‘हे अर्जुन ! मन अशांत है और इसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन…’, आखिर कौन सा राजनीतिक संदेश दे रहे तेज प्रताप ?

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राष्ट्रीय जनता दल में मचे घमासान के बीच आज लालू यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने एक ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में उन्होंने भागवत गीता का एक उपदेश लिखा है। इस ट्वीट के बाद ऐसा लग रहा है कि तेज प्रताप यादव अब बागी तेवर को छोड़कर अपने काम पर फोकस करना चाहते हैं। तेज प्रताप में यह बदलाव इसलिए भी देखने को मिल रहा है क्योंकि अब वह अपनी बातें सीधा ना कहकर सोशल मीडिया के जरिए इशारों में कह रहे हैं। समस्तीपुर के हसनपुर से विधायक तेज प्रताप यादव ने ट्वीट किया।

.हे अर्जुन ! मन अशांत है और इसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है। pic.twitter.com/s6I5G5D6Wy

— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) September 3, 2021 अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘हे अर्जुन ! मन अशांत है और इसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।’ इस ट्वीट के साथ तेज प्रताप यादव ने श्री कृष्ण और अर्जुन की तस्वीर भी साझा की जिसमें श्री कृष्ण अर्जुन को समझाते नजर आ रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि इस तस्वीर के जरिए तेज प्रताप यादव छोटे भाई तेजस्वी यादव को बड़ा संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर तेज प्रताप यादव का मन व्याकुल क्यों है? वह अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को क्या संदेश देना चाहते हैं? क्योंकि अक्सर तेजप्रताप अपने छोटे भाई को अर्जुन और खुद को उनका सारथी कृष्ण बताते हैं।

 

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शुक्रवार को भी तेज प्रताप यादव ने भगवत गीता का उपदेश ट्वीट किया था। इस उपदेश में उन्होंने लिखा कि फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है। माना जा रहा है कि जगदानंद सिंह के साथ विवाद के बाद तेज प्रताप यादव ने दिल्ली में पिता लालू यादव से मुलाकात की थी। लालू यादव के समझाए जाने के बाद उनके बागी रवैया में बदलाव देखने को मिल रही है।
 

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