ताह हैं और हम अभी भी दिशानिर्देशों के बारे में अनिश्चित हैं, और इससे हमारे पास कुछ भी करने का समय नहीं बचेगा”।